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केजरीवाल सरकार की बड़ी विफलता! दिल्ली में10 लाख दिव्यांगों में से सिर्फ 22 के पास यूनिक कार्ड - Vijendra Gupta

केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित दिव्यांग अधिनियम 2016 को दिल्ली में लागू करने में ढाई साल लगा दिए. उसके बाद अब दिव्यांगों को यूनिक डिसेबिलिटी कार्ड जारी नहीं किए जा रहे हैं.

10 लाख दिव्यांगों में से सिर्फ 22 के पास यूनिक कार्ड
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Published : Jun 12, 2019, 7:30 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं, विभिन्न छूटों, आरक्षण का लाभ पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी यूनिक डिसेबिलिटी कार्ड उपलब्ध कराने में केजरीवाल सरकार बुरी तरह विफल रही है. दिल्ली में लगभग10 लाख दिव्यांगों में से अभी तक मात्र 22 को यूनिक डिसेबिलिटी कार्ड उपलब्ध कराए गए हैं. इस मसले पर नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर गहरी चिंता जताई है.

only 22 disabled have Unique Card out of 10 lakhs disabled in delhi
10 लाख दिव्यांगों में से सिर्फ 22 के पास यूनिक कार्ड

'रोजगार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता'
भाजपा विधायक व नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय तथा सशक्तिकरण विभाग ने इसके लिए एक सशक्त सॉफ्टवेयर विकसित किया है. दिल्ली सरकार को इसके माध्यम से यह कार्ड उपलब्ध करवाने हैं.

इसमें सरकार के समाज कल्याण विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग को मिलजुल कर यह कार्ड उपलब्ध कराया जाना है. यह कार्ड देशभर में राजधानी में रहने वाले दिव्यांगों को विभिन्न सरकारी समाज कल्याण योजनाओं, इनकम टैक्स छूट, रेलवे तथा अन्य जगह छूट, शिक्षा तथा रोजगार में अवसरों का लाभ उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है.

'योजना का लाभ नहीं पहुंच पा रहा'
यूनिक डिसेबिलिटी कार्ड के अभाव में दिव्यांगों को विभिन्न योजनाओं में आरक्षण के अंतर्गत लाभ नहीं मिल पाता. दिल्ली सरकार की लापरवाही और कार्यकुशलता के चलते राजधानी में लगभग10 लाख दिव्यांगों को उनको दिए जाने वाले लाभ से वंचित है. अभी तक मात्र 22 लोगों के यूनिक कार्ड बनाए गए हैं. यह किसी भी सरकार की कार्यकुशलता का खोलने के लिए काफी है.

only 22 disabled have Unique Card out of 10 lakhs disabled in delhi
विजेंद्र गुप्ता ने सीएम केजरीवाल को लिखा लेटर

विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे अपने अधीन स्वास्थ्य तथा समाज कल्याण विभाग को चुस्त दुरुस्त करें और सुनिश्चित करें कि दिव्यांगों को अविलंब यूनिक डिसेबिलिटी कार्ड उपलब्ध हो. उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग में दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं से अवगत नहीं कराया है. उन्होंने इसके मार्गदर्शन व सहायता के लिए कुछ नहीं किया है. समाज कल्याण विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के आपसी समन्वय में कमी के कारण दिव्यांगों तक योजना का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है.

'यूजर आईडी तक विकसित नहीं की'
नेता विपक्ष ने कहा कि यह खेद की बात है कि दिल्ली सरकार के विभाग केंद्र सरकार द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर ऑपरेट नहीं कर रहे हैं. अधिकतर अस्पतालों ने अभी तक ऑनलाइन एप्लीकेशन प्रोसेस करने के लिए तैयारी नहीं की है. कई अस्पतालों ने इस सिस्टम को चलाने के लिए आवश्यक यूजर आईडी तक विकसित नहीं की है.

only 22 disabled have Unique Card out of 10 lakhs disabled in delhi
विजेंद्र गुप्ता ने सीएम केजरीवाल को लिखा लेटर

इस कारण वे केंद्र और राज्य के सिस्टम को आपस में लिंक नहीं कर पा रहे हैं. सारी व्यवस्था चरमरा गई है. जबकि दिल्ली सरकार ने 27 अस्पतालों को दिव्यांग सर्टिफिकेट जारी करने के लिए चिन्हित किया है. परंतु केवल अस्पतालों को चिन्हित करने से काम नहीं चलने वाला है. सॉफ्टवेयर को सही तरीके से चलाने और दिव्यांगों को सर्टिफिकेट जारी करने के लिए कुशल व्यवस्था स्थापित करना आवश्यक है.

बता दें कि दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित दिव्यांग अधिनियम 2016 को दिल्ली में लागू करने में ढाई साल लगा दिए. उसके बाद अब दिव्यांगों को यूनिक डिसेबिलिटी कार्ड जारी नहीं किए जा रहे हैं.

नई दिल्ली: राजधानी में दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं, विभिन्न छूटों, आरक्षण का लाभ पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी यूनिक डिसेबिलिटी कार्ड उपलब्ध कराने में केजरीवाल सरकार बुरी तरह विफल रही है. दिल्ली में लगभग10 लाख दिव्यांगों में से अभी तक मात्र 22 को यूनिक डिसेबिलिटी कार्ड उपलब्ध कराए गए हैं. इस मसले पर नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर गहरी चिंता जताई है.

only 22 disabled have Unique Card out of 10 lakhs disabled in delhi
10 लाख दिव्यांगों में से सिर्फ 22 के पास यूनिक कार्ड

'रोजगार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता'
भाजपा विधायक व नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय तथा सशक्तिकरण विभाग ने इसके लिए एक सशक्त सॉफ्टवेयर विकसित किया है. दिल्ली सरकार को इसके माध्यम से यह कार्ड उपलब्ध करवाने हैं.

इसमें सरकार के समाज कल्याण विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग को मिलजुल कर यह कार्ड उपलब्ध कराया जाना है. यह कार्ड देशभर में राजधानी में रहने वाले दिव्यांगों को विभिन्न सरकारी समाज कल्याण योजनाओं, इनकम टैक्स छूट, रेलवे तथा अन्य जगह छूट, शिक्षा तथा रोजगार में अवसरों का लाभ उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है.

'योजना का लाभ नहीं पहुंच पा रहा'
यूनिक डिसेबिलिटी कार्ड के अभाव में दिव्यांगों को विभिन्न योजनाओं में आरक्षण के अंतर्गत लाभ नहीं मिल पाता. दिल्ली सरकार की लापरवाही और कार्यकुशलता के चलते राजधानी में लगभग10 लाख दिव्यांगों को उनको दिए जाने वाले लाभ से वंचित है. अभी तक मात्र 22 लोगों के यूनिक कार्ड बनाए गए हैं. यह किसी भी सरकार की कार्यकुशलता का खोलने के लिए काफी है.

only 22 disabled have Unique Card out of 10 lakhs disabled in delhi
विजेंद्र गुप्ता ने सीएम केजरीवाल को लिखा लेटर

विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे अपने अधीन स्वास्थ्य तथा समाज कल्याण विभाग को चुस्त दुरुस्त करें और सुनिश्चित करें कि दिव्यांगों को अविलंब यूनिक डिसेबिलिटी कार्ड उपलब्ध हो. उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग में दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं से अवगत नहीं कराया है. उन्होंने इसके मार्गदर्शन व सहायता के लिए कुछ नहीं किया है. समाज कल्याण विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के आपसी समन्वय में कमी के कारण दिव्यांगों तक योजना का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है.

'यूजर आईडी तक विकसित नहीं की'
नेता विपक्ष ने कहा कि यह खेद की बात है कि दिल्ली सरकार के विभाग केंद्र सरकार द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर ऑपरेट नहीं कर रहे हैं. अधिकतर अस्पतालों ने अभी तक ऑनलाइन एप्लीकेशन प्रोसेस करने के लिए तैयारी नहीं की है. कई अस्पतालों ने इस सिस्टम को चलाने के लिए आवश्यक यूजर आईडी तक विकसित नहीं की है.

only 22 disabled have Unique Card out of 10 lakhs disabled in delhi
विजेंद्र गुप्ता ने सीएम केजरीवाल को लिखा लेटर

इस कारण वे केंद्र और राज्य के सिस्टम को आपस में लिंक नहीं कर पा रहे हैं. सारी व्यवस्था चरमरा गई है. जबकि दिल्ली सरकार ने 27 अस्पतालों को दिव्यांग सर्टिफिकेट जारी करने के लिए चिन्हित किया है. परंतु केवल अस्पतालों को चिन्हित करने से काम नहीं चलने वाला है. सॉफ्टवेयर को सही तरीके से चलाने और दिव्यांगों को सर्टिफिकेट जारी करने के लिए कुशल व्यवस्था स्थापित करना आवश्यक है.

बता दें कि दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित दिव्यांग अधिनियम 2016 को दिल्ली में लागू करने में ढाई साल लगा दिए. उसके बाद अब दिव्यांगों को यूनिक डिसेबिलिटी कार्ड जारी नहीं किए जा रहे हैं.

Intro:नई दिल्ली. दिल्ली के दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं, विभिन्न छूटों, आरक्षण आदि का लाभ पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी यूनीक डिसेबिलिटी कार्ड उपलब्ध कराने में केजरीवाल सरकार बुरी तरह विफल रही है. दिल्ली में लगभग 10 लाख दिव्यांगों में से अभी तक मात्र 22 को यूनिक डिसेबिलिटी कार्ड उपलब्ध कराए गए हैं. इस मसले पर नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर गहरी चिंता जताई है.


Body:भाजपा विधायक व नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय तथा सशक्तिकरण विभाग ने इसके लिए एक सशक्त सॉफ्टवेयर विकसित किया हुआ है. दिल्ली सरकार को इसके माध्यम से यह कार्ड उपलब्ध करवाने हैं.

इसमें सरकार के समाज कल्याण विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग को मिलजुल कर यह कार्ड उपलब्ध कराया जाना है. यह कार्ड देशभर में राजधानी में रहने वाले दिव्यांगों को विभिन्न सरकारी समाज कल्याण योजनाओं, इनकम टैक्स छूट, रेलवे तथा अन्य जगह छूट, शिक्षा तथा रोजगार में अवसरों का लाभ उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है.

यूनिक डिसेबिलिटी कार्ड के अभाव में दिव्यांगों को विभिन्न योजनाओं को आरक्षण के अंतर्गत लाभ नहीं मिल पाता. दिल्ली सरकार की लापरवाही और कार्यकुशलता के चलते राजधानी में लगभग 10 लाख दिव्यांगों को उनको दिए जाने वाले लाभ से वंचित है. अभी तक मात्र 22 लोगों को यूनिक कार्ड बनाए गए हैं. यह किसी भी सरकार की कार्यकुशलता का खोलने के लिए काफी है.

विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे अपने अधीन स्वास्थ्य तथा समाज कल्याण विभाग को चुस्त दुरुस्त करें और सुनिश्चित करें कि दिव्यांगों को अविलंब उपलब्ध हो सकें. उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग में दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं से अवगत नहीं कराया है. उसने इसके मार्गदर्शन व सहायता के लिए कुछ नहीं किया है. समाज कल्याण विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के आपसी समन्वय में कमी के कारण दिव्यांगों तक योजना का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है.

नेता विपक्ष ने कहा कि यह खेद की बात है कि दिल्ली सरकार के विभाग केंद्र सरकार द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर ऑपरेट नहीं कर रहे हैं. यहां तक कि अधिकतर अस्पतालों ने ऑनलाइन एप्लीकेशन प्रोसेस करने के लिए तैयार नहीं की है. कई अस्पतालों ने इस सिस्टम को चलाने के लिए आवश्यक यूजर आईडी तक विकसित नहीं की है. इस कारण वे केंद्र और राज्य के सिस्टम को आपस में लिंक नहीं कर पा रहे हैं. सारी व्यवस्था चरमरा गई है. जबकि दिल्ली सरकार ने 27 अस्पतालों को दिव्यांग सर्टिफिकेट जारी करने के लिए चिन्हित किया है. परंतु केवल अस्पतालों को चिन्हित करने से काम नहीं चलने वाला सॉफ्टवेयर को सही तरीके से चलाने और दिव्यांगों को सर्टिफिकेट जारी करने के लिए कुशल व्यवस्था स्थापित करना आवश्यक है.



Conclusion:बता दें कि दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित दिव्यांग अधिनियम 2016 को दिल्ली में लागू करने में ढाई साल लगा दिए और अब 6 महीने बाद ही दिव्यांगों को यूनिक डिसेबिलिटी कार्ड जारी नहीं किए जा रहे हैं.

समाप्त, आशुतोष झा
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