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निर्भया रेपकांड: डेथ वारंट रोकने ट्रायल कोर्ट पहुंचा दोषी मुकेश, कल होगी सुनवाई - पटिलाया कोर्ट निर्भया केस

दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से जारी डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने याचिकाकर्ता मुकेश को निर्देश दिया कि वो ट्रायल कोर्ट जाकर बताएं कि उनकी दया याचिका अभी लंबित है.

nirbhaya convict Mukesh
निर्भया का दोषी मुकेश
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Published : Jan 15, 2020, 7:00 PM IST

नई दिल्ली: निर्भया के दोषी मुकेश ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल की. याचिका में मुकेश ने डेथ वारंट पर रोक की मांग की है. याचिका में दया याचिका के लंबित होने को आधार बनाया गया है.

इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के माता-पिता और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट कल यानि 16 जनवरी को दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई करेगा.

हाईकोर्ट ने डेथ वारंट पर रोक से इनकार किया
आज ही दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से जारी डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने याचिकाकर्ता मुकेश को निर्देश दिया कि वो ट्रायल कोर्ट जाकर बताएं कि उनकी दया याचिका अभी लंबित है.

22 जनवरी को फांसी संभव नहीं-दिल्ली सरकार
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि किसी भी सूरत में निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी सम्भव नहीं है. 21 जनवरी दोपहर हम ट्रायल कोर्ट का रुख करेंगे. अगर दया याचिका खारिज होती है तो भी सुप्रीम के फैसले के मुताबिक 14 दिन की मोहलत वाला नया डेथ वारंट जारी करना होगा.

याचिका मामले को खींचने के लिए दायर की गई है-हाईकोर्ट
सुनवाई के दौरान जस्टिस मनमोहन ने कहा कि ऐसा लगता है कि ये याचिका मामले को खींचने के लिए दायर की गई है. कोर्ट ने कहा कि साल 2017 में जब दोषियों की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया था. तभी उन्हें दया याचिका दाखिल करनी चाहिए थी, क्योंकि दया याचिका दाखिल करने की घड़ी तभी से शुरू हो गई थी.

याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी
रेबेका जॉन ने कहा कि वो खुद डेथ वारंट पर रोक लगाने के लिए निचली अदालत जाना चाहते हैं और पूरे केस को कोर्ट के समक्ष रखना चाहते हैं, लेकिन हम कोर्ट से अंतरिम राहत चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वो अपनी याचिका को वापस लेना चाहती हैं. लेकिन एक गुहार के साथ कि दुबारा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकें.

राष्ट्रपति के पास लंबित है दया याचिका
सुनवाई के दौरान मुकेश की तरफ से वकील रेबेका जॉन ने कहा कि डेथ वारंट को रद्द किया जाए. क्योंकि उसकी दया याचिका अभी राष्ट्रपति के पास लंबित है. उन्होंने कहा कि तिहाड़ जेल ने जो नोटिस सभी को सर्व किया था. उसमें केवल दया याचिका का जिक्र था, क्युरेटिव का नहीं. रेबेका जॉन ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि 9 जनवरी को दो दोषियों मुकेश और विनय ने क़ुरैटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी.

नई दिल्ली: निर्भया के दोषी मुकेश ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल की. याचिका में मुकेश ने डेथ वारंट पर रोक की मांग की है. याचिका में दया याचिका के लंबित होने को आधार बनाया गया है.

इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के माता-पिता और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट कल यानि 16 जनवरी को दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई करेगा.

हाईकोर्ट ने डेथ वारंट पर रोक से इनकार किया
आज ही दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से जारी डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने याचिकाकर्ता मुकेश को निर्देश दिया कि वो ट्रायल कोर्ट जाकर बताएं कि उनकी दया याचिका अभी लंबित है.

22 जनवरी को फांसी संभव नहीं-दिल्ली सरकार
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि किसी भी सूरत में निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी सम्भव नहीं है. 21 जनवरी दोपहर हम ट्रायल कोर्ट का रुख करेंगे. अगर दया याचिका खारिज होती है तो भी सुप्रीम के फैसले के मुताबिक 14 दिन की मोहलत वाला नया डेथ वारंट जारी करना होगा.

याचिका मामले को खींचने के लिए दायर की गई है-हाईकोर्ट
सुनवाई के दौरान जस्टिस मनमोहन ने कहा कि ऐसा लगता है कि ये याचिका मामले को खींचने के लिए दायर की गई है. कोर्ट ने कहा कि साल 2017 में जब दोषियों की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया था. तभी उन्हें दया याचिका दाखिल करनी चाहिए थी, क्योंकि दया याचिका दाखिल करने की घड़ी तभी से शुरू हो गई थी.

याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी
रेबेका जॉन ने कहा कि वो खुद डेथ वारंट पर रोक लगाने के लिए निचली अदालत जाना चाहते हैं और पूरे केस को कोर्ट के समक्ष रखना चाहते हैं, लेकिन हम कोर्ट से अंतरिम राहत चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वो अपनी याचिका को वापस लेना चाहती हैं. लेकिन एक गुहार के साथ कि दुबारा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकें.

राष्ट्रपति के पास लंबित है दया याचिका
सुनवाई के दौरान मुकेश की तरफ से वकील रेबेका जॉन ने कहा कि डेथ वारंट को रद्द किया जाए. क्योंकि उसकी दया याचिका अभी राष्ट्रपति के पास लंबित है. उन्होंने कहा कि तिहाड़ जेल ने जो नोटिस सभी को सर्व किया था. उसमें केवल दया याचिका का जिक्र था, क्युरेटिव का नहीं. रेबेका जॉन ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि 9 जनवरी को दो दोषियों मुकेश और विनय ने क़ुरैटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी.

Intro:नई दिल्ली। निर्भया के दोषी मुकेश ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल की।मुकेश ने डेथ वारंट पर रोक की मांग की। याचिका में दया याचिका के लंबित होने का आधार बनाया गया है। 



Body:16 को होगी सुनवाई
इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के माता-पिता और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट कल यानि 16 जनवरी को दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई करेगा। 
हाईकोर्ट ने डेथ वारंट पर रोक से इनकार किया
आज ही दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से जारी डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता मुकेश को निर्देश दिया कि वो ट्रायल कोर्ट जाकर बताएं कि उनकी दया याचिका अभी लंबित है।
22 जनवरी को फांसी सम्भव नहीं-दिल्ली सरकार
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि किसी भी सूरत में निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी सम्भव नहीं है। 21 जनवरी दोपहर हम ट्रायल कोर्ट का रुख करेंगे। अगर दया याचिका खारिज होती है तो भी सुप्रीम के फैसले के मुताबिक 14 दिन की मोहलत वाला नया डेथ वारंट जारी करना होगा।
याचिका मामले को खिंचने के लिए दायर की गई है-हाईकोर्ट
सुनवाई के दौरान जस्टिस मनमोहन ने कहा कि ऐसा लगता है कि ये याचिका मामले को खिंचने के लिए दायर की गई है।कोर्ट ने कहा कि 2017 में जब दोषियों की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया था तभी उन्हें दया याचिका दाखिल करनी चाहिए थी, क्योंकि दया याचिका दाखिल करने की घड़ी तभी से शुरू हो गई थी।
याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी
रेबेका जॉन ने कहा कि वो खुद डेथ वारंट पर रोक लगाने के किये निचली अदालत जाना चाहते हैं और पूरे केस को कोर्ट के समक्ष रखना चाहते हैं लेकिन हम कोर्ट से अंतरिम राहत चाहते हैं।उन्होंने कहा कि वो अपनी याचिका को वापस लेना चाहती हैं लेकिन एक गुहार के साथ कि दुबारा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकें। 



Conclusion:राष्ट्रपति के पास लंबित है दया याचिका
सुनवाई के दौरान मुकेश की तरफ से वकील रेबेका जॉन ने कहा कि डेथ वारंट को रद्द किया जाए क्योंकि उसकी दया याचिका अभी राष्ट्रपति के पास लंबित है। उन्होंने कहा कि तिहाड़ जेल ने जो नोटिस सभी को सर्व किया था उसमें केवल दया याचिका का जिक्र था, क्युरेटिव का नहीं। रेबेका जॉन ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि 9 जनवरी को दो दोषियों मुकेश और विनय ने क़ुरैटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी।
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