नई दिल्ली: लॉकडाउन की वजह से स्कूल बंद हैं. इस दौरान छात्र पढ़ाई के साथ-साथ स्कूलों में मिलने वाले मिड-डे मील से भी वंचित हो रहे हैं. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने लॉकडाउन में भी मिड-डे मील को चालू रखने का फैसला किया है, लेकिन इसमें थोड़ा-सा बदलाव किया गया है. ये उस रूप में नहीं मिलेगा, जिस रूप में स्कूलों में मिला करता था. इसके बदले में एनडीएमसी स्कूलों के छात्रों को ड्राई फूड के लिए खाद्य सुरक्षा भत्ता देने का निर्णय लिया है. इसके लिए तीन श्रेणियों में छात्रों को वर्गीकृत किया गया है. 193 रुपये से लेकर 269 रुपये प्रति छात्र खाद्य सुरक्षा भत्ता दिया जायेगा.
छात्रों के लिए खाद्य सुरक्षा भत्ता
कोरोना वायरस (कोविड- 19) के प्रकोप को देखते हुए एनडीएमसी ने अपने स्कूली छात्रों को खाद्य सुरक्षा भत्ता देने का फैसला किया है. लॉकडाउन की अवधि के दौरान स्कूली बच्चों की पोषण संबंधी आवश्यकता को पूरा करने के लिए और उनकी शारीरिक प्रतिरक्षा को सुरक्षित रखने के लिए ये भत्ता दिया जाएगा. ये भत्ता पालिका परिषद के अटल आदर्श विद्यालयों, सहायता प्राप्त विद्यालयों और नवयुग स्कूलों के छात्रों के बैंक खाते में आरटीजीएस के माध्यम से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत नर्सरी से 12 वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पके हुए मिलने वाले मिड डे मील के बदले दिया जाएगा.
किस वर्ग के छात्र को कितना मिलेगा भत्ता?
एनडीएमसी ने इस बारे में ये निर्णय लिया है कि नर्सरी और प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों के मामले में, खाद्य सुरक्षा भत्ता 6 मार्च से 30 अप्रैल के दौरान कुल 41 दिनों के लिए 193.93/- प्रति छात्र को दिया जाएगा. उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिये ये 19 मार्च लेकर से 30 अप्रैल तक 32 दिनों के लिये 226.44/- प्रति छात्र दिया जाएगा. जबकि अन्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक कक्षाओं के छात्रों के लिए ये 19 मार्च से लेकर 30 अप्रैल तक कुल 32 दिनों लिये 269.44/- प्रति छात्र दिया जायेगा.
स्कूल प्रमुखों को छात्रों को जानकारी देने का निर्देश
एनडीएमसी के शिक्षा विभाग प्रशासन ने अटल आदर्श विद्यालय, पालिका एडेड और नवयुग स्कूलों के सभी प्रमुखों से स्कूल के सभी अभिभावकों और छात्रों के संज्ञान में लाने को कहा है. साथ ही उनके बैंक खातों का विवरण, आधार नंबर और अन्य जानकारियां एकत्र करने को भी कहा गया है. ताकि जल्द से जल्द ये भत्ता राशि उनके खाते में आरटीजीएस के माध्यम से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत भेजी जा सके.