नई दिल्ली: दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएसएलएसए) द्वारा साल के आखिरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाने वाला है. यह 10 दिसंबर को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित की जाएगा. डीएसएलएसए के सदस्य सचिव मुकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटारे के लिए 6 दिसंबर तक ट्रैफिक के ऑनलाइन और ऑफलाइन चालान सहित करीब 2 लाख 28 हजार मामले आए हैं. इनमें से एक लाख 77 हजार ऑनलाइन ट्रैफिक चालान हैं.
2023 का अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत: साल की आखिरी लोक अदालत होने के कारण लोगों के पास इस साल में अपने मामलों का निस्तारण करने का यह अंतिम मौका ही है. इसके बाद अगले साल में राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए लोगों को दो से तीन महीने इंतजार करना पड़ेगा. डीएसएलएसए के सदस्य सचिव मुकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि लोक अदालत में निपटारे के लिए आने वाले मामलों का दोनों पक्षों की आपसी सहमति से निपटारा किया जाएगा.
ट्रांसजेडर और एसिड अटैक पीड़ित भी करेंगे सुनवाई: जानकारी के अनुसार सभी कोर्ट में कुल मिलाकर लोक अदालत की 351 बेंच लगाई जाएगी, जिनके द्वारा मामलों का निस्तारण किया जाएगा. ट्रैफिक के ऑनलाइन चालान का निपटारा करने के लिए कुल 177 बेंच लगाई जाएगी, जिनमें प्रत्येक बेंच को 1000 चालान के निपटारे की जिम्मेदारी दी गई है. इनमें से 600 चालान का निस्तारण सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक और बाकी 400 चालान का निपटारा दो बजे से चार बजे तक करने की व्यवस्था की गई है. लोक अदालत में सहायता के लिए तेजाब हमले की पीड़िता, ट्रांसजेंडर और वरिष्ठ नागरिकों की भी ड्यूटी लगाई गई है.
ट्रैफिक चालान की शिकायतों का निपटारा: कड़कड़डूमा कोर्ट में लोक अदालत की व्यवस्थाओं को लेकर अधिवक्ता दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि कोर्ट परिसर में तीन जिलों का कोर्ट है, जिसमें पूर्वी जिला, उत्तर पूर्वी जिला और शाहदरा जिला शामिल है. तीनों जिलों की ओर से लगाई जा रही राष्ट्रीय लोक अदालत में 10 दिसंबर को ट्रैफिक की 30 बेंच लगाई जाएगी. वहीं, अन्य मामलों के लिए भी कोर्ट में अलग-अलग तीनों कोर्ट से लोक अदालत में भेजे गए मामलों का निपटारा किया जाएगा.
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लोक अदालत में चेक बाउंस, बिजली बिल विवाद, पानी बिल, वैवाहिक विवाद (तलाक को छोड़कर) भूमि अधिग्रहण के मामले, वेतन भत्ते और सेवानिवृत्त लोगों के पेंशन संबंधित मामले, राजस्व मामले, दीवानी मामले, लेबर कोर्ट से संबंधित मामले और मोटर दुर्घटना दावा मुआवजे से संबंधित मामले सहित अन्य समझौता योग्य आपराधिक मामलों का निस्तारण दोनों पक्षों की सहमति से किया जाएगा.
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