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प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई टली

शुक्रवार को सुनवाई करने वाले जज विशाल पाहूजा के छुट्टी पर होने की वजह से सुनवाई टाल दी गई. 7 फरवरी को दोनों पक्ष कोर्ट के समक्ष अपनी दलीलें रखेंगे.

MJ Akbar criminal defamation case against Priya Ramani adjourned
एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई टली
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Published : Jan 24, 2020, 5:19 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पूर्व मंत्री एम जे अकबर की ओर से दायर किए गए मानहानि के मुकदमे पर सुनवाई टाल दी है. इस मामले पर अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी.

बता दें कि आज सुनवाई करने वाले जज विशाल पाहूजा के छुट्टी पर होने की वजह से सुनवाई टाल दी गई. 7 फरवरी को दोनों पक्ष कोर्ट के समक्ष अपनी दलीलें रखेंगे.

'अपने बेडरूम में बुलाया था'
पिछले 7 सितंबर को अपने बयान में रमानी ने कहा था कि एमजे अकबर ने हमें इंटरव्यू के लिए अपने बेडरूम में बुलाया. उनका व्यवहार काफी असहज था. रमानी ने अपने बयान में कहा था कि वो 1993 में वो अमेरिका से वापस आई थी. उन्हें पता चला कि नामी संपादक एम जे अकबर एक इंटरनेशनल न्यूज़ पेपर की शुरुआत करने वाले हैं. एमजे अकबर उस समय उनके लिए पत्रकारिता के हीरो थे. उनके लेख पढ़ते हुए मैं बड़ी हुई थी.

वकीलों के बारे में व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करने का आग्रह
11 दिसंबर 2019 को कोर्ट ने मीडिया से आग्रह किया था कि वे इस केस के संबंधित वकीलों के बारे में व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करें. दरअसल 11 दिसंबर को जब इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो एमजे अकबर की वकील गीता लूथरा ने एक वेबसाइट में गजाला वहाब के बयानों के बारे में छपी खबरों के कुछ खास हिस्सों पर आपत्ति जताई.

लूथरा ने अपनी आपत्ति एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा के चैंबर में जाकर बताई. लूथरा की शिकायत सुनने के बाद जज विशाल पाहूजा कोर्ट में आए और पत्रकारों से अपील की कि वे वकीलों के बारे में निजी टिप्पणी नहीं करें.

गजाला वहाब से जिरह किया था
11 दिसंबर 2019 को एमजे अकबर की ओर से वकील गीता लूथरा ने पत्रकार गजाला वहाब से जिरह किया था. प्रिया रमानी की ओर से सभी गवाहों के बयान पूरे हो गए. इसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के लिए आज की तिथि नियत की थी.

नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पूर्व मंत्री एम जे अकबर की ओर से दायर किए गए मानहानि के मुकदमे पर सुनवाई टाल दी है. इस मामले पर अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी.

बता दें कि आज सुनवाई करने वाले जज विशाल पाहूजा के छुट्टी पर होने की वजह से सुनवाई टाल दी गई. 7 फरवरी को दोनों पक्ष कोर्ट के समक्ष अपनी दलीलें रखेंगे.

'अपने बेडरूम में बुलाया था'
पिछले 7 सितंबर को अपने बयान में रमानी ने कहा था कि एमजे अकबर ने हमें इंटरव्यू के लिए अपने बेडरूम में बुलाया. उनका व्यवहार काफी असहज था. रमानी ने अपने बयान में कहा था कि वो 1993 में वो अमेरिका से वापस आई थी. उन्हें पता चला कि नामी संपादक एम जे अकबर एक इंटरनेशनल न्यूज़ पेपर की शुरुआत करने वाले हैं. एमजे अकबर उस समय उनके लिए पत्रकारिता के हीरो थे. उनके लेख पढ़ते हुए मैं बड़ी हुई थी.

वकीलों के बारे में व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करने का आग्रह
11 दिसंबर 2019 को कोर्ट ने मीडिया से आग्रह किया था कि वे इस केस के संबंधित वकीलों के बारे में व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करें. दरअसल 11 दिसंबर को जब इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो एमजे अकबर की वकील गीता लूथरा ने एक वेबसाइट में गजाला वहाब के बयानों के बारे में छपी खबरों के कुछ खास हिस्सों पर आपत्ति जताई.

लूथरा ने अपनी आपत्ति एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा के चैंबर में जाकर बताई. लूथरा की शिकायत सुनने के बाद जज विशाल पाहूजा कोर्ट में आए और पत्रकारों से अपील की कि वे वकीलों के बारे में निजी टिप्पणी नहीं करें.

गजाला वहाब से जिरह किया था
11 दिसंबर 2019 को एमजे अकबर की ओर से वकील गीता लूथरा ने पत्रकार गजाला वहाब से जिरह किया था. प्रिया रमानी की ओर से सभी गवाहों के बयान पूरे हो गए. इसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के लिए आज की तिथि नियत की थी.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पूर्व मंत्री एम जे अकबर की ओर से दायर किए गए मानहानि के मुकदमे पर सुनवाई टाल दिया है। इस मामले पर अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी। आज सुनवाई करने वाले जज विशाल पाहूजा के छुट्टी पर होने की वजह से सुनवाई टाल दी गई। 7 फरवरी को दोनों पक्ष कोर्ट के समक्ष अपनी दलीलें रखेंगे।




Body:अपने बेडरूम में बुलाया था
पिछले 7 सितंबर को अपने बयान में रमानी ने कहा था कि एमजे अकबर ने हमें इंटरव्यू के लिए अपने बेडरुम में बुलाया। उनका व्यवहार काफी असहज था। रमानी ने अपने बयान में कहा था कि वो 1993 में वो अमेरिका से वापस आई थी। उन्हें पता चला कि नामी संपादक एम जे अकबर एक इंटरनेशनल न्यूज़ पेपर की शुरुआत करने वाले हैं। एमजे अकबर उस समय उनके लिए पत्रकारिता के हीरो थे। उनके लेख पढ़ते हुए मैं बड़ी हुई थी।
वकीलों के बारे में व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करने का आग्रह किया था
11 दिसंबर 2019 को कोर्ट ने मीडिया से आग्रह किया था कि वे इस केस के संबंधित वकीलों के बारे में व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करें। दरअसल 11 दिसंबर को जब इस मामले की सुनवाई शुरु हुई तो एमजे अकबर की वकील गीता लूथरा ने एक वेबसाईट में गजाला वहाब के बयानों के बारे में छपी खबरों के कुछ खास हिस्सों पर आपत्ति जताई। लूथरा ने अपनी आपत्ति एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा के चैंबर में जाकर बताई। लूथरा की शिकायत सुनने के बाद जज विशाल पाहूजा कोर्ट में आए और पत्रकारों से अपील की कि वे वकीलों के बारे में निजी टिप्पणी नहीं करें।



Conclusion:गजाला वहाब से जिरह किया था
11 दिसंबर 2019 को एमजे अकबर की ओर से वकील गीता लूथरा ने पत्रकार गजाला वहाब से जिरह किया था। प्रिया रमानी की ओर से सभी गवाहों के बयान पूरे हो गए। इसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के लिए आज की तिथि नियत की थी।
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