नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को अपनी बीमार पत्नी से मुलाकात की मांग को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में सिसोदिया ने अपनी बीमार पत्नी से पांच दिन तक पुलिस हिरासत में मुलाकात करने की मांग की है। इससे पहले जून के महीने में दिल्ली हाईकोर्ट ने सिसोदिया को एक दिन के लिए सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक पत्नी से अपने सरकारी आवास मथुरा रोड पर मुलाकात करने की अनुमति दी थी। इसके बाद से सिसोदिया की पत्नी से मुलाकात नहीं हुई है।
22 नवंबर तक बढ़ाई गई थी हिरासत: दरअसल अक्टूबर में आबकारी घोटाले से जुड़े सीबीआई के मामले में पिछले मनीष सिसोदिया की राउज ऐवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 22 नवंबर तक बढ़ा दी थी। उल्लेखनीय है कि राउज एवेन्यू कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में भी जमानत की अर्जी दाखिल की थी, जिसपर पिछले दो महीने से सुनवाई जारी है। हालांकि ईडी और सीबीआई ने कई दलीलों के साथ सुप्रीम कोर्ट में भी सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया है।
'आप' को लग सकता है झटका: सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की दलीलें सुनने के बाद टिप्पणी की थी कि अगर पूरे घोटाले से आम आदमी पार्टी को फायदा हुआ है तो आम आदमी पार्टी को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद अब ईडी आम आदमी पार्टी को भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाने पर विचार कर रही है। इसको लेकर के राजनीतिक हलकों चर्चा तेज है। लोगों का मानना है कि अगर आम आदमी पार्टी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाया जाता है, तो इससे पार्टी के नेतृत्व और संगठन दोनों पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
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कई आरोपियों को मिली जमानत: गौरतलब है कि मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद ईडी ने उन्हें तिहाड़ जेल से नौ मार्च को गिरफ्तार किया था। तभी से मनीष सिसोदिया दोनों ही मामलों में तिहाड़ जेल में बंद हैं। इस दौरान उनकी जमानत के लिए निचली अदालत से लेकर ऊपरी अदालत तक याचिकाएं दायर करने का सिलसिला जारी है। आबकारी घोटाला मामले में अब तक कई आरोपियों को जमानत मिल चुकी है, लेकिन मनीष सिसोदिया को अभी तक जमानत मिलना बाकी है।
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