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Dengue in Delhi: डेंगू के आठ मरीज भर्ती होने के बाद लोकनायक अस्पताल अलर्ट पर, यह है तैयारी - helpline number for dengue patients

बारिश का मौसम आते ही डेंगू ने दिल्ली में दस्तक दे दी है. फिलहाल लोकनायक अस्पताल में डेंगू के आठ मरीज भर्ती होने के बाद अस्पताल को अलर्ट पर रखा गया है. वहीं, सरकार ने भी इसे लेकर जरूरी कदम उठाना शुरू कर दिया है. दिल्ली में डेंगू के खतरे को लेकर डॉक्टरों से बात की गई, आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...

dengue patients admitted to Loknayak Hospital
dengue patients admitted to Loknayak Hospital
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Published : Jul 29, 2023, 6:18 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में डेंगू का संक्रमण बढ़ने के बाद दिल्ली सरकार हरकत में आ गई है. उसने सभी अस्पतालों को डेंगू के मरीजों के लिए बेड रिजर्व रखने और मोहल्ला क्लीनिक व डिस्पेंसरी को दवाइयों का पूरा स्टॉक रखने का निर्देश दिया है. साथ ही डेंगू मरीजों के लिए हेल्पलाइन नंबर '1031' जारी करके अगले सप्ताह से डॉक्टर से परामर्श लेने की सुविधा पर भी काम शुरू कर दिया गया है.

मिला टाइप 2 स्ट्रेन: लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि डेंगू के मरीजों की जिनोम सीक्वेंसिंग में 20 में से 19 मरीजों में टाइप-2 स्ट्रेन मिला है. यह डेन-2 वायरस की वजह से पाया जाता है. यह थोड़ा गंभीर संक्रमण है. लेकिन अगर समय पर जांच कराकर इलाज शुरू कर दिया जाए तो मरीज अस्पताल में बिना भर्ती हुए भी ठीक हो सकता है. हालांकि, थोड़ी-सी लापरवाही से यह गंभीर रूप ले सकता है, जिसके चलते अस्पताल में भर्ती कर प्लेटलेट्स चढ़ाने तक की नौबत आ सकती है.

डेंगू के लक्षण
डेंगू के लक्षण

ये स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक: उन्होंने बताया कि डेंगू के चार स्ट्रेन होते हैं. डेन-1, डेन-2, डेन-3 और डेन-4. डेंगू के डेन-1 और डेन-3 स्ट्रेन सामान्य होते हैं, जबकि डेन-2 और डेन-4 ज्यादा गंभीर संक्रमण फैलाते हैं, जिनसे मरीजों को ठीक होने में अधिक समय लगता है. अभी एक ही तरह के स्ट्रेन का संक्रमण देखा जा रहा है, जिसकी वजह से डेंगू की बीमारी ज्यादा समय तक रहने की संभावना नहीं है. हालांकि, अस्पताल अलर्ट पर है. फिलहाल यहां डेंगू के आठ मरीज भर्ती हैं और तीन संदिग्ध मरीज भी भर्ती हैं. इनकी रिपोर्ट आना बाकी है. अगर डेंगू के और मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पड़ती है तो अस्पताल में पर्याप्त बेड हैं. साथ ही सभी दवाइयों का भी पूरा स्टॉक है.

डेंगू से बचाव के उपाय
डेंगू से बचाव के उपाय

दूसरी बार डेंगू होने पर ज्यादा खतरा: स्वामी दयानंद अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (प्रशासन) डॉ. ग्लैडबन त्यागी ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को एक बार डेंगू हो जाए तो जिस स्ट्रेन की वजह से उसे होता है, ठीक होने के बाद मरीज उस स्ट्रेन से सुरक्षित हो जाता है. वहीं, मरीज जब दूसरे स्ट्रेन से संक्रमित हो जाता है तो उसे गंभीर संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे उसको अस्पताल में भर्ती होने की भी जरूरत पड़ सकती है.

यह भी पढ़ें-Delhi Flood: पानी निकलने के बाद मॉनेस्ट्री में गंदगी का अंबार, डेंगू-चिकनगुनिया होने का खतरा बढ़ा

रिकवर होने में लगता है अधिक समय: डॉ. ग्लैडबन त्यागी ने बताया कि जिन मरीजों की इम्युनिटी कम होती है, उनमें टाइप-2 स्ट्रेन के संक्रमण की संभावना अधिक रहती है. साथ ही जो लोग पहले से अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं, उनको भी अधिक खतरा रहता है. टाइप-2 स्ट्रेन से संक्रमित मरीज को अन्य स्ट्रेन से संक्रमित मरीज के मुकाबले ठीक होने में 10-15 दिन का समय ज्यादा लग सकता है. हालांकि, इसमें कोई चिंता करने वाली बात नहीं है. उन्होंने बताया कि अस्पतल में अभी तक डेंगू का कोई मरीज भर्ती नहीं है और बाकी अस्पतालों में भी डेंगू के इलाज के लिए तैयारियां पूरी हैं. टाइप-2 समेत डेंगू के अन्य स्ट्रेन के मामले हर साल सामने आते हैं, जिनका इलाज संभव है.

यह भी पढ़ें-Prevent Dengue: दिल्ली में आपके घर में मिला डेंगू मच्छर का लार्वा तो देना होगा 1000 का जुर्माना, सरकार का बड़ा फैसला

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में डेंगू का संक्रमण बढ़ने के बाद दिल्ली सरकार हरकत में आ गई है. उसने सभी अस्पतालों को डेंगू के मरीजों के लिए बेड रिजर्व रखने और मोहल्ला क्लीनिक व डिस्पेंसरी को दवाइयों का पूरा स्टॉक रखने का निर्देश दिया है. साथ ही डेंगू मरीजों के लिए हेल्पलाइन नंबर '1031' जारी करके अगले सप्ताह से डॉक्टर से परामर्श लेने की सुविधा पर भी काम शुरू कर दिया गया है.

मिला टाइप 2 स्ट्रेन: लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि डेंगू के मरीजों की जिनोम सीक्वेंसिंग में 20 में से 19 मरीजों में टाइप-2 स्ट्रेन मिला है. यह डेन-2 वायरस की वजह से पाया जाता है. यह थोड़ा गंभीर संक्रमण है. लेकिन अगर समय पर जांच कराकर इलाज शुरू कर दिया जाए तो मरीज अस्पताल में बिना भर्ती हुए भी ठीक हो सकता है. हालांकि, थोड़ी-सी लापरवाही से यह गंभीर रूप ले सकता है, जिसके चलते अस्पताल में भर्ती कर प्लेटलेट्स चढ़ाने तक की नौबत आ सकती है.

डेंगू के लक्षण
डेंगू के लक्षण

ये स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक: उन्होंने बताया कि डेंगू के चार स्ट्रेन होते हैं. डेन-1, डेन-2, डेन-3 और डेन-4. डेंगू के डेन-1 और डेन-3 स्ट्रेन सामान्य होते हैं, जबकि डेन-2 और डेन-4 ज्यादा गंभीर संक्रमण फैलाते हैं, जिनसे मरीजों को ठीक होने में अधिक समय लगता है. अभी एक ही तरह के स्ट्रेन का संक्रमण देखा जा रहा है, जिसकी वजह से डेंगू की बीमारी ज्यादा समय तक रहने की संभावना नहीं है. हालांकि, अस्पताल अलर्ट पर है. फिलहाल यहां डेंगू के आठ मरीज भर्ती हैं और तीन संदिग्ध मरीज भी भर्ती हैं. इनकी रिपोर्ट आना बाकी है. अगर डेंगू के और मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पड़ती है तो अस्पताल में पर्याप्त बेड हैं. साथ ही सभी दवाइयों का भी पूरा स्टॉक है.

डेंगू से बचाव के उपाय
डेंगू से बचाव के उपाय

दूसरी बार डेंगू होने पर ज्यादा खतरा: स्वामी दयानंद अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (प्रशासन) डॉ. ग्लैडबन त्यागी ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को एक बार डेंगू हो जाए तो जिस स्ट्रेन की वजह से उसे होता है, ठीक होने के बाद मरीज उस स्ट्रेन से सुरक्षित हो जाता है. वहीं, मरीज जब दूसरे स्ट्रेन से संक्रमित हो जाता है तो उसे गंभीर संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे उसको अस्पताल में भर्ती होने की भी जरूरत पड़ सकती है.

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रिकवर होने में लगता है अधिक समय: डॉ. ग्लैडबन त्यागी ने बताया कि जिन मरीजों की इम्युनिटी कम होती है, उनमें टाइप-2 स्ट्रेन के संक्रमण की संभावना अधिक रहती है. साथ ही जो लोग पहले से अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं, उनको भी अधिक खतरा रहता है. टाइप-2 स्ट्रेन से संक्रमित मरीज को अन्य स्ट्रेन से संक्रमित मरीज के मुकाबले ठीक होने में 10-15 दिन का समय ज्यादा लग सकता है. हालांकि, इसमें कोई चिंता करने वाली बात नहीं है. उन्होंने बताया कि अस्पतल में अभी तक डेंगू का कोई मरीज भर्ती नहीं है और बाकी अस्पतालों में भी डेंगू के इलाज के लिए तैयारियां पूरी हैं. टाइप-2 समेत डेंगू के अन्य स्ट्रेन के मामले हर साल सामने आते हैं, जिनका इलाज संभव है.

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