नई दिल्लीः बाहरी दिल्ली के नांगलोई लेबर चौक पर रोजगार की तलाश में आए मजदूरों का बुरा हाल है. क्योंकि एक तरफ कोरोना तो दूसरी तरफ किसान आंदोलन ने उनके लिए रोजगार के अवसरों पर अंकुश लगा दी है. इस वजह से उनकी परेशानियां बढ़ती जा रही है.
इस बारे में जानकारी देते हुए लेबर चौक पर इकट्ठा हुए मजदूरों ने बताया कि वह अलग-अलग राज्यों से दिल्ली काम की तलाश में आए हैं और नांगलोई के आस पास के इलाकों में ही किराए पर मकान लेकर रहते हैं. वह रोजाना सुबह काम की तलाश में लेबर चौक पर आते तो हैं. लेकिन शाम तक इंतजार कर वह खाली हाथ वापस लौट जाते हैं.
यह भी पढ़ेंः-किराड़ी: मंदिर निर्माण के लिए अनशन पर बैठे रिंकू मीणा की तबीयत बिगड़ी
'खाली हाथ लौटते हैं'
कुछ मजदूरों का यह भी कहना है कि जब से दिल्ली के बॉर्डर सील हुए हैं, तब से उनके लिए रोजगार के अवसर की कमी आ गई है. ऐसे में उनके लिए अपने घर का किराया निकालना भी काफी मुश्किल हो रहा है तो फिर वह अपने बीवी बच्चों का पेट कैसे पालेंगे. उनका कहना है कि यदि यूं ही वह रोजाना खाली हाथ अपने घर वापस लौटेंगे तो उन्हें जल्द ही दिल्ली छोड़ कर वापस अपने अपने गांव जाना पड़ सकता है.