नई दिल्ली: हाईकोर्ट में अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले के आरोपी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रातुल पुरी पर केस चल रहा है. ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ ईडी की ओर से दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है.
जस्टिस सुरेश कैत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. ईडी ने कहा कि रातुल पुरी को जमानत देते समय ट्रायल कोर्ट ने सभी दस्तावेजों और साक्ष्यों पर गौर नहीं किया.
चार्जशीट में ईडी ने कहा
बता दें कि पिछले 2 दिसंबर को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने रातुल पुरी को जमानत दी थी. ईडी ने चार्जशीट में कहा है कि अगस्ता वेस्टलैंड द्वारा दो तरह से करीब 17 मिलियन युरो दिए गए. ये रकम क्रिश्चियन मिशेल की कंपनी के जरिए रातुल पुरी को दिए गए है. ईडी की ओर से वकील एनके माटा ने कोर्ट को बताया था कि जांच के दौरान किसी नियामत के परिसर की भी तलाशी ली गई. जहां से कुछ दस्तावेज बरामद किए गए.
धन मुहैया कराने का आरोप
माटा ने बताया था कि दूसरे अभियुक्त जसप्रीत आहुजा ने रातुल पुरी को धन मुहैया करवाने में मदद की थी. जसप्रीत आहुजा ने पैसों को लाने के लिए कुछ कंपनियां बनवाई और उसके जरिए पैसा रातुल पुरी तक पहुंचाया गया.
पिछले 21 अक्टूबर को कोर्ट ने ईडी को रातुल पुरी से तिहाड़ जेल में 22 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक पूछताछ की अनुमति दी थी. रातुल पुरी पर आरोप है कि अगस्ता हेलिकॉप्टर केस में उनकी कंपनियों में दुबई से पैसा ट्रांसफर किया गया था.