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प्रचार के लिए हार्दिक पटेल को बुलाना NSUI के लिए बना सरदर्द, नामांकन हो सकता है रद्द

JNU में छात्र संघ चुनाव को लेकर NSUI ने बिना अनुमति के कांग्रेस के नेता हार्दिक पटेल को अपने प्रचार कार्यक्रम में बुलाना महंगा साबित हो गया.

NSUI ने बिना अनुमति के कांग्रेस के नेता हार्दिक पटेल को प्रचार के लिए बुलाया, etv bharat
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Published : Sep 1, 2019, 12:29 PM IST

नई दिल्ली: जेएनयू छात्रसंघ चुनाव की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) को कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को अपने प्रचार कार्यक्रम में बुलाना महंगा साबित हो गया.

NSUI को बिना अनुमति के हार्दिक पटेल को प्रचार के लिए बुलाना पड़ा महंगा

बाहरी व्यक्ति को चुनाव प्रचार के लिए बुलाने पर उन्हें जेएनयू चुनाव समिति की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है. जिसका संतोषजनक जवाब ना मिलने पर NSUI का छात्र संघ चुनाव से नामांकन रद्द किया जा सकता है.

NSUI ने निकाला मशाल जुलूस
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के लिए NSUI ने विश्वविद्यालय परिसर में शक्ति प्रदर्शन करते हुए मशाल जुलूस निकाला था.

जिसमें बतौर अतिथि गुजरात के कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को आमंत्रित किया था. उनका यह निमंत्रण अब उनका सिरदर्द बनता नजर आ रहा है.

बता दें कि चुनाव आयोग की आदर्श आचार संहिता के अनुसार किसी भी बाहरी व्यक्ति को संगठन के लिए प्रचार करने की अनुमति नहीं होती.

इसके बाबत NSUI ने हार्दिक पटेल को जुलूस में शामिल किया जिसके चलते चुनाव समिति ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है.

अनुमति के बिना हार्दिक पटेल जुलूस में शामिल
वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार NSUI ने 'मशाल जुलूस' में हार्दिक पटेल को आमंत्रण देने के लिए चुनाव समिति से अनुमति मांगी थी. लेकिन चुनाव समिति ने स्पष्ट मना कर दिया था.

इसके बावजूद NSUI ने गंगा ढाबा से चंद्रभागा छात्रावास तक जो जुलूस निकाला था उसमें हार्दिक पटेल भी मौजूद थे.

इस मशाल जुलूस के लिए NSUI ने बकायदा निमंत्रण पत्र भी बांटे जिसमें हार्दिक पटेल द्वारा छात्रों को संबोधित करने की बात लिखी गई थी.

कारण बताओ नोटिस जारी
आचार संहिता का उल्लंघन करने की बात संज्ञान में आते ही जेएनयू चुनाव समिति ने कार्यवाई करते हुए NSUI को पहला कारण बताओ नोटिस शुक्रवार को जारी किया था जिसका जवाब देते हुए NSUI ने कहा था कि हार्दिक पटेल वहां कैसे आ गए या उन्हें भी पता नहीं चला.

NSUI के जवाब से असंतुष्ट होकर चुनाव आयोग ने उन्हें दूसरा कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जिसका जवाब 24 घंटों के अंदर मांगा गया है.

बता दें कि चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो छात्र संघ चुनाव से उनका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा.

बता दें कि जेएनयू में 4 सितंबर को प्रेसीडेंशियल डिबेट का आयोजन किया जाएगा और 6 सितंबर को मतदान होगा.

नई दिल्ली: जेएनयू छात्रसंघ चुनाव की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) को कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को अपने प्रचार कार्यक्रम में बुलाना महंगा साबित हो गया.

NSUI को बिना अनुमति के हार्दिक पटेल को प्रचार के लिए बुलाना पड़ा महंगा

बाहरी व्यक्ति को चुनाव प्रचार के लिए बुलाने पर उन्हें जेएनयू चुनाव समिति की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है. जिसका संतोषजनक जवाब ना मिलने पर NSUI का छात्र संघ चुनाव से नामांकन रद्द किया जा सकता है.

NSUI ने निकाला मशाल जुलूस
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के लिए NSUI ने विश्वविद्यालय परिसर में शक्ति प्रदर्शन करते हुए मशाल जुलूस निकाला था.

जिसमें बतौर अतिथि गुजरात के कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को आमंत्रित किया था. उनका यह निमंत्रण अब उनका सिरदर्द बनता नजर आ रहा है.

बता दें कि चुनाव आयोग की आदर्श आचार संहिता के अनुसार किसी भी बाहरी व्यक्ति को संगठन के लिए प्रचार करने की अनुमति नहीं होती.

इसके बाबत NSUI ने हार्दिक पटेल को जुलूस में शामिल किया जिसके चलते चुनाव समिति ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है.

अनुमति के बिना हार्दिक पटेल जुलूस में शामिल
वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार NSUI ने 'मशाल जुलूस' में हार्दिक पटेल को आमंत्रण देने के लिए चुनाव समिति से अनुमति मांगी थी. लेकिन चुनाव समिति ने स्पष्ट मना कर दिया था.

इसके बावजूद NSUI ने गंगा ढाबा से चंद्रभागा छात्रावास तक जो जुलूस निकाला था उसमें हार्दिक पटेल भी मौजूद थे.

इस मशाल जुलूस के लिए NSUI ने बकायदा निमंत्रण पत्र भी बांटे जिसमें हार्दिक पटेल द्वारा छात्रों को संबोधित करने की बात लिखी गई थी.

कारण बताओ नोटिस जारी
आचार संहिता का उल्लंघन करने की बात संज्ञान में आते ही जेएनयू चुनाव समिति ने कार्यवाई करते हुए NSUI को पहला कारण बताओ नोटिस शुक्रवार को जारी किया था जिसका जवाब देते हुए NSUI ने कहा था कि हार्दिक पटेल वहां कैसे आ गए या उन्हें भी पता नहीं चला.

NSUI के जवाब से असंतुष्ट होकर चुनाव आयोग ने उन्हें दूसरा कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जिसका जवाब 24 घंटों के अंदर मांगा गया है.

बता दें कि चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो छात्र संघ चुनाव से उनका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा.

बता दें कि जेएनयू में 4 सितंबर को प्रेसीडेंशियल डिबेट का आयोजन किया जाएगा और 6 सितंबर को मतदान होगा.

Intro:नई दिल्ली ।

जेएनयू छात्रसंघ चुनाव की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं वही भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एनएसयूआई द्वारा कांग्रेस के नेता हार्दिक पटेल को अपने प्रचार कार्यक्रम में बुलाना महंगा साबित हो गया. एनएसयूआई द्वारा बाहरी व्यक्ति को चुनाव प्राचीन के लिए बुलाने पर उन्हें जेएनयू चुनाव समिति की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है जिसका संतोषजनक जवाब ना मिलने पर एनएसयूआई का छात्र संघ चुनाव से नामांकन रद्द किया जा सकता है.



Body:जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के लिए एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय परिसर में शक्ति प्रदर्शन करते हुए मशाल जुलूस निकाला था जिसमें बतौर अतिथि गुजरात के कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को आमंत्रित किया था. उनका यह निमंत्रण अब उनका सिरदर्द बनता नजर आ रहा है. बता दें कि चुनाव आयोग की आदर्श आचार संहिता के अनुसार किसी भी बाहरी व्यक्ति को संगठन के लिए प्रचार करने की अनुमति नहीं होती. इसके बाबत एनएसयूआई ने हार्दिक पटेल को जुलूस में शामिल किया जिसके चलते चुनाव समिति ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है.

वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनएसयूआई ने 'मशाल जुलूस' में हार्दिक पटेल को आमंत्रण देने के लिए चुनाव समिति से अनुमति मांगी थी लेकिन चुनाव समिति ने स्पष्ट मना कर दिया था. इसके बावजूद एनएसयूआई ने गंगा ढाबा से चंद्रभागा छात्रावास तक जो जुलूस निकाला था उसमें हार्दिक पटेल भी मौजूद थे. इस मशाल जुलूस के लिए एनएसयूआई ने बकायदा निमंत्रण पत्र भी बांटे जिसमें हार्दिक पटेल द्वारा छात्रों को संबोधित करने की बात लिखी गई थी. आचार संहिता का उल्लंघन करने की बात संज्ञान में आते ही जेएनयू चुनाव समिति ने कार्यवाई करते हुए एनएसयूआई को पहला कारण बताओ नोटिस शुक्रवार को जारी किया था जिसका जवाब देते हुए एनएसयूआई ने कहा था कि हार्दिक पटेल वहां कैसे आ गए या उन्हें भी पता नहीं चला.

एनएसयूआई के जवाब से असंतुष्ट होकर चुनाव आयोग ने उन्हें दूसरा कारण बताओ नोटिस जारी किया है जिसका जवाब 24 घंटों के अंदर मांगा गया है. बता दें कि चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो छात्र संघ चुनाव से उनका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा.


Conclusion:बता दें कि जेएनयू में 4 सितंबर को प्रेसीडेंशियल डिबेट का आयोजन किया जाएगा और 6 सितंबर को मतदान होगा.
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