नई दिल्ली: मंदिर मार्ग थाने की पुलिस ने एक युवती से गोल्ड ज्वेलरी की ठगी के मामले के एक आरोपी को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है. ठगी के मामले में गिरफ्तार आरोपी की पहचान शाहदरा स्थित नंद नगरी के विक्रांत भगत के रूप में हुई है. वह कई दिनों से फरार चल रहा था. पुलिस उसे पकड़ने के लिए कई दिनों से प्रयास कर रही थी.
डीसीपी अमृता गुगुलोथ के अनुसार बीते 20 मई को पीड़ित युवती ने मंदिर मार्ग थाने में मामला दर्ज कराया था. जिसमें बताया कि उसके घर पर दो लोग पहुंचे थे. जिन्होंने खुद को सोने के आभूषणों को साफ करने वाला बताया. जिस पर उसने अपने कान की बालियों और अंगूठी को उन्हें साफ करने के लिए दे दिय. इसी दौरान वो अचेत हो गयी और जब उन्हें होश आया तो देखा कि दोनो शख्स आभूषण लेकर फरार हो चुके थे. इस मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया था.
पुलिस टीम इलाके के सीसीटीवी फुटेज को खांगल कर संदिग्धों के तलाश में जुट गई.जांच के दौरान 40 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले गए. जिसमें पता चला कि आरोपियों ने शिकायतकर्ता के घर तक पहुंचने के किये टीएसआर का इस्तेमाल किया था. जिसके बाद टीएसआर के रजिस्ट्रेशन डिटेल के आधार पर पुलिस टीम ड्राइवर तक पहुंची. ड्राइवर से पूछताछ में पता चला कि दोनों आरोपी मंडोली में टीएसआर पर सवार हुए थे. पुलिस टीम ड्राइवर को साथ लेकर मंडोली पहुंची और पोजिशन लेकर संदिग्ध का इंतजार करने लगी.
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आखिरकार पुलिस टीम को सफलता मिली और टीएसआर ड्राइवर ने एक आरोपी की पहचान की. जिसके बाद पुलिस ने उसे दबोच लिया. पूछताछ में उसने अपने साथी के साथ मिलकर गोल्ड ज्वेलरी ठगी की बात स्वीकार कर ली. इस मामले में पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुट गई है. इसके अलावा दूसरे आरोपी की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है.
वहीं एक दूसरे ऑपरेशन में पुलिस ने दो भगौड़ों का पकड़ा है. पुलिस ने गुप्त सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर यूपी के मथुरा में छापेमारी कर दो अलग-अलग जगहों से दो भगौड़ों मदन लाल और नाज़िम को गिरफ्तार किया है. साल 2002 में कनॉट प्लेस थाने में दर्ज एक मामले में पुलिस को इसकी तलाश थी. लगातार फरार रहने के कारण 2005 में पटियाला हाउस कोर्ट ने इसे भगौड़ा घोषित किया था. जबकि नाजिम के खिलाफ 1999 में तिलक मार्ग थाने में एक मामला दर्ज कराया गया था.
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