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India's First Rapid Rail: अगले महीने शुरू होगा Integrated Trail Run, जाने कब कर सकेंगे सफर - DELH NCR NEWS

भारत के पहले रैपिड रेल को अगले महीने से इंटीग्रेटेड ट्रायल रन शुरु होने वाला है. अभी इसका दुहाई से साहिबाबाद के बीच टेस्ट रन किया जा रहा है. मार्च 2023 में रैपिड रेल रेल का संचालन शुरू हो जाएगा. जबकि पूरे कॉरिडोर को 2025 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है.

दिल्ली मेरठ रैपिड रेल
दिल्ली मेरठ रैपिड रेल
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Published : Jan 28, 2023, 10:11 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर के लोग बेसब्री से दिल्ली मेरठ रैपिड रेल का इंतजार कर रहे हैं. 4 जनवरी से रैपिड रेल की टेस्टिंग की जा रही है. रैपिड रेल को पटरी पर दौड़ाकर टेस्ट किया जा रहा है. जल्द रैपिड रेल की सिस्टम इंटीग्रेटेड ट्रायल रन की शुरुआत होने वाली है. एनसीआरटीसी (National Capital Region Transport Corporation) के मुताबिक मार्च 2023 में रैपिड रेल रेल का संचालन शुरू हो जाएगा.

एनसीआरटीसी के पीआरओ पुनीत वत्स के मुताबिक फ़रवरी के पहले हफ्ते में सिस्टम इंटीग्रेटेड ट्रायल रन की शुरआत की जाएगी. फिलहाल रैपिड रेल को पटरी पर दौड़ाकर टेस्ट किया जा रहा है. सिस्टम इंटीग्रेटेड ट्रायल के दौरान चेक किया जाएगा कि सिगनलिंग सिस्टम, इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन सिस्टम समेत विभिन्न सिस्टम्स के साथ ठीक से समन्वय स्थापित हो रहा है कि नहीं. हफ्ते भर में टेस्टिंग पूर्ण होने बाद इंटीग्रेटेड ट्रायल शुरू किए जाएंगे. फिलहाल 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक की गति पर रैपिड रेल की टेस्टिंग जारी है.

एनसीआरटीसी के मुताबिक प्रायोरिटी सेक्शन में मार्च 2023 से रैपिड रेल का संचालन शुरू हो जाएगा. जबकि पूरे कॉरिडोर को 2025 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है. रैपिड रेल कॉरिडोर का 17 किमी का हिस्सा प्रायोरिटी सेक्शन में आता है, जिसमें कुल पांच स्टेशन हैं. साहिबाबाद, गाज़ियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो. मेक इन इंडिया के तहत आरआरटीएस के लिए 100% ट्रेनसेट भारत में निर्मित किए जा रहे हैं. ट्रेनों का निर्माण गुजरात के सावली में स्थित एल्सटॉम कारखाने में किया जा रहा है.

आरआरटीएस (Rapid Rail Transport System) में 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली ट्रेनें हर 5-10 मिनट में उपलब्ध होंगी और लगभग एक घंटे में लगभग 100 किमी की दूरी तय करेंगी. पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए कुल 210 कोचों (40 ट्रेनसेट) की डिलीवरी होगी. इसमें दिल्ली गाजियाबाद मेरठ कॉरिडोर पर क्षेत्रीय परिवहन सेवाओं के संचालन और मेरठ में स्थानीय ट्रांजिट सेवाएं के लिए ट्रेनसेट शामिल हैं. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर में कुल 25 स्टेशन होंगे. आरआरटीएस मेरठ से दिल्ली तक यात्रा के समय को 60 मिनट से कम कर देगा. दिल्ली- गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर से प्रति वर्ष लगभग दो लाख पचास हज़ार टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आने का अनुमान है.

रैपिड रेल की विशेषताएं:-

• तेज़ रफ़ातार पर हवा के खिंचाव को कम करने के लिए ट्रैन को एयरोडायनामिक प्रोफाइल दी गई है.

• एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2X2 ट्रांसवर्स सीटिंग.

• ओवरहेड लगेज रैंक वाली कुशन वाली सीटें.

• हर ट्रेन में एक प्रीमियम क्लास कार' जो आराम, सुविधा और यूजर फ्रेंडली होगी. जिसमें अधिक लेगरुम, कोट हैंगर के साथ चौड़ी सीटें होंगी.

• प्रत्येक ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा.

• यात्रियों के लिए वाई-फाई.

• हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग के लिए यूएसबी पोर्ट.

• दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की जगह और आपातकालीन चिकित्सा परिवहन के लिए स्ट्रेचर की जगह मौजूद होगी.

• इंडोर और आउटडोर सर्विलांस सिस्टम.

• आग के लिए फायर डिटेक्शन सिस्टम.

इसे भी पढ़ें: बच्चों को बेहतर इंसान कैसे बनाया जाए, इसे समझने में मदद करेगा जीवन विद्या शिविरः मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर के लोग बेसब्री से दिल्ली मेरठ रैपिड रेल का इंतजार कर रहे हैं. 4 जनवरी से रैपिड रेल की टेस्टिंग की जा रही है. रैपिड रेल को पटरी पर दौड़ाकर टेस्ट किया जा रहा है. जल्द रैपिड रेल की सिस्टम इंटीग्रेटेड ट्रायल रन की शुरुआत होने वाली है. एनसीआरटीसी (National Capital Region Transport Corporation) के मुताबिक मार्च 2023 में रैपिड रेल रेल का संचालन शुरू हो जाएगा.

एनसीआरटीसी के पीआरओ पुनीत वत्स के मुताबिक फ़रवरी के पहले हफ्ते में सिस्टम इंटीग्रेटेड ट्रायल रन की शुरआत की जाएगी. फिलहाल रैपिड रेल को पटरी पर दौड़ाकर टेस्ट किया जा रहा है. सिस्टम इंटीग्रेटेड ट्रायल के दौरान चेक किया जाएगा कि सिगनलिंग सिस्टम, इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन सिस्टम समेत विभिन्न सिस्टम्स के साथ ठीक से समन्वय स्थापित हो रहा है कि नहीं. हफ्ते भर में टेस्टिंग पूर्ण होने बाद इंटीग्रेटेड ट्रायल शुरू किए जाएंगे. फिलहाल 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक की गति पर रैपिड रेल की टेस्टिंग जारी है.

एनसीआरटीसी के मुताबिक प्रायोरिटी सेक्शन में मार्च 2023 से रैपिड रेल का संचालन शुरू हो जाएगा. जबकि पूरे कॉरिडोर को 2025 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है. रैपिड रेल कॉरिडोर का 17 किमी का हिस्सा प्रायोरिटी सेक्शन में आता है, जिसमें कुल पांच स्टेशन हैं. साहिबाबाद, गाज़ियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो. मेक इन इंडिया के तहत आरआरटीएस के लिए 100% ट्रेनसेट भारत में निर्मित किए जा रहे हैं. ट्रेनों का निर्माण गुजरात के सावली में स्थित एल्सटॉम कारखाने में किया जा रहा है.

आरआरटीएस (Rapid Rail Transport System) में 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली ट्रेनें हर 5-10 मिनट में उपलब्ध होंगी और लगभग एक घंटे में लगभग 100 किमी की दूरी तय करेंगी. पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए कुल 210 कोचों (40 ट्रेनसेट) की डिलीवरी होगी. इसमें दिल्ली गाजियाबाद मेरठ कॉरिडोर पर क्षेत्रीय परिवहन सेवाओं के संचालन और मेरठ में स्थानीय ट्रांजिट सेवाएं के लिए ट्रेनसेट शामिल हैं. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर में कुल 25 स्टेशन होंगे. आरआरटीएस मेरठ से दिल्ली तक यात्रा के समय को 60 मिनट से कम कर देगा. दिल्ली- गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर से प्रति वर्ष लगभग दो लाख पचास हज़ार टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आने का अनुमान है.

रैपिड रेल की विशेषताएं:-

• तेज़ रफ़ातार पर हवा के खिंचाव को कम करने के लिए ट्रैन को एयरोडायनामिक प्रोफाइल दी गई है.

• एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2X2 ट्रांसवर्स सीटिंग.

• ओवरहेड लगेज रैंक वाली कुशन वाली सीटें.

• हर ट्रेन में एक प्रीमियम क्लास कार' जो आराम, सुविधा और यूजर फ्रेंडली होगी. जिसमें अधिक लेगरुम, कोट हैंगर के साथ चौड़ी सीटें होंगी.

• प्रत्येक ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा.

• यात्रियों के लिए वाई-फाई.

• हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग के लिए यूएसबी पोर्ट.

• दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की जगह और आपातकालीन चिकित्सा परिवहन के लिए स्ट्रेचर की जगह मौजूद होगी.

• इंडोर और आउटडोर सर्विलांस सिस्टम.

• आग के लिए फायर डिटेक्शन सिस्टम.

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