नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली पुलिस ने 8 अक्टूबर को गाजियाबाद के लोनी में हथियार और गोला-बारूद बनाने वाली अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए दो तस्करों को गिरफ्तार किया है. इससे ये साबित हो गया है कि दिल्ली एनसीआर के साथ ही आसपास के जिलों में बड़ी संख्या में हथियार तस्कर सक्रिय हैं. इन हथियार तस्करों से बड़ी संख्या में हथियार बरामद हुए हैं. वहीं लोनी स्थित फैक्ट्री में हथियार बनाने के लिए बड़ी मात्रा में कच्चा माल पाया गया है. आरोपियों से लोहे की छड़ें, केमिकल, मशीनें और बारूद समेत कई ऐसे उपकरण बरामद किए हैं, जो हथियार बनाने में इस्तेमाल होते हैं.
उत्तरी दिल्ली जिले के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि ऐसे अपराधियों को पकड़ने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है. इस साल के शुरुआती छह महीने में आर्म्स एक्ट के मामलों में बड़ी संख्या में अवैध अथियार बरामद किए गए हैं. हत्या, हत्या के प्रयास, लूटपाट, डकैती जैसे गंभीर अपराधों में नाबालिग, युवा और व्यस्क तक सभी पिस्टल, कट्टा, चाकू आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं. ये हथियार तस्करों से खरीदे जाते हैं. बता दें कि मध्य प्रदेश के धार, खरगोन,सेंधवा, बुरहानपुर, खंडवा में तो बिहार के खगड़िया और मुंगेर में वहीं उत्तर प्रेदश के मेरठ, शामली, बरेली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ अन्य इलाकों में अवैध हथियारों के बनाने का काम किया जाता है, जबकि दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में इन हथियारों को बेचा जाता है.
डीसीपी ने बताया कि अवैध हथियार बनाने वाले अपराधी हाईटेक हथियारों की कॉपी सात से आठ हजार रुपए में तैयार कर लेते हैं और फिर इसे वह पांच गुना ज्यादा कीमत पर बेचते हैं. इनको सप्लाई करने के लिए तस्करों की पूरी चेन होती है. तस्कर आठ हजार में खरीदी गई पिस्तौल अपराधियों को पच्चीस से तीस हजार रुपए में बेचते हैं और इस अवैध हथियार के गोरखधंधे में मोटी रकम कमाते हैं.
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