नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्रों और पुलिस के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात पर आश्चर्य जताया कि जेएनयू प्रशासन को प्रदर्शनकारी छात्रों की अकादमिक जानकारी नहीं है. जस्टिस एके चावला ने जेएनयू को निर्देश दिया कि वो हलफनामा के जरिये उन छात्रों के बारे में विस्तृत जानकारी दे जिनके खिलाफ उन्होंने अवमानना याचिका दायर की है. हाईकोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को 20 दिसंबर तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया.
11 दिसंबर को को कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को दिए निर्देश
पिछले 11 दिसंबर को कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को निर्देश दिए थे कि वो छात्रों से बात करे और प्रशासनिक ब्लॉक के सौ मीटर के दायरे को खाली करवाए जिससे रजिस्ट्रार और युनिवर्सिटी के दूसरे अधिकारी अपना काम शुरु कर सकें. हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को भी निर्देश दिए थे कि वो जेएनयू के कुलपति,रजिस्ट्रार और दूसरे अधिकारियों की पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराए जिससे कल से युनिवर्सिटी का काम शुरू हो सके.
प्रशासनिक ब्लॉक के सौ मीटर के दायरे में न हो प्रदर्शन
जेएनयू प्रशासन के मुताबिक हाईकोर्ट ने 9 अगस्त 2017 के आदेश में कहा था कि प्रशासनिक ब्लॉक के सौ मीटर के दायरे में कोई प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है.
दिल्ली पुलिस पर जेएनयू प्रशासन के आरोप
जेएनयू प्रशासन ने कहा है कि पिछले 28 अक्टूबर से प्रशासनिक ब्लॉक का कामकाज बाधित है. जेएनयू ने दिल्ली पुलिस पर कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया है.
अमूल्य पटनायक को दिशानिर्देश जारी करने की मांग
जेएनयू प्रशासन ने कोर्ट से मांग की है कि छात्रों और पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जाए. याचिका में दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को जेएनयू प्रशासन का सहयोग देने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है.
1 महीने से जेएनयू में हो रहा है प्रदर्शन
आपको बता दें कि जेएनयू में हॉस्टल की फीसों में बढ़ोतरी के खिलाफ करीब एक महीने से ज्यादा दिनों से छात्र आंदोलनरत हैं. छात्रों ने राष्ट्रपति के यहां मार्च किया था जिसके दौरान कुछ छात्रों को चोटें भी आई थीं. उसके पहले 18 नवंबर को जेएनयू के छात्रों ने संसद पर मार्च किया था. इस मार्च के दौरान कुछ छात्रों और पुलिसकर्मियों को चोटें भी आई थीं.