ETV Bharat / state

जेएनयू प्रशासन को प्रदर्शनकारी छात्रों की शैक्षणिक जानकारी न होने पर हाईकोर्ट हैरान

दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्रों और पुलिस के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात पर आश्चर्य जताया कि जेएनयू प्रशासन को प्रदर्शनकारी छात्रों की अकादमिक जानकारी नहीं है.

High court expressed surprise over JNU administration not having educational information of protesting students
जेएनयू का हलफनामा
author img

By

Published : Dec 13, 2019, 11:40 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्रों और पुलिस के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात पर आश्चर्य जताया कि जेएनयू प्रशासन को प्रदर्शनकारी छात्रों की अकादमिक जानकारी नहीं है. जस्टिस एके चावला ने जेएनयू को निर्देश दिया कि वो हलफनामा के जरिये उन छात्रों के बारे में विस्तृत जानकारी दे जिनके खिलाफ उन्होंने अवमानना याचिका दायर की है. हाईकोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को 20 दिसंबर तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया.

11 दिसंबर को को कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को दिए निर्देश
पिछले 11 दिसंबर को कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को निर्देश दिए थे कि वो छात्रों से बात करे और प्रशासनिक ब्लॉक के सौ मीटर के दायरे को खाली करवाए जिससे रजिस्ट्रार और युनिवर्सिटी के दूसरे अधिकारी अपना काम शुरु कर सकें. हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को भी निर्देश दिए थे कि वो जेएनयू के कुलपति,रजिस्ट्रार और दूसरे अधिकारियों की पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराए जिससे कल से युनिवर्सिटी का काम शुरू हो सके.

प्रशासनिक ब्लॉक के सौ मीटर के दायरे में न हो प्रदर्शन
जेएनयू प्रशासन के मुताबिक हाईकोर्ट ने 9 अगस्त 2017 के आदेश में कहा था कि प्रशासनिक ब्लॉक के सौ मीटर के दायरे में कोई प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है.

दिल्ली पुलिस पर जेएनयू प्रशासन के आरोप
जेएनयू प्रशासन ने कहा है कि पिछले 28 अक्टूबर से प्रशासनिक ब्लॉक का कामकाज बाधित है. जेएनयू ने दिल्ली पुलिस पर कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया है.

अमूल्य पटनायक को दिशानिर्देश जारी करने की मांग
जेएनयू प्रशासन ने कोर्ट से मांग की है कि छात्रों और पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जाए. याचिका में दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को जेएनयू प्रशासन का सहयोग देने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है.

1 महीने से जेएनयू में हो रहा है प्रदर्शन
आपको बता दें कि जेएनयू में हॉस्टल की फीसों में बढ़ोतरी के खिलाफ करीब एक महीने से ज्यादा दिनों से छात्र आंदोलनरत हैं. छात्रों ने राष्ट्रपति के यहां मार्च किया था जिसके दौरान कुछ छात्रों को चोटें भी आई थीं. उसके पहले 18 नवंबर को जेएनयू के छात्रों ने संसद पर मार्च किया था. इस मार्च के दौरान कुछ छात्रों और पुलिसकर्मियों को चोटें भी आई थीं.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्रों और पुलिस के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात पर आश्चर्य जताया कि जेएनयू प्रशासन को प्रदर्शनकारी छात्रों की अकादमिक जानकारी नहीं है. जस्टिस एके चावला ने जेएनयू को निर्देश दिया कि वो हलफनामा के जरिये उन छात्रों के बारे में विस्तृत जानकारी दे जिनके खिलाफ उन्होंने अवमानना याचिका दायर की है. हाईकोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को 20 दिसंबर तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया.

11 दिसंबर को को कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को दिए निर्देश
पिछले 11 दिसंबर को कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को निर्देश दिए थे कि वो छात्रों से बात करे और प्रशासनिक ब्लॉक के सौ मीटर के दायरे को खाली करवाए जिससे रजिस्ट्रार और युनिवर्सिटी के दूसरे अधिकारी अपना काम शुरु कर सकें. हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को भी निर्देश दिए थे कि वो जेएनयू के कुलपति,रजिस्ट्रार और दूसरे अधिकारियों की पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराए जिससे कल से युनिवर्सिटी का काम शुरू हो सके.

प्रशासनिक ब्लॉक के सौ मीटर के दायरे में न हो प्रदर्शन
जेएनयू प्रशासन के मुताबिक हाईकोर्ट ने 9 अगस्त 2017 के आदेश में कहा था कि प्रशासनिक ब्लॉक के सौ मीटर के दायरे में कोई प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है.

दिल्ली पुलिस पर जेएनयू प्रशासन के आरोप
जेएनयू प्रशासन ने कहा है कि पिछले 28 अक्टूबर से प्रशासनिक ब्लॉक का कामकाज बाधित है. जेएनयू ने दिल्ली पुलिस पर कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया है.

अमूल्य पटनायक को दिशानिर्देश जारी करने की मांग
जेएनयू प्रशासन ने कोर्ट से मांग की है कि छात्रों और पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जाए. याचिका में दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को जेएनयू प्रशासन का सहयोग देने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है.

1 महीने से जेएनयू में हो रहा है प्रदर्शन
आपको बता दें कि जेएनयू में हॉस्टल की फीसों में बढ़ोतरी के खिलाफ करीब एक महीने से ज्यादा दिनों से छात्र आंदोलनरत हैं. छात्रों ने राष्ट्रपति के यहां मार्च किया था जिसके दौरान कुछ छात्रों को चोटें भी आई थीं. उसके पहले 18 नवंबर को जेएनयू के छात्रों ने संसद पर मार्च किया था. इस मार्च के दौरान कुछ छात्रों और पुलिसकर्मियों को चोटें भी आई थीं.

Intro:नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) की छात्रों और पुलिस के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात पर आश्चर्य जताया कि जेएनयू प्रशासन को प्रदर्शनकारी छात्रों की अकादमिक जानकारी नहीं है। जस्टिस एके चावला ने जेएनयू को निर्देश दिया कि वो हलफनामा के जरिये उन छात्रों के बारे में विस्तृत जानकारी दे जिनके खिलाफ उसने अवमानना याचिका दायर किया है। हाईकोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को 20 दिसंबर तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।



Body:पिछले 11 दिसंबर को कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को निर्देश दिया था कि वो छात्रों से बात करे और प्रशासनिक ब्लॉक के सौ मीटर के दायरे को खाली करवाए ताकि रजिस्ट्रार और युनिवर्सिटी के दूसरे अधिकारी अपना काम शुरु कर सकें। हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को भी निर्देश दिया था कि वो जेएनयू के कुलपति,रजिस्ट्रार और दूसरे अधिकारियों की पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराए ताकि कल से युनिवर्सिटी का काम सुचारु रुप से चल सके।
जेएनयू प्रशासन ने छात्रों और पुलिस के खिलाफ अवमानना याचिका दायर किया है। जेएनयू ने कहा है कि हाईकोर्ट ने अपने 9 अगस्त 2017 के आदेश में कहा था कि प्रशासनिक ब्लॉक के सौ मीटर के दायरे में कोई प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है।
जेएनयू प्रशासन ने कहा है कि पिछले 28 अक्टूबर से प्रशासनिक ब्लॉक का कामकाज बाधित है। जेएनयू ने दिल्ली पुलिस पर कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया । जेएनयू प्रशासन ने कोर्ट से मांग की है कि छात्रों और पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जाए। याचिका में दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को जेएनयू प्रशासन का सहयोग देने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है।



Conclusion:आपको बता दें कि जेएनयू में हॉस्टल की फीसों में बढ़ोतरी के खिलाफ करीब एक महीने से ज्यादा दिनों से छात्र आंदोलनरत हैं। छात्रों ने राष्ट्रपति के यहां मार्च किया था जिसके दौरान कुछ छात्रों को चोटें आई थीं। उसके पहले 18 नवंबर को जेएनयू के छात्रों ने संसद पर मार्च किया था। इस मार्च के दौरान कुछ छात्रों और पुलिसकर्मियों को चोटें भी आई थीं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.