नई दिल्ली: दिल्ली के चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण के मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रोजेक्ट से जुड़ी एमटीएनएल और बीएसईएस जैसी एजेंसियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे तारों को हटाए जाने से जुड़े चीफ नोडल ऑफिसर के निर्देशों पर अमल करें वरना कोर्ट को मजबूरन उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करनी पड़ेगी. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश जारी किया. मामले पर अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी.
तारों और केबल को हटाने के निर्देश
याचिका चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण से संबंधित नोडल अधिकारी ने दायर की थी. नोडल अधिकारी ने हाईकोर्ट से कहा कि चांदनी चौक इलाके में जहां-तहां तार और केबल लटक रहे हैं. याचिका में इन तारों और केबल को हटाने की मांग की गई है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने संबंधित प्राधिकरणों को निर्देश दिया कि वे चांदनी चौक रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के मुताबिक लटक रह तारों और केबल को हटाएं. नोडल अफसर की ओर से पेश वकील नौशाद अहमद खान ने कहा कि चांदनी चौक रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की थीम गणतंत्र दिवस परेड की झांकी में भी शामिल की गई है.
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सिसोदिया ने 2018 में किया था उद्घाटन
नौशाद खान ने कोर्ट को बताया कि 28 दिसंबर 2020 को प्रोजेक्ट के इंस्पेक्शन के दौरान नोडल अफसरों ने पाया कि MTNL का कोई भी अधिकारी वहां उपस्थित नहीं था. एमटीएनएल फोन के लाईन और फीडर खंभों को अभी तक शिफ्ट नहीं किया गया है. नोडल अधिकारी ने इसके लिए एमटीएनल को कई बार कहा है. बता दें कि 7 दिसंबर 2018 को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने चांदनी चौक रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था.