नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुकेश चंद्रशेखर की प्रड़ताड़ना याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने जेल अधिकारियों को सुकेश को कैंटीन और परिजनों से फोन पर बात करने की सुविधा देने का निर्देश दिया. साथ ही कोर्ट ने कहा कि सुकेश को कैंटीन से संबंधित टिकट भी दें. टिकट एक मई से प्रभावी होंगे और 15 मई तक वैध रहेंगे.
दरअसल, 17 अप्रैल को मंडोली जेल के उप अधीक्षक जेल के कार्यालय ने एक आदेश जारी किया गया था. इसमें सुकेश को फैमिली मीटिंग्स, फोन कॉल्स और कैंटीन सुविधाओं का उपयोग करने से रोक दिया था. इस आदेश के खिलाफ सुकेश ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था. इस पर न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने जेल अधिकारियों को नोटिस जारी कर मामले को आगे की सुनवाई के लिए 28 अप्रैल को सूचीबद्ध किया था. जिस पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को जेल अधिकारियों को निर्देश दिया.
बता दें, एक दिन पहले कोर्ट से सुकेश ने अपनी पत्नी के जन्मदिन पर केक खरीदने की अनुमति मांगी थी. इससे पहले हुई सुनवाई में सुकेश चंद्रशेखर के वकील अनंत मलिक ने तर्क दिया कि सुकेश को सुनवाई के बिना दो सजा टिकट जारी किए गए थे. यह नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन है. यह एक गंभीर मुद्दा है, क्योंकि याचिकाकर्ता की मां का परिवार बेंगलुरु में रहता है. दूसरी ओर अतिरिक्त स्थायी वकील नंदिता राव ने कहा कि वह एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेगी.
याचिका में कहा गया है कि जेल उपाधीक्षक ने मनमाने ढंग से बिना किसी आवेदन के याचिकाकर्ता के खिलाफ कैंटीन सुविधा और मुलाकात, फोन कॉल सुविधा से 15 दिनों के लिए वंचित किया है. खासकर जब याचिकाकर्ता विभिन्न राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों में विचाराधीन कैदी है. उसे रोजाना जान से मारने की धमकी मिल रही है. इसके अलावा वर्तमान याचिकाकर्ता और जेल अधिकारियों के बीच हितों का टकराव मौजूद है, जो उसे और उसके परिवार को धमकी दे रहे हैं.
ये भी पढ़ें: Kejriwal Bungalow Controversy: BJP का आरोप- एक करोड़ 42 लाख रुपए में खरीदे 22 TV
मंडोली जेल से दूसरी जेल में ट्रांसफर करने की मांग: याचिकाकर्ता ने यह भी प्रस्तुत किया है कि जेल अधिकारियों के कथित कृत्यों को याचिकाकर्ता द्वारा अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) पटियाला हाउस के समक्ष सूचित किया गया है. न्यायालय ने मामले के संबंध में एक विशेष स्वतंत्र जांच करने के निर्देश दिए हैं. याचिकाकर्ता ने एक आपराधिक रिट याचिका भी दायर की है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि लगातार जान से मारने की धमकियों और दबावों के कारण उसे दिल्ली की जेल से किसी अन्य राज्य में स्थानांतरित किया जाए. गौरतलब है कि सुकेश चंद्रशेखर पर दिल्ली पुलिस ने 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. वह मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में भी आरोपी है.
ये भी पढ़ें: WFI Controversy : बृजभूषण सिंह पर FIR दर्ज करेगी दिल्ली पुलिस, सुप्रीम कोर्ट में दी जानकारी