ETV Bharat / state

NSUI के छात्र नेता लोकेश चुघ की PhD थीसिस स्वीकार करने में देरी पर HC ने DU को भेजा नोटिस - डीयू को नोटिस जारी

दिल्ली हाईकोर्ट ने एनएसयूआई छात्र नेता की PhD थीसिस स्वीकार करने में देरी पर डीयू को नोटिस भेजा है. कोर्ट ने मामले को 17 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए डीयू से जवाब भी मांगा है.

D
D
author img

By

Published : May 24, 2023, 10:26 PM IST

नई दिल्ली: पीएचडी स्कॉलर और एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव लोकेश चुघ ने डीयू की उनकी थीसिस जमा करने में की गई निष्क्रियता और देरी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. इस पर न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने चुघ की याचिका पर डीयू को नोटिस जारी किया और मामले को 17 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय और अन्य अधिकारियों से जवाब भी मांगा है.

दिल्ली हाईकोर्ट में एनएसयूआई छात्र नेता चुघ ने अपने अधिवक्ता नमन जोशी और ऋतिका वोहरा के माध्यम से कोर्ट में निवेदन किया है कि वह अपनी पीएचडी शोध पत्र थीसिस जमा करने के प्रयास में दर-दर भटक रहे हैं. याची छात्र ने अपनी दलील में कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत के दौरान एक सार्वजनिक बयान दिया कि विश्वविद्यालय हाई कोर्ट के छात्र का निलंबन रद्द करने के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने की योजना बना रहा है.

सुनवाई के दौरान युवा छात्र नेता चुघ के वकील ने दलील दी कि विश्वविद्यालय ने ऐसी कोई अपील नहीं की है और फैसले पर अभी तक रोक नहीं लगाई गई है. छात्र नेता चुघ के वकील के अनुसार चुघ को अवकाश पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख करने की स्वतंत्रता प्रदान करते हुए न्यायमूर्ति कौरव ने मौखिक रूप से आदेश का पालन करने के निर्देश दिए हैं. पिछले माह 27 अप्रैल को न्यायमूर्ति कौरव ने प्राकृतिक न्याय के उल्लंघन के लिए डीयू को दोषी मानते हुए उंसके दिये गए फैसले को रद्द कर दिया और चुघ के विश्वविद्यालय में प्रवेश को बहाल करने के आदेश दिया था.

इसे भी पढ़ें: RBI To Withdraw Rs 2000 Notes: 2000 रुपए के नोट को वापस लेने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में PIL

दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्र नेता चुघ की उस याचिका का भी निस्तारण कर दिया है, जिसमें विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के कार्यालय द्वारा 10 मार्च को पारित ज्ञापन को चुनौती दी गई थी, जिसमें उन्हें एक साल की अवधि के लिए परीक्षा देने से रोक दिया गया था. उन्होंने 16 फरवरी को प्रॉक्टर के कार्यालय से जारी कारण बताओ नोटिस को भी चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि वह गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के दौरान विश्वविद्यालय में कानून व्यवस्था की गड़बड़ी में शामिल रहे है.

इसे भी पढ़ें: महापंचायत के लिए समर्थन जुटा रहे पहलवान: साक्षी मलिक फतेहाबाद पहुंची, तो कल विनेश और बजरंग जाएंगे जींद

नई दिल्ली: पीएचडी स्कॉलर और एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव लोकेश चुघ ने डीयू की उनकी थीसिस जमा करने में की गई निष्क्रियता और देरी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. इस पर न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने चुघ की याचिका पर डीयू को नोटिस जारी किया और मामले को 17 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय और अन्य अधिकारियों से जवाब भी मांगा है.

दिल्ली हाईकोर्ट में एनएसयूआई छात्र नेता चुघ ने अपने अधिवक्ता नमन जोशी और ऋतिका वोहरा के माध्यम से कोर्ट में निवेदन किया है कि वह अपनी पीएचडी शोध पत्र थीसिस जमा करने के प्रयास में दर-दर भटक रहे हैं. याची छात्र ने अपनी दलील में कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत के दौरान एक सार्वजनिक बयान दिया कि विश्वविद्यालय हाई कोर्ट के छात्र का निलंबन रद्द करने के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने की योजना बना रहा है.

सुनवाई के दौरान युवा छात्र नेता चुघ के वकील ने दलील दी कि विश्वविद्यालय ने ऐसी कोई अपील नहीं की है और फैसले पर अभी तक रोक नहीं लगाई गई है. छात्र नेता चुघ के वकील के अनुसार चुघ को अवकाश पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख करने की स्वतंत्रता प्रदान करते हुए न्यायमूर्ति कौरव ने मौखिक रूप से आदेश का पालन करने के निर्देश दिए हैं. पिछले माह 27 अप्रैल को न्यायमूर्ति कौरव ने प्राकृतिक न्याय के उल्लंघन के लिए डीयू को दोषी मानते हुए उंसके दिये गए फैसले को रद्द कर दिया और चुघ के विश्वविद्यालय में प्रवेश को बहाल करने के आदेश दिया था.

इसे भी पढ़ें: RBI To Withdraw Rs 2000 Notes: 2000 रुपए के नोट को वापस लेने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में PIL

दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्र नेता चुघ की उस याचिका का भी निस्तारण कर दिया है, जिसमें विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के कार्यालय द्वारा 10 मार्च को पारित ज्ञापन को चुनौती दी गई थी, जिसमें उन्हें एक साल की अवधि के लिए परीक्षा देने से रोक दिया गया था. उन्होंने 16 फरवरी को प्रॉक्टर के कार्यालय से जारी कारण बताओ नोटिस को भी चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि वह गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के दौरान विश्वविद्यालय में कानून व्यवस्था की गड़बड़ी में शामिल रहे है.

इसे भी पढ़ें: महापंचायत के लिए समर्थन जुटा रहे पहलवान: साक्षी मलिक फतेहाबाद पहुंची, तो कल विनेश और बजरंग जाएंगे जींद

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.