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1 हफ्ते के अंदर 50 प्रिंसिपल को उनके स्कूल में तैनात करें: हाईकोर्ट

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Published : Apr 13, 2019, 10:44 AM IST

कोर्ट ने यहां तक कहा कि अगर किसी प्रिंसिपल को कोर्ट में भी पदस्थ किया गया है तो उन्हें उनके पुराने स्कूल में तैनात किया जाए. कोर्ट ने दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 1 मई को होगी

1 हफ्ते के अंदर 50 प्रिंसिपल को उनके स्कूल में तैनात करें: हाईकोर्ट

नई दिल्ली: सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के अतिरिक्त पदों की भर्ती मामले पर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि एक हफ्ते के अंदर स्कूलों के 50 प्रिंसिपल की उनके स्कूल में तैनाती करे, जो पिछले तीन सालों से प्रिंसिपल की जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं और उन्हें कहीं दूसरी जगह पदस्थ किया गया है.

कोर्ट ने यहां तक कहा कि अगर किसी प्रिंसिपल को कोर्ट में भी पदस्थ किया गया है तो उन्हें उनके पुराने स्कूल में तैनात किया जाए. कोर्ट ने दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 1 मई को होगी.

DSSSB को निर्देश
जस्टिस नाजिम वजीरी ने DSSSB को निर्देश दिया कि वो शिक्षा निदेशालय की ओर से दो सप्ताह पहले 10591 शिक्षकों की भर्ती के लिए किए गए आग्रह पर जल्द कार्रवाई करे. कोर्ट ने इन शिक्षकों की नियुक्ति के लिए उठाए गए कदम की जानकारी हलफनामा के जरिये कोर्ट को देने का निर्देश दिया.

कोर्ट ने दिल्ली सरकार और DSSSB को निर्देश दिया कि वे शिक्षकों के खाली पड़े पदों पर सीधा या प्रमोशन के जरिये नियुक्ति करने के बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें.

35 हजार शिक्षकों के पद खाली
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील अशोक अग्रवाल ने कोर्ट को सूचना दी कि आज की तिथि में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 35 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं, जबकि नगर निगमों के स्कूलों में 6 हज़ार शिक्षकों के पद खाली हैं.

कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली की नगर निगमों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने स्कूलों के लिए खेल के मैदान की पहचान करें और वहां फुटबॉल का गोल पोस्ट लगाए. कोर्ट ने कहा कि फुटबॉल का गोल पोस्ट लगाने के आदेश की तामील संबंधी रिपोर्ट हलफनामा में फोटो के साथ दाखिल करे.

शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन
आपको बता दें कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दस हजार से ज्यादा शिक्षकों के अतिरिक्त पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकालने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये आदेश जारी किया.

याचिका एनजीओ सोशल जूरिस्ट की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि DSSSB को इन पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करने का निर्देश दिया जाए.

हाईकोर्ट में याचिका लंबित
याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के 20 दिसंबर 2001 के आदेश के मुताबिक किसी भी शिक्षा सत्र के शुरू होने पर किसी भी स्कूल में कोई पद खाली नहीं होना चाहिए. इसके बाद भी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षकों क 10591 पद खाली हैं.

याचिका में कहा गया है कि इस संबंध में हाईकोर्ट में एक याचिका लंबित है. याचिका में दिल्ली सरकार ने अपने हलफमाने में कहा थ कि DSSSB को अनुरोध पत्र भेजा जा चुका है.

2017-18 में अतिरिक्त शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए काफी पहले DSSSB को अनुरोध पत्र भेजा जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरु नहीं की गई है. नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने में 8-10 महीने का समय लगता है. इसलिए इन पदों पर नियुक्ति के लिए DSSSB को विज्ञापन जारी करने का निर्देश जारी किया जाए.

नई दिल्ली: सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के अतिरिक्त पदों की भर्ती मामले पर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि एक हफ्ते के अंदर स्कूलों के 50 प्रिंसिपल की उनके स्कूल में तैनाती करे, जो पिछले तीन सालों से प्रिंसिपल की जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं और उन्हें कहीं दूसरी जगह पदस्थ किया गया है.

कोर्ट ने यहां तक कहा कि अगर किसी प्रिंसिपल को कोर्ट में भी पदस्थ किया गया है तो उन्हें उनके पुराने स्कूल में तैनात किया जाए. कोर्ट ने दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 1 मई को होगी.

DSSSB को निर्देश
जस्टिस नाजिम वजीरी ने DSSSB को निर्देश दिया कि वो शिक्षा निदेशालय की ओर से दो सप्ताह पहले 10591 शिक्षकों की भर्ती के लिए किए गए आग्रह पर जल्द कार्रवाई करे. कोर्ट ने इन शिक्षकों की नियुक्ति के लिए उठाए गए कदम की जानकारी हलफनामा के जरिये कोर्ट को देने का निर्देश दिया.

कोर्ट ने दिल्ली सरकार और DSSSB को निर्देश दिया कि वे शिक्षकों के खाली पड़े पदों पर सीधा या प्रमोशन के जरिये नियुक्ति करने के बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें.

35 हजार शिक्षकों के पद खाली
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील अशोक अग्रवाल ने कोर्ट को सूचना दी कि आज की तिथि में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 35 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं, जबकि नगर निगमों के स्कूलों में 6 हज़ार शिक्षकों के पद खाली हैं.

कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली की नगर निगमों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने स्कूलों के लिए खेल के मैदान की पहचान करें और वहां फुटबॉल का गोल पोस्ट लगाए. कोर्ट ने कहा कि फुटबॉल का गोल पोस्ट लगाने के आदेश की तामील संबंधी रिपोर्ट हलफनामा में फोटो के साथ दाखिल करे.

शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन
आपको बता दें कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दस हजार से ज्यादा शिक्षकों के अतिरिक्त पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकालने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये आदेश जारी किया.

याचिका एनजीओ सोशल जूरिस्ट की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि DSSSB को इन पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करने का निर्देश दिया जाए.

हाईकोर्ट में याचिका लंबित
याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के 20 दिसंबर 2001 के आदेश के मुताबिक किसी भी शिक्षा सत्र के शुरू होने पर किसी भी स्कूल में कोई पद खाली नहीं होना चाहिए. इसके बाद भी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षकों क 10591 पद खाली हैं.

याचिका में कहा गया है कि इस संबंध में हाईकोर्ट में एक याचिका लंबित है. याचिका में दिल्ली सरकार ने अपने हलफमाने में कहा थ कि DSSSB को अनुरोध पत्र भेजा जा चुका है.

2017-18 में अतिरिक्त शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए काफी पहले DSSSB को अनुरोध पत्र भेजा जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरु नहीं की गई है. नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने में 8-10 महीने का समय लगता है. इसलिए इन पदों पर नियुक्ति के लिए DSSSB को विज्ञापन जारी करने का निर्देश जारी किया जाए.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो एक हफ्ते के अंदर स्कूलों के 50 प्रिंसिपल की उनके स्कूल में तैनाती करे जो पिछले तीन सालों से प्रिंसिपल की जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं और उन्हें कहीं दूसरी जगह पदस्थ किया गया है। कोर्ट ने यहां तक कहा कि अगर किसी प्रिंसिपल को कोर्ट में भी पदस्थ किया गया है तो उन्हें उनके पुराने स्कूल में तैनात किया जाए। कोर्ट ने दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 1 मई को होगी।


Body:जस्टिस नाजिम वजीरी ने डीएसएसएसबी को निर्देश दिया कि वो शिक्षा निदेशालय की ओर से दो सप्ताह पहले 10591 शिक्षकों की भर्ती के लिए किए गए आग्रह पर जल्द कार्रवाई करे। कोर्ट ने इन शिक्षकों की नियुक्ति के लिए उठाए गए कदम की जानकारी हलफनामा के जरिये कोर्ट को देने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने दिल्ली सरकार और डीएसएसएसबी को निर्देश दिया कि वे शिक्षकों के खाली पड़े पदों पर सीधी या प्रमोशन के जरिये नियुक्ति करने के बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील अशोक अग्रवाल ने कोर्ट को सूचना दी कि आज की तिथि में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 35 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं जबकि नगर निगमों के स्कूलों में 6 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं। कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली की नगर निगमों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने स्कूलों के लिए खेल के मैदान की पहचान करें और वहां फुटबॉल का गोल पोस्ट लगाएं। कोर्ट ने कहा कि फुटबॉल का गोल पोस्ट लगाने के आदेश की तामील संबंधी रिपोर्ट हलफनामा में फोटो के साथ दाखिल करें।

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दस हजार से ज्यादा शिक्षकों के अतिरिक्त पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकालने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये आदेश जारी किया।

याचिका एनजीओ सोशल जूरिस्ट की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि डीएसएसएसबी को इन पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करने का निर्देश दिया जाए। याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के 20 दिसंबर 2001 के आदेश के मुताबिक किसी भी शिक्षा सत्र के शुरु होने पर किसी भी स्कूल में कोई पद खाली नहीं होना चाहिए। इसके बाद भी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षकों क 10591 पद खाली हैं।


Conclusion:याचिका में कहा गया है कि इस संबंध में हाईकोर्ट में एक याचिका लंबित है जिसमें दिल्ली सरकार ने अपने हलफमाने में कहा थ कि 2017-18 में अतिरिक्त शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए काफी पहले डीएसएसएसबी को अनुरोध पत्र भेजा जा चुका है। लेकिन इसके बाद भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरु नहीं की गई है। नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने में 8-10 महीने का समय लगता है। इसलिए इन पदों पर नियुक्ति के लिए डीएसएसएसबी को विज्ञापन जारी करने का निर्देश जारी किया जाए।
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