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संपत्ति को आधार से लिंक करने वाली याचिका पर केन्द्र से HC से मांगा जवाब

चल और अचल संपत्ति को आधार से लिंक करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र को जवाब देने के लिए 4 हफ्ते का समय मिला है. मामले में कोर्ट ने UIDAI को पक्षकार बनाने के लिए नोटिस भी जारी किया था.

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Published : Nov 20, 2019, 7:16 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली: चल और अचल संपत्ति को आधार से लिंक करने का दिशा निर्देश जारी करने की मांग करने वाली एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई थी. सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्तों का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी.

UIDAI को पक्षकार बनाने की नोटिस
पिछले 15 अक्टूबर को चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र, दिल्ली सरकार और यूआईडीएआई से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. पिछले 16 जुलाई को केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों ने अपना जवाब दाखिल नहीं किया. कोर्ट ने यूआईडीएआई को भी पक्षकार बनाने की अनुमति देते हुए उसे भी नोटिस जारी किया था.

याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि आधार को चल और अचल संपत्ति से लिंक करने पर बेनामी लेनदेन के जरिये किए जा रहे भ्रष्टाचार और काला धन पर लगाम कसने में मदद मिलेगी. याचिका में कहा गया है कि ये सरकार का कर्तव्य है कि वो गलत तरीके से हासिल की गई बेनामी संपत्तियों को जब्त करे और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाए. कानून के शासन को ठेंगा दिखानेवालों को सबक सिखाने के लिए कड़ी कार्रवाई करने की जरुरत है.

वैध मालिकों का पता लगाने में मिलेगी मदद
याचिका में कहा गया है कि आधार से चल और अचल संपत्ति के दस्तावेजों को लिंक करने से टेक्स वसूलने वालों को संपत्ति के वैध मालिकों का पता लगाने में आसानी होगी. इससे चुनाव प्रक्रिया भी साफ-सुथरी हो जाएगी. चुनाव में काले धन का इस्तेमाल और गलत तरीके से राजनीतिक ताकत प्राप्त करने पर रोक लगेगी.

नई दिल्ली: चल और अचल संपत्ति को आधार से लिंक करने का दिशा निर्देश जारी करने की मांग करने वाली एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई थी. सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्तों का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी.

UIDAI को पक्षकार बनाने की नोटिस
पिछले 15 अक्टूबर को चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र, दिल्ली सरकार और यूआईडीएआई से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. पिछले 16 जुलाई को केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों ने अपना जवाब दाखिल नहीं किया. कोर्ट ने यूआईडीएआई को भी पक्षकार बनाने की अनुमति देते हुए उसे भी नोटिस जारी किया था.

याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि आधार को चल और अचल संपत्ति से लिंक करने पर बेनामी लेनदेन के जरिये किए जा रहे भ्रष्टाचार और काला धन पर लगाम कसने में मदद मिलेगी. याचिका में कहा गया है कि ये सरकार का कर्तव्य है कि वो गलत तरीके से हासिल की गई बेनामी संपत्तियों को जब्त करे और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाए. कानून के शासन को ठेंगा दिखानेवालों को सबक सिखाने के लिए कड़ी कार्रवाई करने की जरुरत है.

वैध मालिकों का पता लगाने में मिलेगी मदद
याचिका में कहा गया है कि आधार से चल और अचल संपत्ति के दस्तावेजों को लिंक करने से टेक्स वसूलने वालों को संपत्ति के वैध मालिकों का पता लगाने में आसानी होगी. इससे चुनाव प्रक्रिया भी साफ-सुथरी हो जाएगी. चुनाव में काले धन का इस्तेमाल और गलत तरीके से राजनीतिक ताकत प्राप्त करने पर रोक लगेगी.

Intro:नई दिल्ली । चल और अचल संपत्ति को आधार कार्ड से लिंक करने का दिशानिर्देश जारी करने की मांग करनेवाली याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय मांगा । हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया। मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी ।



Body:पिछले 15 अक्टूबर को चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र, दिल्ली सरकार और यूआईडीएआई से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था । पिछले 16 जुलाई को केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों ने अपना जवाब दाखिल नहीं किया था। कोर्ट ने यूआईडीएआई को भी पक्षकार बनाने की अनुमति देते हुए उसे भी नोटिस जारी किया था।
याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि आधार को चल और अचल संपत्ति से लिंक करने पर बेनामी लेनदेन के जरिये किए जा रहे भ्रष्टाचार और काला धन पर लगाम कसने में मदद मिलेगी। याचिका में कहा गया है कि ये सरकार का कर्तव्य है कि वो गलत तरीके से हासिल की गई बेनामी संपत्तियों को जब्त करे और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाए। कानून के शासन को ठेंगा दिखानेवालों को सबक सिखाने के लिए कड़ी कार्रवाई करने की जरुरत है।



Conclusion:याचिका में कहा गया है कि आधार से चल और अचल संपत्ति के दस्तावेजों को लिंक करने से कर वसूलने वालों को संपत्ति के वैध मालिकों का पता लगाने में आसानी होगी। इससे चुनाव प्रक्रिया भी साफ-सुथरी हो जाएगी। चुनाव में काले धन का इस्तेमाल और गलत तरीके से राजनीतिक ताकत प्राप्त करने पर रोक लगेगी।
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