नई दिल्लीः सफदरजंग अस्पताल के डाक्टरों ने हार्ट ट्रांसप्लांट कर एक 44 वर्षीय व्यक्ति को नया जीवन दिया है. सफदरजंग अस्पताल में यह पहला हार्ट ट्रांसप्लांट है. अधिकारियों ने बताया कि मरीज की चिकित्सा जांच की गई थी. जांच में पता चला कि कोरोनरी धमनी में ब्लाकेज के कारण उसका हार्ट काम नहीं कर रहा है. मरीज को नेशनल आर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट संगठन (नोट्टो) की लिस्ट में शामिल किया गया.
बुधवार को गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल से सफदरजंग अस्पताल को एक डोनर का हार्ट दिया गया. अस्पताल में कार्डियोलाजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अनुभव गुप्ता ने बताया कि सबसे पहले डॉक्टरों की टीम हार्ट लेने निजी अस्पताल गई. इसे सफदरजंग अस्पताल लाए जाने के बाद ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया रात करीब आठ बजे शुरू हुई और गुरुवार सुबह तक चली. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएल शेरवाल ने कहा कि सफदरजंग अस्पताल में यह पहला हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया है. उन्होंने कहा कि मरीज आइसीयू में है और उसकी तबीयत में सुधार हो रहा है.
400 मरीजों की लाइव रोबोटिक व लैप्रोस्कोपिक सर्जरी करके बनाया रिकार्ड: डॉक्टरों को लैप्रोस्कोपिक व रोबोटिक सर्जरी में प्रशिक्षित करने के लिए सफदरजंग अस्पताल ने 200वां रोबोटिक व थ्रीडी लैप्रोस्कोपिक लाइव सर्जरी कर दुनिया भर में वेबकास्ट किया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी अस्पताल के डाक्टरों की तारीफ करते हुए ट्वीट किया है. अस्पताल में यूरोलाजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनुप कुमार के नेतृत्व में किडनी की बीमारी से पीड़ित दो मरीजों की लाइव सर्जरी की. सर्जरी के दौरान 20 देशों के 3167 यूरोलाजी के डॉक्टर भी लाइव जुड़े. इन डॉक्टरों ने भी सर्जरी को लाइव देखा.
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