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आंधी बारिश से मिली राहत तो खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा रहे चूहे, किसान परेशान

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Published : Apr 17, 2023, 8:56 AM IST

Updated : Apr 17, 2023, 9:08 AM IST

गाजियाबाद में खेत-खलिहान के फसल में चूहों का आंतक बढ़ता जा रहा है. वैसे तो ये समस्या सालभर बनी रहती है, लेकिन असल परेशानी तब आती है, जब फसल पककर तैयार हो जाती है और ये चूहे फसल में दावत करने बैठ जाते हैं. इससे किसानों को भी काफी नुकसान हो जाता है. ऐसे में कृषि विभाग गेहूं की फसलों को चूहों से सुरक्षित रखने के लिए किसानों को जागरूक कर रहा है.

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जिला कृषि रक्षा अधिकारी
जिला कृषि रक्षा अधिकारी

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मार्च के महीने में जहां एक तरफ आंधी और बारिश ने किसानों की गेहूं की फसलों को नुकसान पहुंचाया तो वहीं अब चूहे गेहूं की फसलों को निशाना बना रहे हैं. ऐसे में कृषि विभाग किसानों की गेहूं की फसलों को चूहों से सुरक्षित रखने के लिए गांवों में गोष्ठी का आयोजन कर किसानों को जागरूक कर रहा है. कृषि अधिकारी विकास कुमार के नेतृत्व में विभाग की कई टीमें गांवों में गोष्टी कर किसानों को गेहूं की फसलों को चूहों से सुरक्षित रखने के लिए पूरी प्रक्रिया समझाते हैं. गेहूं की खड़ी फसल में चूहे तकरीबन 3 से 4 प्रतिशत फसल का नुकसान करते हैं.

जिला कृषि रक्षा अधिकारी (गाजियाबाद) विकास कुमार के मुताबिक, चूहा संचारी रोग के वाहक का कार्य करता है. गेहूं की फसलों में चूहा बिल बना कर रहता है. चूहा किसानों को दो तरह से नुकसान पहुंचाता है. जब हम गेहूं की फसल को काटकर गेहूं को गोदाम में रखते हैं तो चूहा 6 से आठ प्रतिशत तक गेहूं को नुकसान पहुंचाता है. दूसरा गेहूं की खड़ी फसलों में. यदि गोदाम में हम गेहूं को रखते हैं तो ऐसे में गेहूं को चूहों से सुरक्षित रखने के लिए बिल्ली पाल सकते हैं. चूहेदान और माउस पैड का भी प्रयोग कर सकते हैं.

गेहूं की खड़ी फसलों को चूहे के खतरे से बचाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. कृषि रक्षा अधिकारी विकास कुमार के मुताबिक एक हफ्ते की पूरी प्रक्रिया होती है जिसको क्रियान्वित कर गेहूं की फसल को चूहों द्वारा किए जा रहे नुकसान से बचाया जा सकता है.

फसलों को चूहों से सुरक्षित रखने की विधि:

खेतों की निगरानी कर पहले यह समझना होता है कि कहां-कहां पर चूहों के बिल बने हुए हैं. फिर खेत में मौजूद चूहों के बिलों को मिट्टी से भरा जाता है और एक डंडा गाड़ दिया जाता है.

ये भी पढ़ें : Delhi Assembly का विशेष सत्र सोमवार को, लिस्ट ऑफ बिजनेस जारी, जानिए, किन मुद्दों पर होगी चर्चा

चूहों को बिलों से बाहर निकालने के लिए प्रलोभन देना जरूरी होता है. 48 ग्राम गेहूं या मक्का का भुना हुआ दाना और एक ग्राम सरसों के तेल को चारे के रूप में चूहों के बिलों के पास रखें. इस चारे में किसी प्रकार का कोई जहर नहीं होगा. इस चारे में एक ग्राम जिंक फास्फाइड मिला लें. जिसका अनुपात 48:1:1 (48 ग्राम गेहूं या मक्का के फूले हुए गाने, एक ग्राम सरसो का तेल और एक ग्राम जिंक फॉस्फाइड). इसको चूहे के बिलों के आसपास डाल दें. दवाई खा कर मर चुके चूहों को इकट्ठा कर लें और मिट्टी में गाड़ दें. इसी प्रक्रिया को हम लगातार अपना सकते हैं.जब तक गेहूं के खेत से चूहे खत्म नहीं हो जाते.

चूहों द्वारा फैलाए जाने वाली बीमारियों के नाम

० स्क्रब टाइफस
० लेप्टोस्पायरोसिस

ये भी पढ़ें: दिल्ली शराब घोटाले में सीएम से पूछताछ पर बवाल, जानें राजधानी में क्या-क्या हुआ आज

जिला कृषि रक्षा अधिकारी

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मार्च के महीने में जहां एक तरफ आंधी और बारिश ने किसानों की गेहूं की फसलों को नुकसान पहुंचाया तो वहीं अब चूहे गेहूं की फसलों को निशाना बना रहे हैं. ऐसे में कृषि विभाग किसानों की गेहूं की फसलों को चूहों से सुरक्षित रखने के लिए गांवों में गोष्ठी का आयोजन कर किसानों को जागरूक कर रहा है. कृषि अधिकारी विकास कुमार के नेतृत्व में विभाग की कई टीमें गांवों में गोष्टी कर किसानों को गेहूं की फसलों को चूहों से सुरक्षित रखने के लिए पूरी प्रक्रिया समझाते हैं. गेहूं की खड़ी फसल में चूहे तकरीबन 3 से 4 प्रतिशत फसल का नुकसान करते हैं.

जिला कृषि रक्षा अधिकारी (गाजियाबाद) विकास कुमार के मुताबिक, चूहा संचारी रोग के वाहक का कार्य करता है. गेहूं की फसलों में चूहा बिल बना कर रहता है. चूहा किसानों को दो तरह से नुकसान पहुंचाता है. जब हम गेहूं की फसल को काटकर गेहूं को गोदाम में रखते हैं तो चूहा 6 से आठ प्रतिशत तक गेहूं को नुकसान पहुंचाता है. दूसरा गेहूं की खड़ी फसलों में. यदि गोदाम में हम गेहूं को रखते हैं तो ऐसे में गेहूं को चूहों से सुरक्षित रखने के लिए बिल्ली पाल सकते हैं. चूहेदान और माउस पैड का भी प्रयोग कर सकते हैं.

गेहूं की खड़ी फसलों को चूहे के खतरे से बचाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. कृषि रक्षा अधिकारी विकास कुमार के मुताबिक एक हफ्ते की पूरी प्रक्रिया होती है जिसको क्रियान्वित कर गेहूं की फसल को चूहों द्वारा किए जा रहे नुकसान से बचाया जा सकता है.

फसलों को चूहों से सुरक्षित रखने की विधि:

खेतों की निगरानी कर पहले यह समझना होता है कि कहां-कहां पर चूहों के बिल बने हुए हैं. फिर खेत में मौजूद चूहों के बिलों को मिट्टी से भरा जाता है और एक डंडा गाड़ दिया जाता है.

ये भी पढ़ें : Delhi Assembly का विशेष सत्र सोमवार को, लिस्ट ऑफ बिजनेस जारी, जानिए, किन मुद्दों पर होगी चर्चा

चूहों को बिलों से बाहर निकालने के लिए प्रलोभन देना जरूरी होता है. 48 ग्राम गेहूं या मक्का का भुना हुआ दाना और एक ग्राम सरसों के तेल को चारे के रूप में चूहों के बिलों के पास रखें. इस चारे में किसी प्रकार का कोई जहर नहीं होगा. इस चारे में एक ग्राम जिंक फास्फाइड मिला लें. जिसका अनुपात 48:1:1 (48 ग्राम गेहूं या मक्का के फूले हुए गाने, एक ग्राम सरसो का तेल और एक ग्राम जिंक फॉस्फाइड). इसको चूहे के बिलों के आसपास डाल दें. दवाई खा कर मर चुके चूहों को इकट्ठा कर लें और मिट्टी में गाड़ दें. इसी प्रक्रिया को हम लगातार अपना सकते हैं.जब तक गेहूं के खेत से चूहे खत्म नहीं हो जाते.

चूहों द्वारा फैलाए जाने वाली बीमारियों के नाम

० स्क्रब टाइफस
० लेप्टोस्पायरोसिस

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Last Updated : Apr 17, 2023, 9:08 AM IST
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