नई दिल्लीः छावला थाना इलाके में 2012 में एक युवती के साथ तीन हैवानों ने दरिंदगी कर उसकी जान ले ली थी. इसके बाद से ही उसके परिजन और अन्य लोग आरोपियों के लिए फांसी की मांग कर रहे हैं. 10 साल तक चले इस मामले में निचली अदालत और दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने सबूतों के आभाव और जांच सही तरीके से नहीं किए जाने के आधार पर तीनों आरोपियों को रिहा कर दिया था. इसके बाद से ही पीड़िता के परिजन और उसके समर्थन में लोग रोज अक्षरधाम अपार्टमेंट से निर्भया चौक तक कैंडल मार्च निकाल कर इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं.
इस मामले में अब तक पीड़िता को इंसाफ नहीं मिला है. इस कारण पीड़िता के परिजन और दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से काफी लोग रविवार को जंतर-मंतर पहुंचे और अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए. उसके परिजनों और लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए और जब तक ऐसा नहीं होता है, उनका प्रदर्शन यहां पर निरंतर चलता रहेगा.
गौरतलब है कि गैंगरेप के दोषियों को रिहा किए जाने के बाद से लोगों में काफी रोष है और वे लगातार इसका विरोध जता रहे हैं. इस मामले में दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल से फिर से केस की सुनवाई के लिए अर्जी डालने की अनुमति मांगी थी, जिसे उपराज्यपाल द्वारा मंजूरी भी मिल गई थी. इसके बाद पीड़िता के परिजनों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी थी, लेकिन लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी अब तक इस मामले की सुनवाई शुरू नहीं हुई है. वहीं गैंगरेप के मामले में रिहा हुए आरोपियों में से एक आरोपी ने छावला में एक ऑटो ड्राइवर की गला काट कर हत्या कर दी थी. हालांकि इस मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और अभी वो जेल में बंद है.
वहीं, रविवार से धरने पर बैठे पीड़िता के परिजनों और उनके समर्थकों का कहना है कि निर्भया के तीनों आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए और जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता तब तो वो ऐसे ही धरने पर बैठे रहेंगे और जरूरत पड़ी तो इसे और बड़े स्तर तक ले कर जाएंगे.