ETV Bharat / state

ED ने टेरर फंडिंग मामले में शब्बीर शाह की जमानत अर्जी का किया विरोध - ED

कोर्ट ने इस मामले पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के लिए 29 अप्रैल की तिथि नियत की. पिछले 18 फरवरी को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया था.

ED ने टेरर फंडिंग मामले में शब्बीर शाह की जमानत अर्जी का किया विरोध
author img

By

Published : Apr 2, 2019, 2:50 PM IST

नई दिल्ली: कश्मीर के अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया. ईडी ने शब्बीर शाह की जमानत का विरोध किया है.

कोर्ट ने इस मामले पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के लिए 29 अप्रैल की तिथि नियत की. पिछले 18 फरवरी को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया था. शब्बीर पर 2007 टेरर फंडिंग से जुड़े केस में मनी लाउंड्रिंग का आरोप है.

जमानत याचिका में शब्बीर ने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया है. याचिका में कहा गया है कि असलम वानी के साथ संबंध के कोई सबूत नहीं है. पिछले 18 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने असलम वानी को जमानत दे दी थी. कोर्ट ने तीन लाख रुपये और दो निजी मुचलकों पर जमानत दी थी.

आपको बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 15 नवंबर 2017 को शब्बीर शाह और उसके करीबी असलम वानी के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे. 23 सितंबर 2017 को ईडी ने कोर्ट में शब्बीर शाह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि शब्बीर शाह ने प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से अपने संबंध को स्वीकार किया है. जनवरी 2018 में उसने आतंकी सरगना हाफिज सईद से बात भी की थी. वो हाफिज से कश्मीर के मसले पर बात करता रहा है.

शब्बीर शाह को 26 जुलाई 2017 को गिरफ्तार किया गया था. यह मामला दस साल से ज्यादा पुराना है. दिल्ली पुलिस ने इससे पहले वानी को 26 अगस्त 2005 को गिरफ्तार किया था. वानी के पास से 63 लाख रुपये और बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए गए थे. इन पैसों में से उसे पचास लाख रुपये शब्बीर शाह को पहुंचाने थे जबकि दस लाख रुपये जैश-ए-मोहम्मद के एरिया कमांडर अबु बकर को देने थे और बाकी पैसे उसकी कमीशन के थे. वानी ने पुलिस को बताया था कि उसने सवा दो करोड़ रुपये शब्बीर शाह को पहुंचाए थे. जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने वानी और शब्बीर शाह के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग का केस दर्ज किया.

नई दिल्ली: कश्मीर के अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया. ईडी ने शब्बीर शाह की जमानत का विरोध किया है.

कोर्ट ने इस मामले पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के लिए 29 अप्रैल की तिथि नियत की. पिछले 18 फरवरी को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया था. शब्बीर पर 2007 टेरर फंडिंग से जुड़े केस में मनी लाउंड्रिंग का आरोप है.

जमानत याचिका में शब्बीर ने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया है. याचिका में कहा गया है कि असलम वानी के साथ संबंध के कोई सबूत नहीं है. पिछले 18 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने असलम वानी को जमानत दे दी थी. कोर्ट ने तीन लाख रुपये और दो निजी मुचलकों पर जमानत दी थी.

आपको बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 15 नवंबर 2017 को शब्बीर शाह और उसके करीबी असलम वानी के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे. 23 सितंबर 2017 को ईडी ने कोर्ट में शब्बीर शाह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि शब्बीर शाह ने प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से अपने संबंध को स्वीकार किया है. जनवरी 2018 में उसने आतंकी सरगना हाफिज सईद से बात भी की थी. वो हाफिज से कश्मीर के मसले पर बात करता रहा है.

शब्बीर शाह को 26 जुलाई 2017 को गिरफ्तार किया गया था. यह मामला दस साल से ज्यादा पुराना है. दिल्ली पुलिस ने इससे पहले वानी को 26 अगस्त 2005 को गिरफ्तार किया था. वानी के पास से 63 लाख रुपये और बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए गए थे. इन पैसों में से उसे पचास लाख रुपये शब्बीर शाह को पहुंचाने थे जबकि दस लाख रुपये जैश-ए-मोहम्मद के एरिया कमांडर अबु बकर को देने थे और बाकी पैसे उसकी कमीशन के थे. वानी ने पुलिस को बताया था कि उसने सवा दो करोड़ रुपये शब्बीर शाह को पहुंचाए थे. जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने वानी और शब्बीर शाह के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग का केस दर्ज किया.

Intro:नई दिल्ली । कश्मीर के अलगाववादी नेता शबीर शाह की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया। ईडी ने शबीर शाह की जमानत का विरोध किया है। कोर्ट ने इस मामले पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के लिए 29 अप्रैल की तिथि नियत की।


Body:पिछले 18 फरवरी को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया था। शबीर पर 2007 टेरर फंडिंग से जुड़े केस में मनी लाउंड्रिंग का आरोप है।

जमानत याचिका में शबीर ने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया है। याचिका में कहा गया है कि असलमवानी के साथ संबंध के कोई सबूत नहीं है। पिछले 18 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने असलम वानी को जमानत दे दी थी। कोर्ट ने तीन लाख रुपए और दो निजी मुचलकों पर जमानत दी थी।

आपको बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 15 नवंबर 2017 को शबीर शाह और उसके करीबी असलम वानी के खिलाफ आरोप तय कर दिए थे। 23 सितंबर 2017 को ईडी ने कोर्ट में शबीर शाह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था । प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि शबीर शाह ने प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से अपने संबंध को स्वीकार किया है । जनवरी 2018 में उसने आतंकी सरगना हाफिज सईद से बात भी की थी । वो हाफिज से कश्मीर के मसले पर बात करता रहा है ।


Conclusion:शब्बीर शाह को 26 जुलाई 2017 को गिरफ्तार किया गया था। यह मामला दस साल से ज्यादा पुराना है। दिल्ली पुलिस ने इससे पहले वानी को 26 अगस्त 2005 को गिरफ्तार किया था। वानी के पास से 63 लाख रुपये और बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए गए थे । इन पैसों में से उसे पचास लाख रुपये शबीर शाह को पहुंचाने थे जबकि दस लाख रुपये जैश-ए-मोहम्मद के एरिया कमांडर अबु बकर को देने थे और बाकी पैसे उसकी कमीशन के थे । वानी ने पुलिस को बताया था कि उसने सवा दो करोड़ रुपये शबीर शाह को पहुंचाए थे । जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने वानी और शबीर शाह के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग का केस दर्ज किया ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.