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नांगलोई मेट्रो स्टेशनः सवारियों के इंतजार में लगी रहती है ई रिक्शों की लाइनें - नांगलोई मेट्रो स्टेशन मेट्रो स्टेशन ई रिक्शा

लॉकडाउन के खुलने के बाद ई रिक्शा चालकों का काम शुरू तो हुआ, लेकिन अब कमाई पहले जैसी नहीं रही. जिसकी वजह से चालकों के लिए ई-रिक्शा का किराया निकाल पाना भी मुश्किल हो गया है.

e rickshaw drivers facing problems in nangloi metro station
सावारियों के इंतजार में लगी रहती है ई रिक्शा की लाइनें
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Published : Feb 3, 2021, 8:07 AM IST

नई दिल्लीः लॉकडाउन के खुलने के बाद ई रिक्शा चालकों का काम शुरू तो हुआ, लेकिन अब कमाई पहले जैसी नहीं रही. जिसकी वजह से चालकों के लिए ई-रिक्शा का किराया निकाल पाना भी मुश्किल हो गया है. नांगलोई मेट्रो स्टेशन के नीचे ई रिक्शा की लाइनें लगी हुई दिखाई देती है.

वीडियो रिपोर्ट...

चालक दिनभर सवारियों का इंतजार करते हैं, लेकिन सवारियां ना होने की वजह से उनकी कमाई नहीं हो पा रही है. यहां के ई रिक्शा चालकों का कहना है कि वह सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक सवारियों के इंतजार में खड़े रहते हैं, लेकिन इस दौरान वह कुछ ही चक्कर निकाल पाते हैं और फिर पूरे दिन मेट्रो स्टेशन के नीचे ही बैठे रहते हैं.

'600 से 300 पर पहुंच गई कमाई'

कुछ ई रिक्शा चालकों का यह भी कहना है कि दिल्ली सरकार ने जबसे महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा शुरू की है, तब से इस काम में बहुत फर्क पड़ा है. क्योंकि अब केवल 50% लोग ही ई रिक्शा से आवाजाही करते हैं. पहले जहां रोजाना उनकी कमाई 600 से 700 तक हो जाती थी, वहीं अब वह पूरे दिन में केवल 300 तक ही कमा पाते हैं.

'परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल'

चालकों का कहना है कि यदि यह स्थिति जल्द ही ठीक नहीं हुई, तो उन्हें ई रिक्शा चलाना छोड़कर कोई दूसरा काम शुरू करना पड़ेगा. क्योंकि ऐसा ही चलता रहा, तो ना तो वह रिक्शा का किराया निकाल पाएंगे और ना अपने परिवार का भरण पोषण कर पाएंगे.

नई दिल्लीः लॉकडाउन के खुलने के बाद ई रिक्शा चालकों का काम शुरू तो हुआ, लेकिन अब कमाई पहले जैसी नहीं रही. जिसकी वजह से चालकों के लिए ई-रिक्शा का किराया निकाल पाना भी मुश्किल हो गया है. नांगलोई मेट्रो स्टेशन के नीचे ई रिक्शा की लाइनें लगी हुई दिखाई देती है.

वीडियो रिपोर्ट...

चालक दिनभर सवारियों का इंतजार करते हैं, लेकिन सवारियां ना होने की वजह से उनकी कमाई नहीं हो पा रही है. यहां के ई रिक्शा चालकों का कहना है कि वह सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक सवारियों के इंतजार में खड़े रहते हैं, लेकिन इस दौरान वह कुछ ही चक्कर निकाल पाते हैं और फिर पूरे दिन मेट्रो स्टेशन के नीचे ही बैठे रहते हैं.

'600 से 300 पर पहुंच गई कमाई'

कुछ ई रिक्शा चालकों का यह भी कहना है कि दिल्ली सरकार ने जबसे महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा शुरू की है, तब से इस काम में बहुत फर्क पड़ा है. क्योंकि अब केवल 50% लोग ही ई रिक्शा से आवाजाही करते हैं. पहले जहां रोजाना उनकी कमाई 600 से 700 तक हो जाती थी, वहीं अब वह पूरे दिन में केवल 300 तक ही कमा पाते हैं.

'परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल'

चालकों का कहना है कि यदि यह स्थिति जल्द ही ठीक नहीं हुई, तो उन्हें ई रिक्शा चलाना छोड़कर कोई दूसरा काम शुरू करना पड़ेगा. क्योंकि ऐसा ही चलता रहा, तो ना तो वह रिक्शा का किराया निकाल पाएंगे और ना अपने परिवार का भरण पोषण कर पाएंगे.

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