नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में करीब डेढ़ दशक से प्रांतिक कल्चरल सोसाइटी की तरफ से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है. हर साल एक नया दुर्गा पूजा पंडाल दिखाई देता है. इस साल दुर्गा पूजा पंडाल को मुरली बांस से तैयार किया जा रहा है. पंडाल में भगवान कृष्ण और मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूप मुरली बांस से तैयार किए गए हैं. पंडाल में सभी प्रकार की कलाकृतियों को बनाने में मुरली बांस का प्रयोग किया गया है.
प्रांतिक कल्चरल सोसायटी के अध्यक्ष निलादारी देव चौधरी के मुताबिक दुर्गा पूजा को ऐतिहासिक और भव्य बनाने के लिए कई महीनों से तैयारियों का दौर जारी है. करीब डेढ़ महीने से बंगाल के आर्टिस्ट दुर्गा पूजा पंडाल को भव्य रूप देने को कवायद कर रहे हैं. मुरली बांस से पंडाल को तैयार किया जा रहा है. अप्रैल 2022 से बंगाल के आर्टिस्ट मुरली बांस की मूर्तियां तैयार कर रहे थे. जो कि महीने भर पहले बंगाल से गाजियाबाद पहुंची हैं. बांस भी बंगाल से मंगाए गए हैं. मुरली बांस से देवी देवताओं को मूर्तियां तैयार की जा रही है.
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पंडाल को तैयार करने में जिस बांस का इस्तेमाल किया गया है. उसे बंगाल में तौलता मुरली बांस कहते हैं. जोकि सामान्य तौर पर बाजार में मिलने वाले बांस से काफी अलग होता है. यह बांस काफी लचीला होता है. ऐसे में इस बात से आसानी से विभिन्न प्रकार की मूर्तियां समेत अन्य सजावट के काम किए जाते हैं. मुख्य रूप से मुरली बांस वेस्ट बंगाल के कांठी इलाके में मिलता है. बंगाल और त्रिपुरा से पंडाल को तैयार करने के लिए कारीगर आए हैं.
निलादरी देव के मुताबिक एक दो दिन में पंडाल बनकर तैयार हो जाएगा. 18 अक्टूबर से पंडाल में कार्यक्रमों की शुरुआत हो जाएगी. पंडाल में चंदरनगर की लाइटिंग लगाई जा रही है. लाइटिंग के माध्यम से कहानी को प्रस्तुत किया जाएगा. दुर्गा पूजा के दौरान विभिन्न कल्चरल कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें बंगाल के मशहूर सिंगर मनु मिया भी गाजियाबाद आकर परफॉर्म करेंगे. नवमी में दिन बॉलीवुड सिंगर नीरज श्रीधर भी आएंगे.
देव बताते हैं कि आमतौर पर लोग मां काली के एक या दो रूपों के बारे में जानते हैं. ऐसे में दुर्गा पूजा पंडाल में मां काली के 10 रूप और भगवान कृष्ण के 10 रूपों को प्रस्तुत किया गया है. हमारा मकसद है कि हमारी नई पीढ़ियां भी अपनी विरासत से वाकिफ हो सके.
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