नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की तरफ से करोड़ो रुपये खर्च करके तैयार कराया गया सीवर सिस्टम अब मधु विहार के लोगों के लिए जी का जंजाल बन गया है. इससे यहां के लोगों की समस्याएं कम होने के बजाए और बढ़ गई हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि सीवर डालने के काम में अधिकारियों, बिचौलिए और ठेकेदारों ने खूब बंदर-बांट की जिससे सीवर सिस्टम को कारगर नहीं बन सका. परिणामस्वरूप सड़कें,गलियां और नालियां बनने के बावजूद सीवर ओवरफ्लो हो रहा है. लोग पक्की गलियों में भी सीवर के गंदे पानी से होकर आने-जाने को मजबूर हैं.
लोग आरडब्ल्यूए से सीवर ओवरफ्लो होने की शिकायत करते हैं. आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी जल बोर्ड व डीएसआईआईडीसी के अफसर को बताते हैं. अफसर कर्मचारियों को भेजकर सीवर का पानी निकालने का प्रयास करते हैं पर सिलसिला बंद नही हो रहा है. द्वारका के नजदीक होने की वजह से बेहतर मूलभूत सुविधाओं की उम्मीद में लोगों ने लाखों रुपये खर्च कर यहां अपना आशियाना बनाया था, लेकिन आज वे नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.
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वही डीएसआईडीसी के अधिकारी और ठेकेदारों के मनमानी के कारण 6 महीने से अधिक समय से C-1 ब्लॉक, C ब्लॉक और A1 ब्लॉक (बुध बाजार रोड सरकारी स्कूल की पास की) की सड़कें खुदी पड़ी हैं, जिससे स्थानीय लोगों का जीना दुश्वार हो गया है. इन गलियों के मेन रोड से कनेक्ट होने कारण आने-जाने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है! बावजूद इसके डीएसआईडीसी और ठेकेदारों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इसका एकमात्र उपाय डीप सीवर सिस्टम है जो शुरू तो हुआ है लेकिन कब तक बन पाएगा कहना मुश्किल है. फिलहाल मधु विहार वासी सीवर ओवरफ्लो से छुटकारा पाने के लिए संबंधित विभागों की तरफ उम्मीद लगाए बैठे हैं. लोगों का कहना है कि लापरवाही का ये आलम है कि शुक्र बाजार रोड पर बिना पाइप लाइन डाले सड़क बना दी गई है. भरत विहार रोड गली नं 25, राजापुरी में नई बनी सीवर में लीकेज के कारण खाली प्लाटों में गंदा पानी भर गया है और ये पानी मकानों के फाउंडेशन में घुस रहा है. जिससे खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो गई है. लोगों ने समस्या के संबंध में तत्काल उचित कार्रवाई किए जाने की मांग है.