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मेट्रो में महिलाओं की फ्री एंट्री का नहीं मिल रहा रास्ता, DMRC भी कन्फ्यूज्ड ! - CONFUSION

भले ही मेट्रो में महिलाओं के मुफ्त सफर को लेकर तेजी से काम करने की बात कही जा रही है,  लेकिन वास्तव में ऐसा करना आसान नहीं है. ये कहना है डीएमआरसी सूत्रों का. दरअसल मेट्रो में एंट्री जिस एएफसी गेट से होती है. वो पुरुष या महिला में कोई फर्क नहीं जानता. उस पर केवल कार्ड लगाना होता है.

दिल्ली मेट्रो
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Published : Jun 5, 2019, 12:10 PM IST

नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार का डीटीसी बसों और दिल्ली मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त यात्रा का ऐलान हकीकत की शक्ल कैसे लेगा, ये सवाल DMRC के लिए पहेली बन गया. दिल्ली मेट्रो के अधिकारी खुद भी नहीं समझ पा रहे कि प्रैक्टिकली इसे कैसे संभव बनाया जाएगा.

भले ही मेट्रो में महिलाओं के मुफ्त सफर को लेकर तेजी से काम करने की बात कही जा रही है, लेकिन वास्तव में ऐसा करना आसान नहीं है. ये कहना है डीएमआरसी सूत्रों का. दरअसल मेट्रो में एंट्री जिस एएफसी गेट से होती है. वो पुरुष या महिला में कोई फर्क नहीं जानता. उस पर केवल कार्ड लगाना होता है. अगर कार्ड में रुपये हों तो गेट खुलेगा और अगर रुपये नहीं है तो गेट नहीं खुलेगा. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि महिलाएं अंदर मुफ्त में प्रवेश कैसे करेंगी.

जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से अभी तक इस मुद्दे पर डीएमआरसी से कोई चर्चा नहीं हुई है. वहीं मुख्यमंत्री के बयान को लेकर DMRC फिलहाल कुछ भी कहने से बच रही है.

संवाददाता अमित झा की रिपोर्ट

मुफ्त सफर में हैं कई पेंच
डीएमआरसी सूत्रों की माने तो मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों में लगभग 30 फीसदी महिलाएं होती हैं. अगर इनका सफर मुफ्त किया जाता है तो सबसे बड़ा काम उनकी मेट्रो परिसर के अंदर एंट्री होगी. अगर महिलाओं को किसी तरह का पास या कार्ड दिया जाता है तो क्या उसका उपयोग पुरुष नहीं कर पाएंगे. डीएमआरसी के पास अभी तक ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे महिला या पुरुष यात्री में फर्क पता चल सके.
मेट्रो के लिए सफर करने वाला केवल यात्री होता है. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या महिलाओं के प्रवेश के लिए कोई अलग गेट बनाया जाएगा जहां बिना किसी टोकन या कार्ड के उन्हें अंदर प्रवेश दिया जा सके.

केंद्र की मंजूरी भी जरूरी
दिल्ली मेट्रो में दिल्ली सरकार के साथ ही केंद्र सरकार की भी 50 फीसदी की भागीदारी है. इसलिए अकेले दिल्ली सरकार इस फैसले को लागू नहीं कर सकती. इसे लागू करने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी लेना भी जरूरी है. इसलिए फिलहाल अभी इस योजना को लागू करना आसान नहीं दिख रहा है.

नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार का डीटीसी बसों और दिल्ली मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त यात्रा का ऐलान हकीकत की शक्ल कैसे लेगा, ये सवाल DMRC के लिए पहेली बन गया. दिल्ली मेट्रो के अधिकारी खुद भी नहीं समझ पा रहे कि प्रैक्टिकली इसे कैसे संभव बनाया जाएगा.

भले ही मेट्रो में महिलाओं के मुफ्त सफर को लेकर तेजी से काम करने की बात कही जा रही है, लेकिन वास्तव में ऐसा करना आसान नहीं है. ये कहना है डीएमआरसी सूत्रों का. दरअसल मेट्रो में एंट्री जिस एएफसी गेट से होती है. वो पुरुष या महिला में कोई फर्क नहीं जानता. उस पर केवल कार्ड लगाना होता है. अगर कार्ड में रुपये हों तो गेट खुलेगा और अगर रुपये नहीं है तो गेट नहीं खुलेगा. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि महिलाएं अंदर मुफ्त में प्रवेश कैसे करेंगी.

जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से अभी तक इस मुद्दे पर डीएमआरसी से कोई चर्चा नहीं हुई है. वहीं मुख्यमंत्री के बयान को लेकर DMRC फिलहाल कुछ भी कहने से बच रही है.

संवाददाता अमित झा की रिपोर्ट

मुफ्त सफर में हैं कई पेंच
डीएमआरसी सूत्रों की माने तो मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों में लगभग 30 फीसदी महिलाएं होती हैं. अगर इनका सफर मुफ्त किया जाता है तो सबसे बड़ा काम उनकी मेट्रो परिसर के अंदर एंट्री होगी. अगर महिलाओं को किसी तरह का पास या कार्ड दिया जाता है तो क्या उसका उपयोग पुरुष नहीं कर पाएंगे. डीएमआरसी के पास अभी तक ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे महिला या पुरुष यात्री में फर्क पता चल सके.
मेट्रो के लिए सफर करने वाला केवल यात्री होता है. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या महिलाओं के प्रवेश के लिए कोई अलग गेट बनाया जाएगा जहां बिना किसी टोकन या कार्ड के उन्हें अंदर प्रवेश दिया जा सके.

केंद्र की मंजूरी भी जरूरी
दिल्ली मेट्रो में दिल्ली सरकार के साथ ही केंद्र सरकार की भी 50 फीसदी की भागीदारी है. इसलिए अकेले दिल्ली सरकार इस फैसले को लागू नहीं कर सकती. इसे लागू करने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी लेना भी जरूरी है. इसलिए फिलहाल अभी इस योजना को लागू करना आसान नहीं दिख रहा है.

Intro:नई दिल्ली

दिल्ली सरकार भले ही मेट्रो में महिलाओं के मुफ्त सफर को लेकर तेजी से काम करने की बात कह रही है, लेकिन वास्तव में ऐसा करना आसान नहीं है. यह कहना है डीएमआरसी सूत्रों का. दरअसल मेट्रो में प्रवेश जिस एएफसी गेट से किया जाता है, वह पुरुष या महिला में कोई फर्क नहीं जानता है. उस पर केवल कार्ड लगाना होता है. अगर कार्ड में रुपये हों तो गेट खुलेगा और अगर रुपये नहीं हो तो गेट नहीं खुलेगा. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि महिलाएं अंदर मुफ्त में प्रवेश कैसे करेंगी.



Body:जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से सोमवार को घोषणा की गई है कि वह मेट्रो, डीटीसी एवं क्लस्टर बस में महिलाओं के मुफ्त सफर को लेकर काम कर रहे हैं. इस पर जो भी बोझ आएगा उसे दिल्ली सरकार उठाएगी. मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद से यह सवाल उठने लगा है कि क्या वास्तव में दिल्ली मेट्रो में ऐसा संभव है. महिलाओं को मेट्रो में मुफ्त सफर किस तरह मुहैया करवाया जाएगा. इसे लेकर लोगों के बीच तो चर्चा हो रही है, लेकिन इस मुद्दे को लेकर अभी तक सरकार ने डीएमआरसी से कोई चर्चा नहीं की है. वहीं मुख्यमंत्री के बयान को लेकर डीएमआरसी फिलहाल कुछ भी कहने से बच रही है.


मुफ्त सफर में हैं कई पेच
डीएमआरसी सूत्रों की माने तो मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों में लगभग 30 फीसदी महिलाएं होती हैं. अगर इनका सफर मुफ्त किया जाता है तो सबसे बड़ा काम उनकी मेट्रो परिसर के अंदर एंट्री होगी. अगर महिलाओं को किसी तरह का पास या कार्ड दिया जाता है तो क्या उसका उपयोग पुरुष नहीं कर पाएंगे. डीएमआरसी के पास अभी तक ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे महिला या पुरुष यात्री में फर्क पता चल सके. मेट्रो के लिए सफर करने वाला केवल यात्री होता है. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या महिलाओं के प्रवेश के लिए कोई अलग गेट बनाया जाएगा जहां बिना किसी टोकन या कार्ड के उन्हें अंदर प्रवेश दिया जा सके.





Conclusion:केंद्र सरकार की मंजूरी भी आवश्यक
दिल्ली मेट्रो में दिल्ली सरकार के साथ ही केंद्र सरकार की भी 50 फीसदी की भागीदारी है. इसलिए अकेले दिल्ली सरकार इस निर्णय को लागू नहीं कर सकती. इसे लागू करने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी लेना भी आवश्यक है. इसलिए फिलहाल अभी इस योजना को लागू करना आसान नहीं दिख रहा है.
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