नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पूर्वांचल के लोगों की संख्या लाखों में है. यहां पर रहने वाले पूर्वी उत्तरप्रदेश ओर बिहार के लोग बड़ी ही धूमधाम से छठपूजा का त्योहार मानते हैं. दिल्ली सरकार ने हाल ही में एक हजार से ज्यादा छठघाट पक्के किए गए हैं. पहले छठ पूजा के लिए श्रद्धालु यमुना नदी पर डूबते हुए सूरज को अर्ध्य देते थे. नदियों में पक्के घाट नहीं होने से हादसे भी होते थे. दिल्ली सरकार ने लोगों की सुरक्षा को देखते हुए पक्के घाट बनवाए ताकि हादसों से बचा जा सके.
'अपनी संतानों के लिए महिलाएं रखती हैं व्रत'
इसी कड़ी में एक पक्के घाट पर जाकर ईटीवी भारत की टीम ने श्रद्धालुओं से बातचीत की. श्रद्धालु छठ पूजा की तैयारियों में लगे हुए थे. मिट्टी और ईटों से छोटे-छोटे मंदिर बना रहे एक श्रद्धालु दीपु ने बताया कि ये मंदिर महाभारत काल के दौरान पांडवों की मां कुंती ने नदी किनारे बनाया था. उन्होंने भी छठी मैया का व्रत किया था. तब से महिलाएं इस व्रत को करती आ रहीं है. इस व्रत की बड़ी मान्यता है. महिलाएं अपनी संतान के लिए छठी मैया का व्रत रखती है.
जगह-जगह छोटे-छोटे मंदिरों का निर्माण कर जगह पर कब्जा किया जाता है. लोग इन जगहों पर अपना नाम और फोन नम्बर लिख देते हैं ताकि कोई किसी की जगह पर कब्जा न करें. दिल्ली में जगह की कमी होती है इसलिए लोग पहले से ही घाट पर आकर अपनी जगह पक्की कर लेते हैं.