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छठ पूजा की तैयारी में जुटे श्रद्धालु, सजाए जा रहे हैं घाट

राजधानी दिल्ली में पूर्वांचली लोगों के लिए छठघाट पक्के किए जा रहे हैं. साथ ही जगह-जगह छठ घाटों का निर्माण किया जा रहा है.

छठ पूजा की तैयारी में जुटे श्रद्धालु
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Published : Oct 30, 2019, 10:06 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पूर्वांचल के लोगों की संख्या लाखों में है. यहां पर रहने वाले पूर्वी उत्तरप्रदेश ओर बिहार के लोग बड़ी ही धूमधाम से छठपूजा का त्योहार मानते हैं. दिल्ली सरकार ने हाल ही में एक हजार से ज्यादा छठघाट पक्के किए गए हैं. पहले छठ पूजा के लिए श्रद्धालु यमुना नदी पर डूबते हुए सूरज को अर्ध्य देते थे. नदियों में पक्के घाट नहीं होने से हादसे भी होते थे. दिल्ली सरकार ने लोगों की सुरक्षा को देखते हुए पक्के घाट बनवाए ताकि हादसों से बचा जा सके.

छठ पूजा की तैयारी में जुटे श्रद्धालु

'अपनी संतानों के लिए महिलाएं रखती हैं व्रत'

इसी कड़ी में एक पक्के घाट पर जाकर ईटीवी भारत की टीम ने श्रद्धालुओं से बातचीत की. श्रद्धालु छठ पूजा की तैयारियों में लगे हुए थे. मिट्टी और ईटों से छोटे-छोटे मंदिर बना रहे एक श्रद्धालु दीपु ने बताया कि ये मंदिर महाभारत काल के दौरान पांडवों की मां कुंती ने नदी किनारे बनाया था. उन्होंने भी छठी मैया का व्रत किया था. तब से महिलाएं इस व्रत को करती आ रहीं है. इस व्रत की बड़ी मान्यता है. महिलाएं अपनी संतान के लिए छठी मैया का व्रत रखती है.

जगह-जगह छोटे-छोटे मंदिरों का निर्माण कर जगह पर कब्जा किया जाता है. लोग इन जगहों पर अपना नाम और फोन नम्बर लिख देते हैं ताकि कोई किसी की जगह पर कब्जा न करें. दिल्ली में जगह की कमी होती है इसलिए लोग पहले से ही घाट पर आकर अपनी जगह पक्की कर लेते हैं.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पूर्वांचल के लोगों की संख्या लाखों में है. यहां पर रहने वाले पूर्वी उत्तरप्रदेश ओर बिहार के लोग बड़ी ही धूमधाम से छठपूजा का त्योहार मानते हैं. दिल्ली सरकार ने हाल ही में एक हजार से ज्यादा छठघाट पक्के किए गए हैं. पहले छठ पूजा के लिए श्रद्धालु यमुना नदी पर डूबते हुए सूरज को अर्ध्य देते थे. नदियों में पक्के घाट नहीं होने से हादसे भी होते थे. दिल्ली सरकार ने लोगों की सुरक्षा को देखते हुए पक्के घाट बनवाए ताकि हादसों से बचा जा सके.

छठ पूजा की तैयारी में जुटे श्रद्धालु

'अपनी संतानों के लिए महिलाएं रखती हैं व्रत'

इसी कड़ी में एक पक्के घाट पर जाकर ईटीवी भारत की टीम ने श्रद्धालुओं से बातचीत की. श्रद्धालु छठ पूजा की तैयारियों में लगे हुए थे. मिट्टी और ईटों से छोटे-छोटे मंदिर बना रहे एक श्रद्धालु दीपु ने बताया कि ये मंदिर महाभारत काल के दौरान पांडवों की मां कुंती ने नदी किनारे बनाया था. उन्होंने भी छठी मैया का व्रत किया था. तब से महिलाएं इस व्रत को करती आ रहीं है. इस व्रत की बड़ी मान्यता है. महिलाएं अपनी संतान के लिए छठी मैया का व्रत रखती है.

जगह-जगह छोटे-छोटे मंदिरों का निर्माण कर जगह पर कब्जा किया जाता है. लोग इन जगहों पर अपना नाम और फोन नम्बर लिख देते हैं ताकि कोई किसी की जगह पर कब्जा न करें. दिल्ली में जगह की कमी होती है इसलिए लोग पहले से ही घाट पर आकर अपनी जगह पक्की कर लेते हैं.

Intro:नार्थवेस्ट दिल्ली,

लोकेशन - भलस्वा झील मुकुंदपुर ।

बाईट- श्रद्धालु के साथ वन टू वन ।

स्टोरी- देश की राजधानी दिल्ली हने वाले पूर्वांचल वे लोगों की संख्या लाखों में है । यहां पर रहने वाले पूर्वी उत्तरप्रदेश ओर बिहार के लोग बड़ी ही धूमधाम ओर श्रद्धा के साथ छठपूजा का त्योहार मानते है । दिल्ली सरकार में हाल ही के एक हजार से ज्यादा छठघाट पक्के किये है ताकि पूर्वांचवली अपना पर्व धूमधाम से मना सके । पहले दिल्ली में छठ पूजा के लिए श्रद्धालु है यमुना नदी पर डूबते हुए सूरज को अर्ध्य देते थे । नदियों में पक्के घाट नही होने से हादसे भी होते थे । दिल्ली सरकार ने लोगों की सुरक्षा को देखते हुए पक्के घाट बनवाये ताकि हादसों से बच जा सके ।


Body:उन्ही में से एक पक्के घाट पर ईटीवी भारत की टीम ने जाकर श्रद्धालुओं से बात की । श्रद्धालु छठ पूजा की तैयारियों में लगे हुए था । ज्यादातर श्रद्धालु अपने अपने घाट पर छोटे छोटे मंदिर बनाते हुए मिले। कई जगहों पर श्रद्धालु घाटों की सफाई भी करते हुए दिखे । मिट्टी और ईटों से छोटे छोटे मंदिर बना रहे एक श्रद्धालु दीपु से बात कर मिट्टी के मंदिरों को बनाने के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि ये मंदिर महाभारत काल के दौरान पांडवों के माँ कुंती ने नदी किनारे बनाया था उन्होंने भी छठी मैया का व्रत किया था तब भी से महिलाएं इस व्रत को करती आ रही है । इस व्रत की बड़ी मान्यता है । महिलाएं अपनी संतान के लिए छठी मैया का व्रत रखती है । घर की सभी महिलाएं इन मंदिरों की पूजा करती है । मंदिरों को बनाकर जगह पर कब्जा किया जाता है ताकि बाद में किसी से पूजा के दौरान कोई न हो ।लोग इन जगहों पर अपना नाम और फोन नम्बर तक लिखते है ताकि कोई किसी की जगह पर कब्जा न करे । दिल्ली में जगह की किल्लत होती है गांवों में नदी किनारे बहुत जगह होती है इसी लिए लोग पहले घाट पर आकर अपनी जगह पक्की करते है । लोग घाटों पर आकर खुद ही सफाई करते है। दिल्ली सरकार की ओर से इन्हें टैंट दिए जाते है और रात भर पंडाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है ताकि लोग रात भी पूजा का आनंद ले सके ।


Conclusion:छठ पूजा के दिल्ली सरकार की ओर से श्रद्धालुओं को सहायता भी मिलती है नेता, अभिनेता और गायक इस मौके पर आकर कार्यक्रम की सोभा बढाते है ।
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