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दिल्ली की अदालतों की सुरक्षा का जिम्मा दूसरी एजेंसियों को सौंपने की मांग खारिज

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Published : Nov 18, 2019, 6:05 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालतों में सुरक्षा का जिम्मा दिल्ली पुलिस की बजाय दूसरे सुरक्षा बलों को देने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है.

delhi high court

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी की निचली अदालतों में सुरक्षा का जिम्मा दिल्ली पुलिस की बजाय दूसरे सुरक्षा बलों को देने के लिए दिशानिर्देश जारी करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है.

चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वकीलों और पुलिस के बीच विवाद को खत्म करने की जरूरत है और ये याचिका उस दिशा में कोई मदद नहीं करेगी. याचिका वकील रीपक कंसल और यदुवेंद्र बंसल ने दायर किया था.

याचिका में क्या थी मांगे
याचिका में कहा गया था कि 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हुए हिंसक झड़क के बाद वकीलों को पुलिस से अपनी जान पर खतरा महसूस हो रहा है. इसलिए दिल्ली की अदालतों में सुरक्षा का जिम्मा दिल्ली पुलिस की बजाय उन एजेंसियों को दे दिया जाए जिन्हें अनुभव हो.

साथ ही याचिका में कहा गया कि 2 नवंबर की घटना के दौरान वकीलों पर गोली चलानेवाले और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. याचिका में तीस हजारी कोर्ट की घटना की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई थी.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी की निचली अदालतों में सुरक्षा का जिम्मा दिल्ली पुलिस की बजाय दूसरे सुरक्षा बलों को देने के लिए दिशानिर्देश जारी करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है.

चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वकीलों और पुलिस के बीच विवाद को खत्म करने की जरूरत है और ये याचिका उस दिशा में कोई मदद नहीं करेगी. याचिका वकील रीपक कंसल और यदुवेंद्र बंसल ने दायर किया था.

याचिका में क्या थी मांगे
याचिका में कहा गया था कि 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हुए हिंसक झड़क के बाद वकीलों को पुलिस से अपनी जान पर खतरा महसूस हो रहा है. इसलिए दिल्ली की अदालतों में सुरक्षा का जिम्मा दिल्ली पुलिस की बजाय उन एजेंसियों को दे दिया जाए जिन्हें अनुभव हो.

साथ ही याचिका में कहा गया कि 2 नवंबर की घटना के दौरान वकीलों पर गोली चलानेवाले और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. याचिका में तीस हजारी कोर्ट की घटना की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई थी.

Intro:नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली की निचली अदालतों में सुरक्षा का जिम्मा दिल्ली पुलिस की बजाय दूसरे सुरक्षा बलों को देने के लिए दिशानिर्देश जारी करनेवाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वकीलों और पुलिस के बीच विवाद को खत्म करने की जरुरत है और ये याचिका उस दिशा में कोई मदद नहीं करेगी।



Body:याचिका वकील रीपक कंसल और यदुवेंद्र बंसल ने दायर किया था। याचिका में कहा गया था कि 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हुए हिंसक झड़क के बाद वकीलों को पुलिस से अपनी जान पर खतरा महसूस हो रहा है। इसलिए दिल्ली की अदालतों में सुरक्षा का जिम्मा दिल्ली पुलिस की बजाय उन एजेंसियों को दे दिया जाए जिन्हें अनुभव हो। याचिका में कहा गया था कि 2 नवंबर की घटना के दौरान वकीलों पर गोली चलानेवाले और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की जाए। याचिका में तीस हजारी कोर्ट की घटना की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई थी।



Conclusion:आपको बता दें कि तीस हजारी कोर्ट की घटना के बाद हाईकोर्ट ने वकीलों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी थी। इस घटना में वकील और पुलिस दोनों पक्षों के लोग घायल हुए थे। तीन वकील गोली चलने से घायल हो गए थे। इस घटना के बाद वकीलों ने 15 नवंबर तक न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया था।
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