नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए संशोधित रणनीतिक योजना (2022-2047) पर विचार करने के लिए बुलाई गई आकस्मिक अकादमिक परिषद की बैठक में बुधवार को निर्वाचित सदस्यों की असहमति के कारण दस्तावेज़ वापस ले लिया. अधिकारियों के मुताबिक, रणनीतिक योजना को संशोधित किया जाएगा और मंजूरी के लिए इसे अकादमिक परिषद में दोबारा पेश किया जाएगा.
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह ने परिषद के सदस्यों से विजन डॉक्यूमेंट पर अपने सुझाव मसौदे की भाषाई बारीकियों पर गौर करने के लिए गठित समिति को देने को कहा है. समिति को सुझावों के आधार पर दस्तावेज़ को संशोधित करने और इसे जल्द से जल्द परिषद सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है.
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एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि रणनीतिक योजना का अद्यतन दस्तावेज अगली एसी बैठक में पेश किया जाएगा. एसी सदस्यों ने विश्वविद्यालय के लिए रणनीतिक योजना में कई मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए एक असहमति नोट प्रस्तुत किया जिसमें दस्तावेज़ में सामग्री की साहित्यिक चोरी जैसे आरोप शामिल थे.
एक शिक्षक ने आरोप लगाया, ''यह दस्तावेज़ विभिन्न स्रोतों से बड़े पैमाने पर चोरी किया गया है, जिसमें ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी एडवांसमेंट स्ट्रैटेजिक प्लान, यूनिवर्सिटी ऑफ़ शेफ़ील्ड विज़न एंड स्ट्रैटेजिक प्लान, फ्रेंड्स कॉलेज कैमोसी, केन्या का स्ट्रैटेजिक प्लान 2016-21 शामिल है.''
शिक्षकों ने विश्वविद्यालय के विज़न दस्तावेज़ के बारे में कई आशंकाएं व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक सार्वजनिक वित्त पोषित संस्थान में संभावित शुल्क वृद्धि, व्यावसायीकरण और शिक्षा के निजीकरण का मार्ग प्रशस्त करता है. डीयू की अकादमिक परिषद ने 30 नवंबर को दोहरी डिग्री कार्यक्रम के कार्यान्वयन सहित कई प्रमुख प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दे दी, जो छात्रों को नियमित और मुक्त शिक्षण मोड के माध्यम से एक साथ दो शैक्षणिक डिग्री हासिल करने की अनुमति देता है.