नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बड़ी संख्या में हथियार तस्कर सक्रिय हैं. बॉर्डर इलाकों से हथियार तस्करी करने वाले बदमाशों को अक्सर दबोचा भी जा रहा है, लेकिन हथियार तस्करी पर पूरी तरह से लगाम नहीं लग पा रहा. हर साल दिल्ली पुलिस सैकड़ों हथियार तस्करों को गिरफ्तार कर उनसे बड़ी संख्या में अवैध हथियार बरामद करती है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल गैंगस्टर और हथियार तस्करों को दबोचने के लिए विशेष अभियान भी चलाती है. इसके बावजूद तस्कर बड़ी संख्या में छोटे बड़े अपराधियों के हाथों तक हथियार पहुंचा रहे हैं.
MP से मंगवाते हैं अवैध हथियार: पुलिस सूत्रों के अनुसार, तस्कर गैर लाइसेंसी हथियारों की खरीद मध्य प्रदेश से करते हैं. वहां अवैध रूप से हथियार बनाने की फैक्ट्रियां चलती हैं. उन फैक्ट्रियों से वह 10 से 12 हजार रुपए में हथियार खरीदते हैं और उसे लेकर दिल्ली एनसीआर में लाने के बाद 40 से 60 हजार रुपए तक में बेचते हैं. हथियार बेचते समय ये तस्कर या अभी ध्यान रखते हैं कि नया कस्टमर बनाने के लिए कम दाम में भी सौदा कर देते हैं. ये लोग ऑन डिमांड हथियार भी मंगाते हैं और विभिन्न गैंग को सप्लाई करते हैं. कंट्रीमेड, सेमी ऑटोमेटिक और फुली ऑटोमेटिक पिस्तौल, असेंबल राइफल, रिवाल्वर और माउजर आदि की दिल्ली में काफी डिमांड है. ये तस्कर विभिन्न गैंग की मांग पर फॉरेन मेड हथियार भी मंगाकर सप्लाई करते हैं.
मेरठ से भी होती है हथियारों की तस्करी: मध्य प्रदेश के अलावा यूपी के मेरठ जिले से भी बड़ी संख्या में हथियारों की आपूर्ति होती है. दिल्ली एनसीआर के पास होने के कारण यहां पर हथियारों को लाना और उसे अपने ग्राहकों तक पहुंचाना तस्करों के लिए काफी आसान है. ज्यादातर हथियारों की आपूर्ति यह लोग सड़क मार्ग से ही करते हैं. दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर हथियार तस्कर गैंगस्टर अपराधियों के लिए हथियार लाकर उन्हें सप्लाई करते हैं. अपराधी इन हथियारों का इस्तेमाल रंगदारी मांगने, अपहरण और हत्या एवं हत्या के प्रयास जैसी वारदातों में करते हैं. 8 जुलाई को स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार हथियार तस्कर साजिद कपिल सांगवान उर्फ नंदू के गिरोह के बदमाशों को हथियारों की खेप देने आया था. साजिद मेरठ के हथियार तस्कर हाजी की मदद से तस्करी करता है.
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