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ग्राहकों से धोखाधड़ी की शिकायत ले HC पहुंचा Paytm, केंद्र से मांगा गया जवाब - सौ करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग

दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीएन पटेल और प्रतीक जालान की बेंच ने पेमेंट प्लेटफार्म पेटीएम के ग्राहकों को फिशिंग के जरिये फंसाकर धोखाधड़ी करने के मामले में केंद्र सरकार और ट्राई को नोटिस जारी किया है.

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हाईकोर्ट
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Published : Jun 2, 2020, 7:13 PM IST

नई दिल्ली: पेमेंट प्लेटफार्म पेटीएम ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उसके ग्राहकों को फिशिंग के जरिये फंसाकर धोखाधड़ी की जा रही है और केंद्र सरकार और ट्राई इस फिशिंग गतिविधि को नहीं रोक रही है. पेटीएम की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और ट्राई को नोटिस जारी किया है.



फिशिंग गतिविधि के जरिये धोखाधड़ी

चीफ जस्टिस डीएन पटेल और प्रतीक जालान की बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद संचार मंत्रालय, ट्राई, सभी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों को जवाब देने का निर्देश दिया. कोर्ट ने 24 जून तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. पेटीएम की ओर से वकील करुणा नंदी ने कहा कि उसके लाखों ग्राहकों के साथ फिशिंग गतिविधि के जरिये धोखाधड़ी की गई है. फिशिंग गतिविधि को मोबाइल प्रदाता कंपनियां रोक नहीं रही हैं. इससे उसे आर्थिक नुकसान के अलावा उसकी छवि को भी नुकसान हुआ है. पेटीएम ने इस नुकसान की भरपाई के लिए सौ करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है.

कैसे फंसाया जाता है जाल में

फिशिंग गतिविधि एक साइबर क्राईम है, इसमें किसी व्यक्ति से ई-मेल, फोन या टेक्स्ट मैसेज से संपर्क किया जाता है. मैसेज भेजनेवाला व्यक्ति अपने को किसी संगठन का प्रतिनिधि बताता है और इस तरह वो संबंधित व्यक्ति के निजी डाटा को चुरा लेता है. वह लोगों के बैंकिंग और क्रेडिट कार्ड का विवरण और पासवर्ड लेकर उन्हें चूना लगा देता है.

ट्राई के नोटिफिकेशन का उल्लंघन

याचिका में कहा गया है कि टेलीकॉम कंपनियां टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशंस कस्टमर्स प्रिफ्रेंस रेगुलेशंस (टीसीसीसीपीआर) का उल्लंघन कर रही हैं. ट्राई ने एक नोटिफिकेशन के जरिये टीसीसीसीपीआर को मंजूरी दी थी. उसमें अनचाही व्यावसायिक सूचनाओं पर रोक लगाने की बात की गई है. याचिका में कहा गया है कि ट्राई के नोटिफिकेशन में टेलीकॉम कंपनियों को ऐसे टेलीमार्केटर्स की पहचान कर उन पर रोक लगाने की जिम्मेदारी है. उनका बिना रजिस्ट्रेशन के काम करने देने की वजह से ही पेटीएम के ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी हुई है.

नई दिल्ली: पेमेंट प्लेटफार्म पेटीएम ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उसके ग्राहकों को फिशिंग के जरिये फंसाकर धोखाधड़ी की जा रही है और केंद्र सरकार और ट्राई इस फिशिंग गतिविधि को नहीं रोक रही है. पेटीएम की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और ट्राई को नोटिस जारी किया है.



फिशिंग गतिविधि के जरिये धोखाधड़ी

चीफ जस्टिस डीएन पटेल और प्रतीक जालान की बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद संचार मंत्रालय, ट्राई, सभी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों को जवाब देने का निर्देश दिया. कोर्ट ने 24 जून तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. पेटीएम की ओर से वकील करुणा नंदी ने कहा कि उसके लाखों ग्राहकों के साथ फिशिंग गतिविधि के जरिये धोखाधड़ी की गई है. फिशिंग गतिविधि को मोबाइल प्रदाता कंपनियां रोक नहीं रही हैं. इससे उसे आर्थिक नुकसान के अलावा उसकी छवि को भी नुकसान हुआ है. पेटीएम ने इस नुकसान की भरपाई के लिए सौ करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है.

कैसे फंसाया जाता है जाल में

फिशिंग गतिविधि एक साइबर क्राईम है, इसमें किसी व्यक्ति से ई-मेल, फोन या टेक्स्ट मैसेज से संपर्क किया जाता है. मैसेज भेजनेवाला व्यक्ति अपने को किसी संगठन का प्रतिनिधि बताता है और इस तरह वो संबंधित व्यक्ति के निजी डाटा को चुरा लेता है. वह लोगों के बैंकिंग और क्रेडिट कार्ड का विवरण और पासवर्ड लेकर उन्हें चूना लगा देता है.

ट्राई के नोटिफिकेशन का उल्लंघन

याचिका में कहा गया है कि टेलीकॉम कंपनियां टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशंस कस्टमर्स प्रिफ्रेंस रेगुलेशंस (टीसीसीसीपीआर) का उल्लंघन कर रही हैं. ट्राई ने एक नोटिफिकेशन के जरिये टीसीसीसीपीआर को मंजूरी दी थी. उसमें अनचाही व्यावसायिक सूचनाओं पर रोक लगाने की बात की गई है. याचिका में कहा गया है कि ट्राई के नोटिफिकेशन में टेलीकॉम कंपनियों को ऐसे टेलीमार्केटर्स की पहचान कर उन पर रोक लगाने की जिम्मेदारी है. उनका बिना रजिस्ट्रेशन के काम करने देने की वजह से ही पेटीएम के ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी हुई है.

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