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दिल्ली हाईकोर्ट का निजी स्कूलों को आदेश, बकाया फीस पर नहीं रोक सकते TC - certificate

निजी स्कूल बकाया फीस के एवज में छात्रों का ट्रांसफर सर्टिफिकेट रोक नहीं सकते हैं. दिल्ली हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला.

बकाया फीस पर नहीं रोक सकते TC : दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Jul 12, 2019, 8:26 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि निजी स्कूल बकाया फीस के एवज में छात्रों का ट्रांसफर सर्टिफिकेट रोक नहीं सकते हैं. हाईकोर्ट ने दो छात्रों के पत्र को याचिका में तब्दील करते हुए कुलाची हंसराज मॉडल स्कूल, अशोक विहार को उनका ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी करने का आदेश दिया है.

बकाया फीस पर नहीं रोक सकते TC : दिल्ली हाईकोर्ट


दरअसल कुलाची हंसराज मॉडल स्कूल ने तीसरी कक्षा के छात्र कार्तिक और प्री-प्राईमरी के छात्र प्रियांश का ट्रांसफर सर्टिफिकेट इस आधार पर रोक लिया था कि उनके ऊपर एक लाख से ज्यादा की रकम स्कूल फीस का बकाया था.
दोनों छात्रों ने हाईकोर्ट को पिछले 30 अप्रैल को पत्र लिखकर बताया था कि उनका दूसरे स्कूल में दाखिला इसलिए नहीं हो रहा है क्योंकि उनका ट्रांसफर सर्टिफिकेट स्कूल ने रोक रखा है. इस पत्र को दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका में तब्दील करते हुए सुनवाई की.


सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्यूरी अशोक अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली स्कूल एजुकेशन रुल्स के नियम 167 के मुताबिक कोई स्कूल बकाया फीस जमा नहीं करने पर किसी छात्र का नाम काट सकता है, लेकिन ट्रांसफर सर्टिफिकेट रोक नहीं सकता है.


कोर्ट ने उनकी दलील को स्वीकार करते हुए कहा कि कोई स्कूल बकाया फीस के एवज में ट्रांसफर सर्टिफिकेट रोक नहीं सकता है. उसके बाद कोर्ट ने कुलाची हंसराज मॉडल स्कूल को दोनों छात्रों का ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी करने का निर्देश दिया.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि निजी स्कूल बकाया फीस के एवज में छात्रों का ट्रांसफर सर्टिफिकेट रोक नहीं सकते हैं. हाईकोर्ट ने दो छात्रों के पत्र को याचिका में तब्दील करते हुए कुलाची हंसराज मॉडल स्कूल, अशोक विहार को उनका ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी करने का आदेश दिया है.

बकाया फीस पर नहीं रोक सकते TC : दिल्ली हाईकोर्ट


दरअसल कुलाची हंसराज मॉडल स्कूल ने तीसरी कक्षा के छात्र कार्तिक और प्री-प्राईमरी के छात्र प्रियांश का ट्रांसफर सर्टिफिकेट इस आधार पर रोक लिया था कि उनके ऊपर एक लाख से ज्यादा की रकम स्कूल फीस का बकाया था.
दोनों छात्रों ने हाईकोर्ट को पिछले 30 अप्रैल को पत्र लिखकर बताया था कि उनका दूसरे स्कूल में दाखिला इसलिए नहीं हो रहा है क्योंकि उनका ट्रांसफर सर्टिफिकेट स्कूल ने रोक रखा है. इस पत्र को दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका में तब्दील करते हुए सुनवाई की.


सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्यूरी अशोक अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली स्कूल एजुकेशन रुल्स के नियम 167 के मुताबिक कोई स्कूल बकाया फीस जमा नहीं करने पर किसी छात्र का नाम काट सकता है, लेकिन ट्रांसफर सर्टिफिकेट रोक नहीं सकता है.


कोर्ट ने उनकी दलील को स्वीकार करते हुए कहा कि कोई स्कूल बकाया फीस के एवज में ट्रांसफर सर्टिफिकेट रोक नहीं सकता है. उसके बाद कोर्ट ने कुलाची हंसराज मॉडल स्कूल को दोनों छात्रों का ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी करने का निर्देश दिया.

Intro:
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि निजी स्कूल बकाये फीस की एवज में छात्रों का ट्रांसफर सर्टिफिकेट रोक नहीं सकते हैं। हाईकोर्ट ने दो छात्रों के पत्र को याचिका में तब्दील करते हुए कुलाची हंसराज माडल स्कूल, अशोक विहार को उनका ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी करने का निर्देश दिया।


Body:दरअसल कुलाची हंसराज माडल स्कूल ने तीसरी कक्षा के छात्र कार्तिक और प्री-प्राईमरी के छात्र प्रियांश का ट्रांसफर सर्टिफिकेट इस आधार पर रोक दिया था कि उनके ऊपर एक लाख से ज्यादा की रकम स्कूल फीस का बकाया था। दोनों छात्रों ने हाईकोर्ट को पिछले 30 अप्रैल को पत्र लिखकर बताया था कि उनका दूसरे स्कूल में दाखिला इसलिए नहीं हो रहा है क्योंकि उनका ट्रांसफर सर्टिफिकेट स्कूल ने रोक रखा है। इस पत्र को हाईकोर्ट ने याचिका में तब्दील करते हुए सुनवाई की।





Conclusion:सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्यूरी अशोक अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली स्कूल एजुकेशन रुल्स के नियम 167 के मुताबिक कोई स्कूल बकाया फीस जमा नहीं करने पर किसी छात्र का नाम काट सकता है लेकिन ट्रांसफर सर्टिफिकेट रोक नहीं सकता है। कोर्ट ने उनकी दलील को स्वीकार करते हुए कहा कि कोई स्कूल बकाया फीस के एवज में ट्रांसफर सर्टिफिकेट रोक नहीं सकता है। उसके बाद कोर्ट ने कुलाची हंसराज माडल स्कूल को दोनों छात्रों का ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी करने का निर्देश दिया।
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