नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान दिव्यांग छात्रों को शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली को दिल्ली यूनिवर्सिटी ने बताया कि 95 फीसदी दिव्यांग छात्रों ने शेड्यूल परीक्षाओं के लिए फॉर्म भर दिया है.
सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि एक सेमेस्टर से दूसरे सेमेस्टर में प्रमोशन के लिए छात्रों को परीक्षा में बैठने पर जोर नहीं दिया जाएगा. ये परीक्षाएं तब आयोजित की जाएंगी, जब स्थिति सामान्य हो जाएगी. पिछले 2 जून को कोर्ट ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और दिल्ली यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया था. वहीं पिछले 20 मई को कोर्ट ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय और सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने यूजीसी और दिल्ली यूनिवर्सिटी को भी पक्षकार बनाने की अनुमति देते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया था.
दृष्टिबाधितों को ऑनलाइन क्लास का कोई लाभ नहीं मिल रहा
याचिका दो लॉ स्टूडेंट प्रतीक शर्मा और दीक्षा सिंह ने दायर किया है. याचिका में कहा गया कि सभी स्कूल और कॉलेज ऑनलाइन क्लास करा रहे हैं लेकिन दिव्यांग जनों खासकर दृष्टिबाधितों को उसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है. लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन क्लासेज के लिए दिव्यांगों की जरूरतों का ध्यान नहीं दिया गया है. इससे उनका शिक्षण कार्य पूरे तरीके से प्रभावित हो गया है. याचिका में कहा गया है कि दिव्यांग छात्रों को क्लास से वंचित रखना शिक्षा के उनके अधिकार का उल्लंघन है.
दिव्यांग छात्र पूरे पढ़ाई के सिस्टम से बाहर हो गए हैं
याचिका में कहा गया है कि दिव्यांग छात्रों को शिक्षा देने का दायित्व सरकार का है और उसे इसके लिए उचित कदम उठाना चाहिए. ऑनलाइन शिक्षा देने में स्कूल कॉलेज और यूनिवर्सिटी की ओर से कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया है कि दिव्यांग छात्रों की पढ़ाई कैसे हो. इस रुख की वजह से वर्तमान परिस्थिति में दिव्यांग छात्र पूरे पढ़ाई के सिस्टम से बाहर हो गए हैं.