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दिल्ली HC ने सुशील अंसल को एफ टोकन जारी करने पर पुलिस को लगाई फटकार - uphar cinema fire case culprit

दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई है. कोर्ट ने पुलिस से जवाब मांगा है कि वीवीआईपी को जारी किया जाने वाला पासपोर्ट उपहार हादसा मामले के दोषी सुशील अंसल को कैसे जारी कर दिया गया.

दिल्ली HC सुशील अंसल ETV BHARAT
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Published : Sep 24, 2019, 12:48 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उपहार हादसा मामले के दोषी सुशील अंसल को पासपोर्ट जारी करने के लिए एफ टोकन जारी करने पर पुलिस को फटकार लगाई है. एफ टोकन पासपोर्ट वीवीआईपी को दिया जाता है.

कोर्ट ने कहा कि जो व्यक्ति कोर्ट की तरफ से दोषी ठहराया जा चुका है. उसे एफ टोकन के जरिए अल्प अवधि का पासपोर्ट कैसे जारी किया जा सकता है.

26 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
जस्टिस नाजिम वजीरी ने विदेश विभाग की जांच रिपोर्ट देखने के बाद दिल्ली पुलिस से पूछा आखिर किसके कहने पर सुशील अंसल को एफ टोकन जारी किया गया. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी.

पुलिस की रिपोर्ट में कहीं जिक्र नहीं
दरअसल कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने एक रिपोर्ट सौंपी थी. उसमें कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि पासपोर्ट के पहले पासपोर्ट जारी करने से रोकने वाला वेरिफिकेशन का स्टेटस कैसे बदल गया.
वो भी तब हुआ जब दिल्ली पुलिस क्षेत्रीय पासपोर्ट दफ्तर को 2 बार विपरीत रिपोर्ट भेज चुकी थी. पासपोर्ट दफ्तर को पुलिस की रिपोर्ट की पूरी जानकारी थी.

पुलिस ने पासपोर्ट दफ्तर से मांगी थी जानकारी
पिछले 29 मई को दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को सौंपी अपनी स्टेटस रिपोर्ट में बताया था कि उसने पासपोर्ट दफ्तर को नोटिस जारी कर उन अधिकारियों की भूमिका का पता करने को कहा है. जिनकी वजह से सुशील अंसल को पासपोर्ट जारी किया गया.

पूछताछ के बाद जारी किया गया पासपोर्ट
पिछले 14 मार्च को दिल्ली पुलिस ने बताया था कि उन्होंने उपहार सिनेमा अग्निकांड के दोषी सुशील अंसल के पासपोर्ट बनवाने के समय वेरिफिकेशन करने वाले रिटायर्ड पुलिस अधिकारी से पूछताछ की थी.
दिल्ली पुलिस ने अपने स्टेटस रिपोर्ट में बताया कि उसने सब-इंस्पेक्टर करतार सिंह से पूछताछ की थी. दिल्ली पुलिस के मुताबिक करतार सिंह के वेरिफिकेशन के बाद ही सुशील अंसल को पासपोर्ट जारी किया गया था.

दायर की गई थी याचिका
याचिका उपहार त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन (एवीयूटी) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति ने दायर की थी. याचिकाकर्ता के वकील विकास पाहवा ने कोर्ट को बताया था कि अंसल ने पासपोर्ट की अतिरिक्त पुस्तिका के लिए आवेदन करते समय जानबूझकर झूठा हलफनामा दिया. उस हलफनामे में अपने दोषी होने के तथ्य को छिपा दिया.

ये था उपहार हादसा
आपको बता दें कि 13 जून, 1997 को दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में 'बार्डर' फिल्म दिखाए जाने के दौरान आग लगने के बाद दम घुटने से 59 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद मची भगदड़ में 100 से अधिक लोग घायल भी हो गए थे.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उपहार हादसा मामले के दोषी सुशील अंसल को पासपोर्ट जारी करने के लिए एफ टोकन जारी करने पर पुलिस को फटकार लगाई है. एफ टोकन पासपोर्ट वीवीआईपी को दिया जाता है.

कोर्ट ने कहा कि जो व्यक्ति कोर्ट की तरफ से दोषी ठहराया जा चुका है. उसे एफ टोकन के जरिए अल्प अवधि का पासपोर्ट कैसे जारी किया जा सकता है.

26 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
जस्टिस नाजिम वजीरी ने विदेश विभाग की जांच रिपोर्ट देखने के बाद दिल्ली पुलिस से पूछा आखिर किसके कहने पर सुशील अंसल को एफ टोकन जारी किया गया. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी.

पुलिस की रिपोर्ट में कहीं जिक्र नहीं
दरअसल कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने एक रिपोर्ट सौंपी थी. उसमें कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि पासपोर्ट के पहले पासपोर्ट जारी करने से रोकने वाला वेरिफिकेशन का स्टेटस कैसे बदल गया.
वो भी तब हुआ जब दिल्ली पुलिस क्षेत्रीय पासपोर्ट दफ्तर को 2 बार विपरीत रिपोर्ट भेज चुकी थी. पासपोर्ट दफ्तर को पुलिस की रिपोर्ट की पूरी जानकारी थी.

पुलिस ने पासपोर्ट दफ्तर से मांगी थी जानकारी
पिछले 29 मई को दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को सौंपी अपनी स्टेटस रिपोर्ट में बताया था कि उसने पासपोर्ट दफ्तर को नोटिस जारी कर उन अधिकारियों की भूमिका का पता करने को कहा है. जिनकी वजह से सुशील अंसल को पासपोर्ट जारी किया गया.

पूछताछ के बाद जारी किया गया पासपोर्ट
पिछले 14 मार्च को दिल्ली पुलिस ने बताया था कि उन्होंने उपहार सिनेमा अग्निकांड के दोषी सुशील अंसल के पासपोर्ट बनवाने के समय वेरिफिकेशन करने वाले रिटायर्ड पुलिस अधिकारी से पूछताछ की थी.
दिल्ली पुलिस ने अपने स्टेटस रिपोर्ट में बताया कि उसने सब-इंस्पेक्टर करतार सिंह से पूछताछ की थी. दिल्ली पुलिस के मुताबिक करतार सिंह के वेरिफिकेशन के बाद ही सुशील अंसल को पासपोर्ट जारी किया गया था.

दायर की गई थी याचिका
याचिका उपहार त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन (एवीयूटी) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति ने दायर की थी. याचिकाकर्ता के वकील विकास पाहवा ने कोर्ट को बताया था कि अंसल ने पासपोर्ट की अतिरिक्त पुस्तिका के लिए आवेदन करते समय जानबूझकर झूठा हलफनामा दिया. उस हलफनामे में अपने दोषी होने के तथ्य को छिपा दिया.

ये था उपहार हादसा
आपको बता दें कि 13 जून, 1997 को दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में 'बार्डर' फिल्म दिखाए जाने के दौरान आग लगने के बाद दम घुटने से 59 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद मची भगदड़ में 100 से अधिक लोग घायल भी हो गए थे.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने उपहार हादसा मामले के दोषी सुशील अंसल को पासपोर्ट जारी करने के लिए एफ टोकन जारी करने पर फटकार लगाई है। एफ टोकन पासपोर्ट जारी करने के लिए वीवीआईपी को दिया जाता है। कोर्ट ने कहा कि जो व्यक्ति कोर्ट के द्वारा दोषी ठहराया जा चुका है उसे एफ टोकन के जरिए अल्प अवधि का पासपोर्ट कैसे जारी किया जा सकता है। जस्टिस नाजिम वजीरी ने विदेश विभाग की जांच रिपोर्ट देखने के बाद दिल्ली पुलिस से पूछा आखिर किसके कहने पर एफ टोकन जारी किया गया।




Body:दरअसल कोर्ट के आदेश पर जो दिल्ली पुलिस ने जो रिपोर्ट सौंपी थी उसमें कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि पासपोर्ट के पहले पासपोर्ट जारी करने से रोकने वाला वेरिफिकेशन का स्टेटस कैसे बदल गया। वह भी तब हुआ जब दिल्ली पुलिस ने क्षेत्रीय पासपोर्ट दफ्तर को दो बार विपरीत रिपोर्ट भेज चुका था। पासपोर्ट दफ्तर को पुलिस की रिपोर्ट की पूरी जानकारी थी। उसके बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।

 पिछले 29 मई को दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को सौंपी अपनी स्टेटस रिपोर्ट में बताया था कि उसने पासपोर्ट दफ्तर को नोटिस जारी कर उन अधिकारियों की भूमिका का पता करने को कहा है जिनकी वजह से सुशील अंसल को पासपोर्ट जारी किया गया।

 पिछले 14 मार्च को दिल्ली पुलिस ने बताया था कि उन्होंने उपहार सिनेमा अग्निकांड के दोषी सुशील अंसल के पासपोर्ट बनवाने के समय वेरिफिकेशन करने वाले रिटायर्ड पुलिस अधिकारी से पूछताछ की थी। दिल्ली पुलिस ने अपने स्टेटस रिपोर्ट में बताया कि उसने सब-इंस्पेक्टर करतार सिंह से पूछताछ की थी। दिल्ली पुलिस के मुताबिक करतार सिंह के वेरिफिकेशन के बाद ही सुशील अंसल को पासपोर्ट जारी किया गया था। 

3 अक्टूबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि सुशील अंसल को पासपोर्ट जारी करने वाले पासपोर्ट अधिकारियों से पूछताछ करे। जस्टिस नजमी वजीरी ने विदेश मंत्रालय को आदेश दिया था कि वो उन अधिकारियों की जांच करें जिन्होंने सुशील अंसल को लगातार पासपोर्ट जारी किया।

कोर्ट ने कहा कि कि 2007 में ट्रायल कोर्ट द्वारा अंसल को दोषी ठहराए जाने के बावजूद उसे पासपोर्ट जारी कैसे किया गया था।

याचिका उपहार त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन (एवीयूटी) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति ने दायर की थी। याचिकाकर्ता के वकील विकास पाहवा ने कोर्ट को बताया था कि अंसल ने पासपोर्ट की अतिरिक्त पुस्तिका के लिए आवेदन करते समय जानबूझकर झूठा हलफनामा दिया। उस हलफनामे में अपने दोषी होने के तथ्य को छिपा दिया।



Conclusion:आपको बता दें कि 13 जून, 1997 को दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में ‘बार्डर’ फिल्म दिखाए जाने के दौरान आग लगने के बाद दम घुटने से 59 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद मची भगदड़ में 100 से अधिक लोग घायल भी हो गए थे।
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