नई दिल्ली: चाणक्यपुरी स्थित असम हाउस में तैनात असम पुलिस के एक अधिकारी को साइबर ठग ने अपना शिकार बना लिया. ठग ने कॉल करके अधिकारी से 20 हजार रुपये ठग लिए. आरोपी उनसे 45 हजार रुपये की मांग कर रहा था, लेकिन पीड़ित ने 20 हजार रुपये ही दिए. पैसे मिलने के बाद जब आरोपी ने पीड़ित का मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया तब उन्हें ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने स्पेशल सेल में मामला दर्ज करवाया. पीड़ित ने बताया कि अभी तक न तो उन्हें उनके पैसे मिले और न ही आरोपी गिरफ्तार हुआ है.
पुलिस के अनुसार, पीड़ित प्रभात बरुआ असम पुलिस में है और अभी वह चाणक्यपुरी स्थित असम हाउस में तैनात हैं. शुक्रवार को उन्हें एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने बताया कि वह सीआरपीएफ में तैनात है. उसका ट्रांसफर दूसरी जगह हो गया है, इसलिए वह अपने घर का सामान बहुत सस्ती दर पर बेच रहा है. उसने बताया की लाखों का सामान वह सिर्फ 45 हजार रुपये में दे रहा है. इस पर प्रभात ने सामान खरीदने में रुचि जताई. आरोपी ने कहा कि वह 45 हजार रुपये उसको यूपीआई से पेमेंट कर दे और सामान उठा ले जाएं.
ठग के झांसे में आकर प्रभात ने आरोपी को तुरंत 20 हजार रुपए भेज दिए. इसके बाद आरोपी ने कई बार फोन करके बाकी 25 हजार रुपये भी भेजने के लिए कहा लेकिन प्रभात ने कहा कि जब सामान लेने आयेंगे तब दे देंगे. समान लाने जाने के लिए प्रभात ने उसे एड्रेस मांगने के लिए फोन किया तो आरोपी ने उनका फोन रिसीव नहीं किया. कई बार कॉल करने के बाद आरोपी ने उनका नंबर ब्लॉक कर दिया. इसके बाद दूसरे नंबर से कॉल करने पर पता चला कि वह नंबर स्विच ऑफ है. इसके बाद प्रभात को अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ.
पीड़ित प्रभात बरुआ ने बताया कि उन्होंने सामान खरीदने के लिए न तो किसी वेबसाइट पर कोई सर्च किया था और न ही किसी को कॉल किया था. उन्हें नहीं पता कि इस व्यक्ति का कॉल उनके पास कैसे आया. उन्होंने बताया कि उनका यह मोबाइल नंबर भी कुछ चुनिंदा लोगों के पास ही है.
ये भी पढ़ें : International Thugs: सैकड़ों अमेरिकी नागरिकों से अरबों रुपये ठगने वाले चार इंटरनेशनल ठग गिरफ्तार
ये भी पढ़ें : साइबर ठगों के निशाने पर एसबीआई क्रेडिट कार्ड के ग्राहक, जानिए बचाव के उपाय