नई दिल्ली: साइबर अपराध साल दर साल तेजी से बढ़ रहा है. अक्सर साइबर ठग कम पढ़े लिखे लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. हालांकि, कई बार पढ़े लिखे लोग भी इनके झांसे में आ जाते हैं. वहीं, मौजूदा समय में साइबर ठग किसी को पार्ट टाइम ऑनलाइन काम देने के बहाने तो किसी को यूट्यूब और गूगल की रेटिंग और लाइक के जरिए पैसा कमाने का लालच देकर उनको अपना शिकार बना रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने साइबर क्राइम को रिपोर्ट करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया था. इस पर शिकायतों की बाढ़ आ गई है. पिछले साल के मुकाबले इस साल करीब 3 गुना शिकायतें आ चुकी है.
पार्ट टाइम काम के लिए गवां दी जमा पूंजी: लाजपत नगर निवासी स्मृति को पिछले माह मोबाइल पर मैसेज के जरिए यूट्यूब चैनल लाइक करने के लिए रिक्वेस्ट मिली थी. उन्होंने चैनल लाइक कर लिया. उसके बाद उन्हें एक टेलीग्राम लिंक के जरिए एक ग्रुप में जोड़ा गया. इस ग्रुप में जुड़ने के बाद उन्हें यूट्यूब चैनल को लाइक करने टारगेट दिए जाने लगे. उसके बदले में प्रत्येक लाइक के 75 रुपए मिलने लगे. इसके बाद उनसे धीरे-धीरे करके 15 लाख रुपए अकाउंट में मंगवा लिए. जब उन्होंने अपने पैसे वापस मांगे तो उनसे कहा गया कि वह 45 लाख रुपए जमा करें, तब उनके पैसे वापस आएंगे. इसके बाद उन्होंने कई प्रयास किया लेकिन पैसे वापस नहीं मिले. उनकी शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और जांच कर रही है.
ऐप से लोन लेना पड़ा भारी: वसंत कुंज निवासी एक युवक ने चीनी लोन एप से दो हजार रुपए का लोन लिया था. इसके बदले उन्हें करीब 60 लाख रुपए चुकाने पड़े. जालसाजों ने पैसे की वसूली के लिए मोबाइल से उनकी फोटो ली. उसके साथ छेड़छाड़ कर उसे सोशल मीडिया में वायरल करने की धमकी दी. इस तरह से दो-तीन महीने के दौरान आरोपियों ने उनसे 60 लाख रुपए वसूल लिया. उन्होंने अपने घर के सारे गहने गिरवी रखकर और संपत्ति गिरवी रख कर जालसाजों को रुपए दिए. इतने रुपए चुकाने के बाद भी जालसाज उनकी अश्लील फोटो सोशल मीडिया में वायरल कर रहे थे. तब पुलिस में मामला दर्ज कराया. तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं.
इस तरह के हुए फ्रॉड:
- बिजनेस ईमेल कंपनी के नाम पर फ्रॉड
- डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और सिम स्वैपिंग के मामले
- डीमैट अकाउंट के नाम पर फ्रॉड
- ई वॉलेट संबंधी फ्रॉड
- नौकरी देने और पार्ट टाइम काम देने के बहाने फ्रॉड
- यूपीआइ पेमेंट संबंधी फ्रॉड
- 2022 में जूनतक 426316282 रुपए की हुई ठगी
- 2023 में जून तक 1685012126 रुपए की हुई ठगी
साइबर फ्रॉड से ऐसे बचें: साइबर लॉ एक्सपर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता पवन दुग्गल ने बताया कहा कि मोबाइल में कोई ऐप डाउनलोड करने पर एप डाटा चोरी हो जाता है. ऐप को डाउनलोड करते समय हम बिना उसकी नियम, शर्तें और प्राइवेसी पॉलिसी को पढ़े हुए उनकी हर चीज को परमिशन और एक्सप्टेंस दे देते हैं. एप हमसे सारी परमिशन ले लेता है. यानी अब वह हमारे डेटा को जिस तरह से चाहे उसे तरह से इस्तेमाल कर सकता है. आगे एप हमारे डेटा को साइबर ठगों को बेच देते हैं. जब वह हमारे पास लिंक भेजते हैं तो उनके पास हमारा सारा डाटा होता है. इसलिए उन्हें हमारी किसी अन्य परमिशन की जरूरत नहीं पड़ती है और उनके लिंक पर क्लिक करते ही हमारे अकाउंट से सारे पैसे उड़ जाते हैं. इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए अपने मोबाइल में कम से कम और सिर्फ विश्वसनीय मोबाइल एप डाउनलोड करें.
यह भी जानें: 2022 में साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर 7479 शिकायतें आई थी. वहीं, 2023 में जून तक 24738 शिकायतें आ चुकी है. इन शिकायतों के आधार पर 2022 में जनवरी से जून तक 179 एफआईआर दर्ज की गई थी. जबकि, 2023 में जून तक 152, एफआइआर दर्ज की गई.