नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में प्रिया रमानी का राऊज एवेन्यू कोर्ट में क्रॉस-एग्जामिनेशन हुआ. इस क्रॉस एग्जामिनेशन में प्रिया रमानी ने कहा कि मुझे अकबर के खिलाफ आरोप लगाकर कुछ व्यक्तिगत हासिल होने वाला नहीं. मैं लंबे वक़्त से पत्रकारिता के पेशे में हूं, और इसमें मेरी मेरी प्रतिष्ठा है. ये क्रॉस एग्जामिनेशन 24 सितम्बर को भी जारी रहेगा.
'मैं चुप रह सकती थी'
प्रिया रमानी ने कहा कि चुप रहकर मैं भी खुद को टारगेट होने से बचा सकती थी, पर मैंने ऐसा नहीं किया. किसी भी महिला के लिए ऐसे खुलासा करना आसान नहीं है, पर मुझे उम्मीद है कि मीटू अभियान में किये खुलासे बाकी महिलाओं को ताकत देंगे और वो कार्यस्थल पर अपने अधिकारों को बेहतर समझेंगी.
'मेरे हीरो थे अकबर'
पिछले 7 सितंबर को अपने बयान में रमानी ने कहा था कि एमजे अकबर ने हमें इंटरव्यू के लिए अपने बेडरुम में बुलाया उनका व्यवहार काफी असहज था. रमानी ने अपने बयान में कहा था कि वो 1993 में वो अमेरिका से वापस आई थी. उन्हें पता चला कि नामी संपादक एम जे अकबर एक इंटरनेशनल न्यूज़ पेपर की शुरुआत करने वाले हैं. एमजे अकबर उस समय उनके लिए पत्रकारिता के हीरो थे. उनके लेख पढ़ते हुए मैं बड़ी हुई थी.
'शाम को इंटरव्यू के लिए बुलाया'
रमानी ने कहा था कि मुझे एमजे अकबर ने मुंबई के ओबेराय होटल में शाम सात बजे इंटरव्यू के लिए बुलाया. रमानी ने कहा था कि जब शाम को वो होटल पहुंचीं तो एमजे अकबर होटल की लॉबी में नहीं मिले. उसके बाद रमानी ने रिसेप्शन से एमजे अकबर को फोन किया. एमजे अकबर ने मुझे इंटरव्यू के लिए अपने कमरे में बुलाया. रमानी ने कहा था कि इसके बाद वो कभी अकबर के साथ अकेले में नहीं मिली. मुझे एशियन एज में दिल्ली में 1994 में संवाददाता के तौर पर नियुक्त किया गया.
पिछले 23 अगस्त को प्रिया रमानी ने कहा था कि मैंने ट्वीट कर एमजे अकबर के खिलाफ जो आरोप लगाए वो बिल्कुल सही हैं. रमानी ने कहा था कि हमारे आलेख और ट्वीट एमजे अकबर को लेकर ही थे. हमने सबकुछ सच कहा है. उसमें कोई दुर्भावना नहीं है हम यह नहीं कह सकते हैं कि मेरे ट्वीट से अकबर को अपने दोस्तों और परिजनों के बीच खड़े होने में कोई परेशानी है.
पिछले 10 अप्रैल को कोर्ट ने अभियुक्त प्रिया रमानी के खिलाफ आरोप तय किए थे, सुनवाई के दौरान प्रिया रमानी ने सभी आरोपों से इनकार किया था. पिछले 29 जनवरी को कोर्ट ने प्रिया रमानी को समन जारी किया था. इस मामले में सात लोगों ने अपने बयान दर्ज कराए थे. जिन लोगों के बयान दर्ज हुए उनमें तपन चाकी, मंजर अली, रचना गोयल, वीनू संदल, सुनील गुजराल शामिल थे.
एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है.