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MeToo: अकबर मेरे लिए पत्रकारिता के हीरो थे, उनके लेख पढ़कर बड़ी हुई हूं- प्रिया रमानी

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Published : Sep 9, 2019, 5:41 PM IST

Updated : Sep 9, 2019, 6:01 PM IST

क्रॉस एग्जामिनेशन में प्रिया रमानी ने कहा कि मुझे अकबर के खिलाफ आरोप लगाकर कुछ व्यक्तिगत हासिल होने वाला नहीं. लंबे वक़्त से पत्रकारिता के पेशे में हूं, और इसमे मेरी मेरी प्रतिष्ठा है. ये क्रॉस एग्जामिनेशन 24 सितम्बर को भी जारी रहेगा.

मानहानि मामले में प्रिया रमानी का क्रॉस एग्जामिनेशन

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में प्रिया रमानी का राऊज एवेन्यू कोर्ट में क्रॉस-एग्जामिनेशन हुआ. इस क्रॉस एग्जामिनेशन में प्रिया रमानी ने कहा कि मुझे अकबर के खिलाफ आरोप लगाकर कुछ व्यक्तिगत हासिल होने वाला नहीं. मैं लंबे वक़्त से पत्रकारिता के पेशे में हूं, और इसमें मेरी मेरी प्रतिष्ठा है. ये क्रॉस एग्जामिनेशन 24 सितम्बर को भी जारी रहेगा.

'मैं चुप रह सकती थी'

प्रिया रमानी ने कहा कि चुप रहकर मैं भी खुद को टारगेट होने से बचा सकती थी, पर मैंने ऐसा नहीं किया. किसी भी महिला के लिए ऐसे खुलासा करना आसान नहीं है, पर मुझे उम्मीद है कि मीटू अभियान में किये खुलासे बाकी महिलाओं को ताकत देंगे और वो कार्यस्थल पर अपने अधिकारों को बेहतर समझेंगी.

'मेरे हीरो थे अकबर'

पिछले 7 सितंबर को अपने बयान में रमानी ने कहा था कि एमजे अकबर ने हमें इंटरव्यू के लिए अपने बेडरुम में बुलाया उनका व्यवहार काफी असहज था. रमानी ने अपने बयान में कहा था कि वो 1993 में वो अमेरिका से वापस आई थी. उन्हें पता चला कि नामी संपादक एम जे अकबर एक इंटरनेशनल न्यूज़ पेपर की शुरुआत करने वाले हैं. एमजे अकबर उस समय उनके लिए पत्रकारिता के हीरो थे. उनके लेख पढ़ते हुए मैं बड़ी हुई थी.

'शाम को इंटरव्यू के लिए बुलाया'

रमानी ने कहा था कि मुझे एमजे अकबर ने मुंबई के ओबेराय होटल में शाम सात बजे इंटरव्यू के लिए बुलाया. रमानी ने कहा था कि जब शाम को वो होटल पहुंचीं तो एमजे अकबर होटल की लॉबी में नहीं मिले. उसके बाद रमानी ने रिसेप्शन से एमजे अकबर को फोन किया. एमजे अकबर ने मुझे इंटरव्यू के लिए अपने कमरे में बुलाया. रमानी ने कहा था कि इसके बाद वो कभी अकबर के साथ अकेले में नहीं मिली. मुझे एशियन एज में दिल्ली में 1994 में संवाददाता के तौर पर नियुक्त किया गया.

पिछले 23 अगस्त को प्रिया रमानी ने कहा था कि मैंने ट्वीट कर एमजे अकबर के खिलाफ जो आरोप लगाए वो बिल्कुल सही हैं. रमानी ने कहा था कि हमारे आलेख और ट्वीट एमजे अकबर को लेकर ही थे. हमने सबकुछ सच कहा है. उसमें कोई दुर्भावना नहीं है हम यह नहीं कह सकते हैं कि मेरे ट्वीट से अकबर को अपने दोस्तों और परिजनों के बीच खड़े होने में कोई परेशानी है.

पिछले 10 अप्रैल को कोर्ट ने अभियुक्त प्रिया रमानी के खिलाफ आरोप तय किए थे, सुनवाई के दौरान प्रिया रमानी ने सभी आरोपों से इनकार किया था. पिछले 29 जनवरी को कोर्ट ने प्रिया रमानी को समन जारी किया था. इस मामले में सात लोगों ने अपने बयान दर्ज कराए थे. जिन लोगों के बयान दर्ज हुए उनमें तपन चाकी, मंजर अली, रचना गोयल, वीनू संदल, सुनील गुजराल शामिल थे.

एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है.

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में प्रिया रमानी का राऊज एवेन्यू कोर्ट में क्रॉस-एग्जामिनेशन हुआ. इस क्रॉस एग्जामिनेशन में प्रिया रमानी ने कहा कि मुझे अकबर के खिलाफ आरोप लगाकर कुछ व्यक्तिगत हासिल होने वाला नहीं. मैं लंबे वक़्त से पत्रकारिता के पेशे में हूं, और इसमें मेरी मेरी प्रतिष्ठा है. ये क्रॉस एग्जामिनेशन 24 सितम्बर को भी जारी रहेगा.

'मैं चुप रह सकती थी'

प्रिया रमानी ने कहा कि चुप रहकर मैं भी खुद को टारगेट होने से बचा सकती थी, पर मैंने ऐसा नहीं किया. किसी भी महिला के लिए ऐसे खुलासा करना आसान नहीं है, पर मुझे उम्मीद है कि मीटू अभियान में किये खुलासे बाकी महिलाओं को ताकत देंगे और वो कार्यस्थल पर अपने अधिकारों को बेहतर समझेंगी.

'मेरे हीरो थे अकबर'

पिछले 7 सितंबर को अपने बयान में रमानी ने कहा था कि एमजे अकबर ने हमें इंटरव्यू के लिए अपने बेडरुम में बुलाया उनका व्यवहार काफी असहज था. रमानी ने अपने बयान में कहा था कि वो 1993 में वो अमेरिका से वापस आई थी. उन्हें पता चला कि नामी संपादक एम जे अकबर एक इंटरनेशनल न्यूज़ पेपर की शुरुआत करने वाले हैं. एमजे अकबर उस समय उनके लिए पत्रकारिता के हीरो थे. उनके लेख पढ़ते हुए मैं बड़ी हुई थी.

'शाम को इंटरव्यू के लिए बुलाया'

रमानी ने कहा था कि मुझे एमजे अकबर ने मुंबई के ओबेराय होटल में शाम सात बजे इंटरव्यू के लिए बुलाया. रमानी ने कहा था कि जब शाम को वो होटल पहुंचीं तो एमजे अकबर होटल की लॉबी में नहीं मिले. उसके बाद रमानी ने रिसेप्शन से एमजे अकबर को फोन किया. एमजे अकबर ने मुझे इंटरव्यू के लिए अपने कमरे में बुलाया. रमानी ने कहा था कि इसके बाद वो कभी अकबर के साथ अकेले में नहीं मिली. मुझे एशियन एज में दिल्ली में 1994 में संवाददाता के तौर पर नियुक्त किया गया.

पिछले 23 अगस्त को प्रिया रमानी ने कहा था कि मैंने ट्वीट कर एमजे अकबर के खिलाफ जो आरोप लगाए वो बिल्कुल सही हैं. रमानी ने कहा था कि हमारे आलेख और ट्वीट एमजे अकबर को लेकर ही थे. हमने सबकुछ सच कहा है. उसमें कोई दुर्भावना नहीं है हम यह नहीं कह सकते हैं कि मेरे ट्वीट से अकबर को अपने दोस्तों और परिजनों के बीच खड़े होने में कोई परेशानी है.

पिछले 10 अप्रैल को कोर्ट ने अभियुक्त प्रिया रमानी के खिलाफ आरोप तय किए थे, सुनवाई के दौरान प्रिया रमानी ने सभी आरोपों से इनकार किया था. पिछले 29 जनवरी को कोर्ट ने प्रिया रमानी को समन जारी किया था. इस मामले में सात लोगों ने अपने बयान दर्ज कराए थे. जिन लोगों के बयान दर्ज हुए उनमें तपन चाकी, मंजर अली, रचना गोयल, वीनू संदल, सुनील गुजराल शामिल थे.

एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है.

Intro:नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिय रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में प्रिया रमानी का क्रास-एग्जामिनेशन 24 अक्टूबर को जारी रहेगा। प्रिया रमानी ने कहा कि मुझे अकबर के खिलाफ आरोप लगाकर कुछ व्यक्तिगत हासिल होने वाला नहीं। मैं लंबे वक़्त से पत्रकार हूँ। इस पेशे में मेरी प्रतिष्ठा है ।


Body:प्रिया रमानी ने कहा कि चुप रहकर मैं भी ख़ुद को टारगेट होने से बचा सकती थी, पर मैंने ऐसा नहीं किया । किसी भी महिला के लिए ऐसे खुलासा करना आसान नहीं है। पर मुझे उम्मीद है कि मीटू अभियान में किये खुलासे बाकी महिलाओं को ताकत देंगे और वो कार्यस्थल पर अपने अधिकारों को बेहतर समझेंगी ।

 पिछले 7 सितंबर को अपने बयान में रमानी ने कहा था कि एमजे अकबर ने हमें इंटरव्यू के लिए अपने बेडरुम में बुलाया। उनका व्यवहार काफी असहज था। रमानी ने अपने बयान में कहा था कि वो 1993 में वो अमेरिका से वापस आई थी। उन्हें पता चला कि नामी संपादक एम जे अकबर एक इंटरनेशनल न्यूज़ पेपर की शुरुआत करने वाले हैं। एमजे अकबर उस समय उनके लिए पत्रकारिता के हीरो थे। उनके लेख पढ़ते हुए मैं बड़ी हुई थी। रमानी ने कहा था कि मुझे एमजे अकबर ने मुंबई के ओबेराय होटल में शाम सात बजे इंटरव्यू के लिए बुलाया। रमानी ने कहा था कि जब शाम को वो होटल पहुंचीं तो एमजे अकबर होटल की लॉबी में नहीं मिले। उसके बाद रमानी ने रिसेप्शन से एमजे अकबर को फोन किया। एमजे अकबर ने मुझे इंटरव्यू के लिए अपने कमरे में बुलाया। उन्होंने दबाव डाला कि मैं इंटरव्यू के लिए उनके कमरे में जाऊं। मैं हतप्रभ थी क्योंकि मैंने कॉफी शॉप या लॉबी में इंटरव्यू की उम्मीद की थी। पर 23 साल की उम्र में मैं बहुत ज़्यादा विरोध करने की स्थिति में नहीं थी । इसलिए असहज होने के बावजूद मैं इंटरवयू के लिए कमरे में चली गई।

कमरे पर पहुंचकर रमानी ने कमरे की घण्टी बजाई जिसके बाद एमजे अकबर ने गेट खोला। वह कमरा काफी छोटा था और दरअसल वो बेड रूम था। कमरे में लगे बेडरुम के ठीक बगल में दो लोगों के बैठने के लायक छोटा सा सोफा था। रमानी ने कहा कि एम जे अकबर ने इंटरव्यू के लिए कोई प्रोफेशनल सवाल पूछने के बजाय केवल व्यक्तिगत सवाल पूछे। जैसे मेरी शादी हुई है या नहीं।मेरा कोई बॉय फ्रेंड है या नहीं। उन्होंने मेरे परिवार वालों के बारे में पूछा। इसके बाद उन्होंने मुझे अल्कोहल मिला ड्रिंक पीने के लिए ऑफर किया जिसे मैंने इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने खुद अपने लिए ड्रिंक बनाकर बनाकर पीना शुरू कर दिया। शायद वह वोदका था। रमानी ने कहा कि अकबर ने संगीत में मेरी रुचि के बारे में सवाल पूछा और फिर खुद हिंदी गाने गाने लगे।
उसके बाद अकबर बेड के बगल में छोटे से सोफे पर चले गए और मुझे भी अपनी बगल में बैठने का इशारा किया। मैं उनके इस व्यवहार से काफी असहज हो गई। अब हमें अपनी शारीरिक सुरक्षा की चिंता होने लगी। मैं उस कमरे से जाने लगी। रमानी ने कहा था कि इसके बाद वो कभी अकबर के साथ अकेले में नहीं मिली। मुझे एशियन एज में दिल्ली में 1994 में संवाददाता के तौर पर नियुक्त किया गया।
पिछले 23 अगस्त को प्रिया रमानी ने कहा था कि मैं ने ट्वीट कर एमजे अकबर के खिलाफ जो आरोप लगाए वो बिल्कुल सही हैं। रमानी ने कहा था कि हमारे आलेख और ट्वीट एमजे अकबर को लेकर ही थे। हमने सबकुछ सच कहा है। उसमें कोई दुर्भावना नहीं है। हम यह नहीं कह सकते हैं कि मेरे ट्वीट से अकबर को अपने दोस्तों और परिजनों के बीच खड़े होने में कोई परेशानी है। मेरे आरोप सही थे। अकबर की शिकायत गलत और आधारहीन है। हमने आलेख को अकबर के साथ अपने अनुभवों के आधार पर लिखा था। आलेख में दूसरी महिलाओं के अनुभवों का भी जिक्र किया गया है। हमारे ट्वीट को अंतर्राष्ट्रीय अखबार और वेबसाईट्स को आधार नहीं बनाया गया। अकबर केवल हमारे ट्वीट और आलेख को ही निशाना बना रहे हैं। वो आलेख कई महिलाओं के अनुभवों के आधार लिखा गया था।
पिछले 10 अप्रैल को कोर्ट ने अभियुक्त प्रिया रमानी के खिलाफ आरोप तय किए थे। सुनवाई के दौरान प्रिया रमानी ने सभी आरोपों से इनकार किया था। पिछले 29 जनवरी को कोर्ट ने प्रिया रमानी को समन जारी किया था । इस मामले में सात लोगों ने अपने बयान दर्ज कराए थे।  जिन लोगों के बयान दर्ज हुए उनमें तपन चाकी, मंजर अली , रचना गोयल, वीनू संदल, सुनील गुजराल शामिल थे।



Conclusion:एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है।
Last Updated : Sep 9, 2019, 6:01 PM IST
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