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फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के चुनाव लड़ने पर रोक वाली याचिका खारिज - PDP

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है. ये याचिका जम्मू-कश्मीर के नेता फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने के लिए दायर की गई थी.

याचिका खारिज
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Published : Apr 12, 2019, 7:21 PM IST

नई दिल्ली: हाईकोर्ट ने नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती के 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्वाचन आयोग जाने की सलाह दी.

'इनके बयान संविधान के खिलाफ'
याचिका एक वकील संजीव कुमार ने दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि इन नेताओं के बयान संविधान के खिलाफ हैं इसलिए इनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए. याचिका में कहा गया था कि इनकी पार्टियों नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी पर भी लोकसभा चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए.

फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के चुनाव लड़ने पर रोक वाली याचिका खारिज
याचिका में तीनों नेताओं के बयानों का विस्तृत ब्यौरा देते हुए कहा गया था कि इनकी निष्ठा देश के संविधान के प्रति न होकर कहीं और के लिए है.

'देश की अखंडता को बर्बाद कर रहे'
याचिका में कहा गया था कि इन नेताओं पर भारतीय दंड संहिता के तहत राजद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए. इन नेताओं को अगर चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई तो ये लोकतंत्र का मजाक होगा. याचिका में कहा गया था कि ये नेता दो प्रधानमंत्री की मांग कर देश की अखंडता को बर्बाद करना चाहते हैं.

नई दिल्ली: हाईकोर्ट ने नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती के 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्वाचन आयोग जाने की सलाह दी.

'इनके बयान संविधान के खिलाफ'
याचिका एक वकील संजीव कुमार ने दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि इन नेताओं के बयान संविधान के खिलाफ हैं इसलिए इनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए. याचिका में कहा गया था कि इनकी पार्टियों नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी पर भी लोकसभा चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए.

फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के चुनाव लड़ने पर रोक वाली याचिका खारिज
याचिका में तीनों नेताओं के बयानों का विस्तृत ब्यौरा देते हुए कहा गया था कि इनकी निष्ठा देश के संविधान के प्रति न होकर कहीं और के लिए है.

'देश की अखंडता को बर्बाद कर रहे'
याचिका में कहा गया था कि इन नेताओं पर भारतीय दंड संहिता के तहत राजद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए. इन नेताओं को अगर चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई तो ये लोकतंत्र का मजाक होगा. याचिका में कहा गया था कि ये नेता दो प्रधानमंत्री की मांग कर देश की अखंडता को बर्बाद करना चाहते हैं.

Intro:नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती के 2019 के लोकसभा का चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्वाचन आयोग जाने की सलाह दी।


Body:याचिका एक वकील संजीव कुमार ने दायर की थी।याचिका में कहा गया है कि इन नेताओं के बयान संविधान के खिलाफ हैं इसलिए इनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए। याचिका में कहा गया था कि इनकी पार्टियों नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी पर भी लोकसभा चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए। याचिका में तीनों नेताओं के बयानों का विस्तृत ब्यौरा देते हुए कहा गया था कि इनकी निष्ठा देश के संविधान के प्रति न होकर कहीं और के लिए है।





Conclusion:याचिका में कहा गया था कि इन नेताओं पर भारतीय दंड संहिता के तहत राजद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। इन नेताओं को अगर चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई तो ये लोकतंत्र का मजाक होगा। याचिका में कहा गया था कि ये नेता दो प्रधानमंत्री की मांग कर देश की अखंडता को बर्बाद करना चाहते हैं।
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