नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच लगातार जंग जारी है. बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ कथित तौर पर हुए शराब घोटाले को लेकर मोर्चा खोल रखा है. इसी के तहत दिल्ली के जंतर मंतर पर बुधवार को बीजेपी कार्यकर्ताओं और बीजेपी के बड़े नेताओं ने धरना प्रदर्शन दिया. एक दिन के इस धरना प्रदर्शन में बीजेपी के बड़े-बड़े नेता शामिल हुए और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की. इस प्रदर्शन में पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल, दिल्ली बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता, पूर्व विधायक अनिल शर्मा, नई दिल्ली जिला अध्यक्ष प्रशांत शर्मा, महामंत्री राजन तिवारी समेत बीजेपी के वरिष्ठ नेता और महिला कार्यकर्त्ता भी शामिल हुई.
धरना प्रदर्शन पर बैठे बीजेपी के नेताओं के हाथ में पोस्टर बैनर थे, जिसमें लिखा था कि दिल्ली के शराब माफिया शराब घोटाले के सरगना अरविंद केजरीवाल इस्तीफा दो इस्तीफा दो. इस दौरान महिलाओं के हाथ में अरविंद केजरीवाल, सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया के पोस्टर भी थे, जिन्हें भ्रष्टाचार का माफिया बताया और पोस्टर के जरिए दर्शाया गया कि दिल्ली में किस तरह से इन लोगों ने भ्रष्टाचार किया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने बताया कि जब तक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस्तीफा नहीं देते थे, तब तक भारतीय जनता पार्टी का हर एक कार्यकर्ता सड़क पर प्रदर्शन करता रहेगा. इतना तो पता है कि इस भ्रष्टाचार में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का हाथ है. हम नहीं चाहते कि ईडी और सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करे और तब उनसे पद छीना जाए. इंसानियत इसी में है कि वह खुद अपने पद से इस्तीफा दें ताकि एक मुख्यमंत्री के पद की गरिमा भी बची रहे. नहीं तो सीबीआई और ईडी उन्हें भी गिरफ्तार कर लेगी फिर उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा. तब और ज्यादा बदनामी होगी.
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वहीं, दिल्ली के पूर्व महापौर जयप्रकाश जेपी ने बताया कि दिल्ली सरकार ने हर एक विभाग में भ्रष्टाचार किया है. चाहे जल बोर्ड हो, पीडब्ल्यूडी विभाग, स्वास्थ्य सेवा, शराब आबकारी नीति हो. यह अपने आप को ईमानदार कहते हैं और शहीद भगत सिंह से तुलना करते हैं. उनके भी नाम को ठेस पहुंचा रहे हैं. अगर इन्होंने भ्रष्टाचार नहीं किया तो इनके नेता क्यों जेल में हैं? अगर शराब आबकारी नीति इतनी ही अच्छी थी तो इन लोगों ने फिर वापस क्यों ली? सिर्फ अपने मंत्रियों और भ्रष्टाचार और काली चरित्रों को छुपाने के लिए केजरीवाल किसी पर भी आरोप लगा सकते हैं. लेकिन अब तक इनके छह मंत्रियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लग चुका है. कईयों ने पद से इस्तीफा भी दिया है. पहले जितेंद्र तोमर भी थे, उन पर भी आरोप लगे और उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसी प्रकार दिल्ली के हर एक मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त है.