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Bar Council Of Delhi ने 24 अप्रैल को बुलाई बैठक, जिला अदालतों में सुरक्षा नियमों को लेकर होगा चिंतन

साकेत कोर्ट में हुई गोलीबारी के बाद बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने सुरक्षा चूक संबंधित मामलों पर चिंतन करने के लिए 24 अप्रैल को दिल्ली में सभी बार संघों को बुलाया है.

बार काउंसिल ऑफ दिल्ली
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Published : Apr 22, 2023, 4:14 PM IST

Updated : Apr 22, 2023, 8:08 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के साकेत कोर्ट में हुई गोलीबारी के मद्देनजर बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) ने 24 अप्रैल को बैठक बुलाई है. इसमें जिला अदालतों में सुरक्षा चूक संबंधित मामलों पर चिंतन होगा. राष्ट्रीय राजधानी में सभी बार संघों को बैठक में बुलाया गया है. बीसीडी के महासचिव केके मनन ने कहा कि निचली अदालतों की सुरक्षा सुप्रीम कोर्ट के सुरक्षा नियमों की तर्ज पर होनी चाहिए.

केके मनन ने सुझाव दिया है कि वकीलों को तलाशी में सहयोग करना चाहिए, क्योंकि इस प्रक्रिया का पूरा उद्देश्य उनकी और वादियों की सुरक्षा है. वाहनों की तलाशी भी ठीक से होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अदालत परिसर में व्यक्ति हथियार के साथ घुस जाता है. यह बेहद संगीन मामला है. मनन ने कहा कि वकीलों के साथ-साथ वादियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निचली अदालतों में सुप्रीम कोर्ट जैसी सुरक्षा व्यवस्था लागू की जा सकती है.

अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम: नई दिल्ली बार एसोसिएशन (एनडीबीए) और साकेत कोर्ट बार एसोसिएशन सहित अन्य संघों के सदस्यों ने भी इस अधिनियम की निंदा की. एसोसिएशन ने कहा कि ये घटना एक गंभीर सुरक्षा चूक का खुलासा करता है. जांच प्रक्रिया में वकीलों को भी सहयोग करना चाहिए. वाहनों की फ्रिस्किंग भी ठीक से होनी चाहिए. वहीं एनडीबीए के उपाध्यक्ष और दिल्ली के सभी जिला बार संघों की समन्वय समिति के उपाध्यक्ष अधिवक्ता राहुल सिंह ने अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम को लागू कराने की बात कही है.

ये भी पढ़ें: Satyapal Malik Controversy: गिरफ्तारी देने थाने पहुंचे मलिक, दिल्ली पुलिस बोली- घर जाइए, जानें पूरा विवाद

विशेष समिति का गठन: द्वारका कोर्ट में वकालत करने वाले वकील वीरेंद्र नरवाल की 1 अप्रैल को कोर्ट में दो हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस के अनुसार मामला आपसी रंजिश की ओर इशारा कर रहा है. जांच अभी जारी है. नरवाल को 2017 में उन पर हुए हमले के बाद सुरक्षा कवर प्रदान किया गया था, जिसे 2021 में वापस ले लिया गया था.

इस घटना के बाद बीसीडी ने एक व्यापक अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम का मसौदा तैयार करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है. साथ ही केंद्र को भी एक समान अधिनियम बनाने के लिए एक प्रस्ताव भेजा है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल वीके सक्सेना और पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को अदालतों, अधिवक्ताओं और परिसरों में वादियों की सुरक्षा के लिए भी पत्र लिखा है.

ये भी पढ़ें: Delhi Liquor Policy Case: AAP सांसद संजय सिंह ने ED को भेजा मानहानि का नोटिस

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के साकेत कोर्ट में हुई गोलीबारी के मद्देनजर बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) ने 24 अप्रैल को बैठक बुलाई है. इसमें जिला अदालतों में सुरक्षा चूक संबंधित मामलों पर चिंतन होगा. राष्ट्रीय राजधानी में सभी बार संघों को बैठक में बुलाया गया है. बीसीडी के महासचिव केके मनन ने कहा कि निचली अदालतों की सुरक्षा सुप्रीम कोर्ट के सुरक्षा नियमों की तर्ज पर होनी चाहिए.

केके मनन ने सुझाव दिया है कि वकीलों को तलाशी में सहयोग करना चाहिए, क्योंकि इस प्रक्रिया का पूरा उद्देश्य उनकी और वादियों की सुरक्षा है. वाहनों की तलाशी भी ठीक से होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अदालत परिसर में व्यक्ति हथियार के साथ घुस जाता है. यह बेहद संगीन मामला है. मनन ने कहा कि वकीलों के साथ-साथ वादियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निचली अदालतों में सुप्रीम कोर्ट जैसी सुरक्षा व्यवस्था लागू की जा सकती है.

अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम: नई दिल्ली बार एसोसिएशन (एनडीबीए) और साकेत कोर्ट बार एसोसिएशन सहित अन्य संघों के सदस्यों ने भी इस अधिनियम की निंदा की. एसोसिएशन ने कहा कि ये घटना एक गंभीर सुरक्षा चूक का खुलासा करता है. जांच प्रक्रिया में वकीलों को भी सहयोग करना चाहिए. वाहनों की फ्रिस्किंग भी ठीक से होनी चाहिए. वहीं एनडीबीए के उपाध्यक्ष और दिल्ली के सभी जिला बार संघों की समन्वय समिति के उपाध्यक्ष अधिवक्ता राहुल सिंह ने अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम को लागू कराने की बात कही है.

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विशेष समिति का गठन: द्वारका कोर्ट में वकालत करने वाले वकील वीरेंद्र नरवाल की 1 अप्रैल को कोर्ट में दो हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस के अनुसार मामला आपसी रंजिश की ओर इशारा कर रहा है. जांच अभी जारी है. नरवाल को 2017 में उन पर हुए हमले के बाद सुरक्षा कवर प्रदान किया गया था, जिसे 2021 में वापस ले लिया गया था.

इस घटना के बाद बीसीडी ने एक व्यापक अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम का मसौदा तैयार करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है. साथ ही केंद्र को भी एक समान अधिनियम बनाने के लिए एक प्रस्ताव भेजा है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल वीके सक्सेना और पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को अदालतों, अधिवक्ताओं और परिसरों में वादियों की सुरक्षा के लिए भी पत्र लिखा है.

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Last Updated : Apr 22, 2023, 8:08 PM IST
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