नई दिल्ली : धनतेरस को लेकर बाजारों में धूम है. लोग धनतेरस मनाने की तैयारी में हैं. दरअसल बीते 2 साल कोरोना महामारी की वजह से लोग मन मुताबिक ढंग से धनतेरस नहीं मना पाए थे, लेकिन इस बार स्थिति सामान्य होने के बाद धनतेरस को लेकर उत्साह है. धनतेरस पर कैसे पूजा करनी चाहिए, पूजा का शुभ मुहूर्त (auspicious time of worship) क्या है, इसको लेकर दिल्ली कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत से Etv Bharat को ये बातें बताईं.
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भगवान धन्वंतरी का अवतरण : कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि कार्तिक त्रयोदशी को धनतेरस मनाया जाता है. इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरी अवतरित हुए थे. उन्हें आयुर्वेद का जनक भी कहा जाता है. इस दिन को उनकी जयंती के उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है. इस वर्ष धनतेरस 22 अक्टूबर शनिवार को पड़ा है. धनतेरस के मौके पर सोना-चांदी, बर्तन, आभूषण आदि की खरीदारी करना शुभ माना जाता है. इससे धन की वृद्धि होती है. साथ ही इस दिन धनतेरस यानी धन की पूजा होती है.
मान्यता है कि नए सामान खरीदने चाहिए. इस दिन स्थिर लग्न में पूजा करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है. इस बार धनतेरस पर सही मुहूर्त शाम 7.01 से 8.17 तक स्थिर लग्न है. इसी स्थिर लग्न में पूजा करने से धन की प्राप्ति होती है. साथ ही इस दिन धनवंतरी भगवान की पूजा कर स्वास्थ्य की कामना की जाती है. घर में लक्ष्मी के वास के लिए पूजा-अर्चना की जाती है.
घर में लक्ष्मी का वास : बता दें पूरे भारत सहित दिल्ली में भी बड़े हर्षोल्लास के साथ धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. लोगों में धनतेरस को लेकर उत्साह है. लोग बढ़-चढ़कर खरीदारी करते नजर आ रहे हैं. बाजारों में काफी भीड़ देखी जा रही है. लोग धनतेरस के मौके पर नए सामान खरीदना चाहते हैं. बता दे धनतेरस के दिन नया सामान खरीद कर पूजा करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है. उसी को लेकर बाजारों में रौनक दिख रही हैं.
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