नई दिल्ली: दिल्ली में विधानसभा चुनाव करीब आ चुके हैं. उसको लेकर कांग्रेस में टिकटों के बंटवारे के लिए खींचातानी होने लगी है. बात चांदनी चौक की करें तो एक ओर अलका लांबा अपनी उम्मीदवारी पेश कर रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर जेपी अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल जोर आजमाइश में लगे हैं.
बता दें कि अलका लांबा पिछले पांच साल से आम आदमी पार्टी से विधायक रहीं, लेकिन पार्टी और उनके बीच चल रही आपसी भिड़ंत इस कदर हावी हुई कि उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी. उसके बाद वो कांग्रेस में शामिल हो गईं.
दोनों ने पेश की दावेदारी
आगामी विधानसभा चुनाव के लिए वो पार्टी हाईकमान सोनिया गांधी और दिल्ली कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा से मिलकर दावेदारी पेश कर चुकी हैं. वहीं दूसरी ओर जेपी अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े रहे हैं. उनका राजनीतिक बैकग्राउंड भी काफी सक्रिय माना जा रहा है. ऐसे में उनकी तरफ से भी चांदनी चौक विधानसभा सीट को लेकर दावेदारी दी जा चुकी है.
मुदित अग्रवाल की दावेदारी पर बोलीं अलका लांबा
बता दें कि कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन करने के बाद ये आशा जताई जा रही थी कि चांदनी चौक विधानसभा सीट से एक बार फिर अलका लांबा को टिकट दी जा सकती है. लेकिन जेपी अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल ने भी अपनी दावेदारी पेश की. जिसके बाद अब दोनों में टकराव की स्थिति भी देखने को मिल रही है.
हालांकि इस बाबत अलका लांबा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा-
ये लोकतांत्रिक देश है इसमें कोई भी अपनी उम्मीदवारी पेश कर सकता है. ये बात सही है कि मैं भी वहीं से उम्मीदवारी पेश कर रही हूं और चांदनी चौक से मुदित अग्रवाल भी उम्मीदवारी पेश कर रहे हैं. लेकिन अंतिम फैसला पार्टी का होगा.
पिछले 5 साल जनता के लिए काम किया
अलका लांबा का कहना है कि मैं पार्टी हाईकमान और प्रदेश अध्यक्ष के सामने अपनी उम्मीदवारी काम के जरिए पेश करने के लिए पहुंची हूं. मैंने पार्टी को अपने पिछले 5 साल के कार्यकाल को बताया है. मैंने वहां पर काम किया है, इसलिए उम्मीद है कि पार्टी की ओर से मुझे टिकट दी जाएगी. लेकिन पार्टी जो फैसला लेगी मुझे वो स्वीकार होगा.