नई दिल्ली: एम्स का नर्सिंग स्टाफ अपनी मांगों को लेकर जल्द ही सत्याग्रह करने वाला है. इसे लेकर करीब 3000 नर्सिंग स्टाफ इस प्रदर्शन में शामिल होंगे. नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि हम लोग अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए पिछले तीन साल से लड़ाई लड़ रहे हैं.
नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि एम्स प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इस पर ना तो कोई ध्यान देता है और ना ही हमारी मांगों को पूरा किया जा रहा है. इस बाबत हम आर-पार की लड़ाई कर सत्याग्रह करने जा रहे हैं.
'नहीं मिल रहीं मूलभूत सुविधाएं'
एम्स नर्सिंग यूनियन के अध्यक्ष हरीश काजला ने बताया कि इस में करीब 5500 नर्सिंग स्टाफ काम करता है. ऐसे में उनको मूलभूत सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं. उन्होंने बताया कि यहां काम करने वाले नर्सिंग स्टाफ सिर्फ एम्स में ही अपना उपचार कर सकते हैं. जबकि अन्य अस्पतालों का नर्सिंग स्टाफ अपने घर के पास भी उपचार करा सकता है.
ऐसे में एम्स के नर्सिंग स्टाफ को काफी परेशानी होती है. उन्होंने बताया कि जो नर्सिंग स्टाफ पिछले 15 साल से एम्स में कार्यरत हैं. उसे सरकारी क्वार्टर भी दिया जाता है. लेकिन नर्सिंग स्टाफ को एम्स में सुविधाओं के नाम और सिर्फ झुनझुना दिया जा रहा है.
सत्याग्रह की तैयारी में नर्सिंग के 3 हजार स्टाफ
प्रेसिडेंट हरीश ने बताया कि जिस तरह से हमारी मांगों को लेकर एम्स प्रशासन चिंतित नहीं है. इस बाबत अब हमने ये फैसला किया है कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती. तब तक हम प्रदर्शन करेंगे.
उन्होंने बताया कि शनिवार को यूनियन की एक मीटिंग होनी है. जिसमें प्रदर्शन और आगे की प्लानिंग की जाएगी. उनका कहना है कि इस बार तीन हजार नर्सिंग स्टाफ इस प्रदर्शन में शामिल होंगे.
फिलहाल एम्स नर्सिग स्टाफ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन की तैयारी में है, ऐसे में आने वाले दिनों में एम्स की मरीजों की सुविधाओं पर असर देखने को मिल सकता है.