नई दिल्ली: कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि देश की जनता I.N.D.I.A से चेहरे के तौर पर राहुल गांधी या फिर प्रियंका गांधी को देखना चाहती है. हालांकि अगर किसी कांग्रेस नेता को आई.एन.डी.आई.ए का चेहरा नहीं बनाया जाता है तो फिर अरविंद केजरीवाल एक चेहरा हो सकते हैं. आम आदमी पार्टी कांग्रेस के बाद इकलौती ऐसी पार्टी है जिसकी दो राज्यों में सरकार है.
राहुल गांधी अगर नहीं एक्सेप्ट करते हैं तो प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार होनी चाहिए. अगर कांग्रेस पार्टी ने यह फैसला ले लिया है कि कांग्रेस पार्टी का कोई चेहरा नहीं होगा. फिर केजरीवाल एक बड़ा चेहरा हो सकते हैं.
वन नेशन वन इलेक्शन पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया: आचार्य प्रमोद कृष्णम ने वन नेशन वन इलेक्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में एक साथ इलेक्शन हो इसमें क्या बुराई है. पांच साल में एक बार इलेक्शन होगा. जैसे स्कूलों में समर और विंटर वेकेशन होती हैं. मुझे लगता है इसमें कोई बुराई नहीं है. आचार्य प्रमोद कृष्ण ने कहा कि नेशन वन इलेक्शन में एक लाभ नजर आ रहा है कि देश की जनता पर चुनाव का बोझ कम होगा. इस पॉलिसी के आने से किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए.
क्षेत्रीय दलों को नुकसान: आचार्य कृष्णम ने कहा कि पूरे देश में अगर लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते हैं तो क्षेत्रीय दलों को नुकसान उठाना पड़ेगा. क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर जहां एक तरफ पार्टियां गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है. वहीं दूसरी तरफ गठबंधन में मौजूद क्षेत्रीय पार्टियों एक दूसरे के खिलाफ प्रदेश स्तर पर वोट मांगती है. जब लोकसभा का चुनाव होता है तो राष्ट्रीय मुद्दे जनता के सामने होते हैं, लेकिन जब राज्यों को चुनाव होता है तो क्षेत्रीय मुद्दे सामने आता है.
बीजेपी पर कंसा तंज: कांग्रेस नेता से जब सवाल किया गया कि क्या वन नेशन वन इलेक्शन का फायदा बीजेपी को मिलेगा? उन्होंने जवाब दिया कि अगर बीजेपी को इलेक्शन से फायदा नहीं होता तो इसको क्यों लाया जाता. बीजेपी एक ऐसी पार्टी है, नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जो कहीं भी नजर डालते हैं तो अपना फायदा नुकसान देखकर डालते हैं.
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