नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायक सोमदत्त को 6 महीने की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उन पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. विधायक सोमदत्त साल 2015 में एक शख्स को बेसबॉल के बैट से मारने के दोषी पाए गए हैं.
बता दें कि इस जुर्मानें में से एक लाख रुपया पीड़ित को दिया जाएगा. वहीं गौर करने वाली बात ये है कि कोर्ट ने गुरुवार को ही सोमदत्त को 10 हज़ार के मुचलके पर ज़मानत भी दे दी है. पिछले 29 जून को कोर्ट ने विधायक सोमदत्त को दोषी ठहराया था.
ये है पूरी घटना
ये घटना 10 जनवरी 2015 की है. जब शिकायतकर्ता संजीव राणा के गुलाबी बाग स्थित मकान पर सोमदत्त 50-60 लोगों के साथ पहुंचे और उसका डोरबेल बजाने लगे. लगातार डोरबेल बजाने पर संजीव राणा ने घर का दरवाजा खोला और इसका विरोध किया.
घर का दरवाजा खुलते ही मारने लगे
इसके बाद सोमदत्त संजीव राणा के पैर पर बेसबॉल बैट से मारने लगे. इससे संजीव राणा गिर गया, उसके बाद सोमदत्त के साथ आए लोग संजीव राणा को खींचकर रोड पर ले गए और उसे लात-घूंसों से मारने लगे. मारपीट से संजीव राणा बेहोश हो गया. संजीव राणा के भाई राजीव ने पुलिस को 100 नंबर पर फोन कर सूचना दी. पुलिस की पीसीआर वैन आई और संजीव राणा को हिंदू राव अस्पताल ले गई जहां उसका इलाज हुआ.
'राजनीतिक षडयंत्र के तहत फंसाया'
घटना के अगले दिन सुबह गुलाबी बाग थाने में एफआईआर दर्ज की गई. इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 12 गवाहों का परीक्षण किया. सुनवाई के दौरान सोमदत्त ने अपने को बेकसूर बताया. उसने कहा कि उसे राजनीतिक षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है. शिकायतकर्ता बीजेपी से ताल्लुक रखता है और वो चाहता है कि मेरा विधानसभा का टिकट कट जाए.
सोमदत्त की कोर्ट में की पहचान
अपने बयान में संजीव राणा ने कहा कि वह प्रॉपर्टी डीलर का काम करता है. उसने घटना का पूरा ब्यौरा बताते हुए अभियुक्त सोमदत्त की कोर्ट में पहचान की. उसके बयान का उसके भाई राजीव राणा ने भी समर्थन किया.
राजीव राणा ने बताया घटनाक्रम
राजीव राणा ने कहा कि घटना वाले दिन वह गुलाबी बाग स्थित शिव मंदिर में था, करीब सवा आठ बजे उसके भतीजे तन्मय राणा ने फोन कर कहा कि उसके पिता की सोमदत्त और उसके सहयोगी पिटाई कर रहे हैं.
जब वो घटनास्थल पर पहुंचे तो उसने देखा कि उसका भाई जमीन पर बेहोश पड़ा हुआ है. उसके बाद उसने पुलिस को 100 नंबर पर फोन किया. 15-20 मिनट के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. पुलिस मुझे और मेरे भाई को अस्पताल लेकर गई. अस्पताल में इलाज चलने के करीब 3-4 दिनों के बाद मेरे भाई को छुट्टी मिली.