नई दिल्ली: 13वीं क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में देश के कई उच्च शिक्षण संस्थानों को स्थान मिला है. इसमें आईआईटी दिल्ली, मद्रास, कानपुर, खड़गपुर, भुवनेश्वर, बॉम्बे सहित अन्य आईआईटी और विश्वविद्यालय शामिल हैं. यह रैंकिंग दुनिया के उच्च शिक्षण संस्थानों में चल रहे कोर्सेज की गुणवत्ता के आधार पर की जाती है.
दुनिया के 1594 उच्च शिक्षण संस्थानों में चल रहे 54 कोर्सेज को इस रैंकिंग में शामिल किया गया है. बता दें कि इस बार देश के 11 संस्थानों ने 355 कोर्सेज के लिए दावेदारी की थी, जिनमें से 44 कोर्सेज ने रैंकिंग में अपनी जगह बनाई. पिछले साल 299 कोर्सेज में से 35 कोर्स रैंकिंग के लिए चुने गए थे.
क्यूएस वर्ल्ड सब्जेक्ट रैंकिंग 2023: आईआईटी दिल्ली को इस रैंकिंग में इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी की श्रेणी में 48वां स्थान मिला है. पिछले साल इस श्रेणी में आईआईटी दिल्ली का 72वां स्थान था. जबकि इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन की श्रेणी में 49वां स्थान मिला है. आईआईटी मद्रास के पेट्रोलियम इंजीनियरिंग कोर्स को 21वां स्थान मिला है. इंडियन स्कूल ऑफ माइंस विश्वविद्यालय धनबाद को 25वां, आईआईटी भुवनेश्वर को मिनरल एवं माइनिंग इंजीनियरिंग में 37वां, आईआईटी खड़गपुर को 39वां, दिल्ली विश्वविद्यालय के डेवलपमेंट स्टडीज कोर्स को 49वां स्थान मिला है. इनके अलावा बिट्स पिलानी के 10 और ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी के दो कोर्सेज ने भी शीर्ष 100 में जगह बनाई है. ये कुछ ऐसे पाठ्यक्रम हैं, जिन्हें विषय के आधार पर क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 में शामिल किया गया है.
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क्या है क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग: साल 1990 में अपना पहला इंडस्ट्री लीडिंग रिसर्च करने के बाद ब्रिटिश कंपनी क्वाकरेल्ली साइमंड्स (क्यूएस) ने उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता को रेखांकित करने के लिए वर्ष 2004 से रैंकिंग की शुरुआत की. यह रैंकिंग दुनिया भर में उच्च शिक्षण संस्थानों की संपूर्ण विषयों और यूनिवर्सिटी एक्टिविटीज रैंकिंग का एक वार्षिक प्रकाशन होता है. इसमें दुनिया के कुछ ऐसे विश्वविद्यालयों के नाम आगे किए जाते हैं, जो 54 विभिन्न कोर्सेज की शिक्षा के साथ-साथ पांच फैकल्टी एरिया में काफी अच्छे होते हैं. इनमें रिसर्च, प्लेसमेंट, संस्थान का शिक्षक छात्र अनुपात, अंतरराष्ट्रीय शिक्षक छात्र अनुपात शामिल है.
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