नई दिल्ली: मानसून का आगाज दिल्ली में हो चुका है. ऐसे में अगर लोगों के सर के ऊपर छत नहीं हुई तो लोग कहां जाएंगे. ऐसा ही हाल रविवार को दिल्ली के अन्ना नगर के स्लम एरिया का हुआ. अन्ना नगर में मानसून की पहली भारी बरसात के बाद बेघर हुए लोग अब दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं.
इतना ही नहीं ना तो लोगों के पास पहनने को कपड़े हैं और ना ही पेट भरने को खाना है. इस दुखद हादसे के बाद से लगातार राजनीतिक दलों के नेताओं का घटनास्थल पर दौरा तो जारी है, लेकिन किसी भी राजनीतिक दल के द्वारा अभी तक लोगों की सहायता के लिए कोई घोषणा नहीं की गई है और ना ही किसी नेता ने इन गरीब और बेसहारा लोगों की कोई सहायता की है.
नाले में बह गए 10 घर
मानसून की इस पहली भारी बरसात के बाद अन्ना नगर में नाले के ओवरफ्लो हो जाने के बाद लगभग 10 घर पूरी तरीके से नाले में बह गए और इन 10 घरों में रह रहे परिवारों की जिंदगी भर की जमा पूंजी भी इसी नाले में बह गई. लगभग 50 लोग जो इन घरों में रह रहे थे, वह पूरी तरीके से बेसहारा हो गए हैं. जिसके बाद अब इन लोगों को सरकार से मदद की आस है.
महिलाओं ने बयान किया दर्द
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान महिलाओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि सुबह महज चंद मिनटों के अंदर ही सभी के घर मानसून की पहली भारी बरसात के बाद नाले के ओवरफ्लो होने के वजह से बह गए और हम लोगों को संभालने तक का मौका नहीं मिला. बमुश्किल लोग अपनी और अपने बच्चों की जान बचा पाए. नेता तो सुबह से बहुत आए और हाल-चाल पूछा, लेकिन किसी ने भी मदद नहीं की. हमारी दिल्ली सरकार से अपील है कि जल्द से जल्द हम लोगों की मदद की जाए.
बहरहाल देखा जाए तो अन्ना नगर की महिलाओं ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान अपना दर्द बयान करते हुए कहा कि हम लोगों की जिंन्दगी भर की कमाई एक पल में बह गई. बड़ी मुश्किल से हम सिर्फ अपने बच्चों ओर खुद को बचा पाए है. जो कपड़े हमने पहने है, बस वही अब बचे हैं. हम लोग तो दाने-दाने को मोहताज हो गए है.