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आज ही के दिन 13 साल पहले हुआ था रोहित शर्मा का हिटमैन बनने का सफर शुरू

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Published : Jun 23, 2020, 4:56 PM IST

2007 से लेकर 2020 तक रोहित शर्मा ने 13 सालों में विश्व क्रिकेट फैंस को खेल से प्यार करने के कई मौके दिए हैं. तो आईये एक नजर डालते हैं रोहित 'द हिटमैन शर्मा' की इस कहानी पर.

Rohit sharma
Rohit sharma

हैदराबाद: मुम्बई के घरेलू सर्किट में उन दिनों एक टैलेंट की खास चर्चा चल रही थी. हर शक्स उनकी प्रतिभा का कायल था. सबको पता था कि एक दिन भारतीय क्रिकेट उनपर नाज करेगा और वो दिन करीब था.

मुंबई के घरेलू सर्किट के प्रतिभाशाली बल्लेबाज रोहित शर्मा को 2007 में पहली बार टीम इंडिया के लिए बुलावा आया था. मेन इन ब्लू को आयरलैंड दौरे के लिए रवाना होना था. इस दिन रोहित को पहली बार भारतीय टीम की जर्सी पहने ड्रेसिंग रूम में देखा गया. हालांकि अपने डेब्यू मैच में रोहित को बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला. सौरव गांगुली और गौतम गंभीर ने ही मैच जिताउ पारी खेलकर 9 विकेट से बाजी मार ली.

रोहित को शुरू से ही सलामी बल्लेबाज के तौर पर मौका नहीं मिला था, सच्चाई तो ये भी है कि रोहित खुद भी ओपनर बनने का सपना नहीं देख रहे थे, और टीम में उनकी एंट्री भी एक मध्यक्रम के बल्लेबाज के तौर पर हुई थी.

2007 टी-20 विश्व कप

आयरलैंड दौरे के बाद रोहित को 2007 टी-20 वर्ल्ड कप के लिए टीम में चुना गया. वो टीम, नए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में इतिहास रचने को पूरी तरह से तैयार थी. उस टूर्नामेंट में रोहित ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने बल्ले का कमाल दिखाया और 50 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली. रोहित की इस पारी के कारण भारत ग्रुप स्टेज से आगे बढ़ नॉक आउट का हिस्सा बना. अंत में भारत पहला टी-20 वर्ल्ड कप विजेयता बना.

Rohit sharma
शॉट लगाते रोहित शर्मा

उस टूर्नामेंट के बाद रोहित को 2008 सीबी सीरीज का हिस्सा बनाया गया जहां 66 रनों की पारी के साथ उन्होंने अपनी योग्यता साबित की और महान सचिन तेंदुलकर के साथ मैच में भारत की जीत के हीरो रहे जिन्होंने 117 रन बनाए. श्रृंखला के बाद, रोहित की चमक थोड़ी फिकी पड़ी. उनको ड्रोप कर दिया गया. लेकिन धोनी को रोहित से ज्यादा उनके टैलेंट पर भरोसा था.

2013 चैंपियंस ट्रॉफी

2013 चैंपियंस ट्रॉफी में रोहित को एक दिन पहले धोनी ने कहा वो कल ओपनिंग करने के लिए उतर रहे हैं.

रोहित के समझ में नहीं आया कि वो (धोनी) ऐसा क्यों कर रहे हैं?

एमएस धोनी ने रोहित को ओपनर के तौर पर शिखर धवन के साथ उतार कर एक जुआ खेला, एक ऐसा जुआ जिससे आज तक भारतीय टीम को दिन प्रतिदिन फायदा ही हो रहा है.

धोनी ने रोहित के पूरे करियर को जीवंत कर दिया और भारत को मिला उनका हिटमैन.

हालांकि रोहित एक ओपनर के तौर पर नए थे. एक बार फिर अपने आपको साबित करने का मौका मिला था और सामने थी दक्षिण अफ्रीका. उस दिन ओपनर रोहित ने 81 गेंदों पर 65 रन बनाए.

उस पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने प्रैक्टिस मैच से लेकर फाइनल तक एक चैंपियन टीम की तरह हर मैच जीता.

रोहित ने इस अभियान में 5 मैचों में 177 रन बनाए.

आज वनडे खेल के इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली ओपनिंग जोड़ी के तौर पर रोहित और शिखर चौथे स्थान पर हैं.

उसी साल 2013 में रोहित को धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ओपनर बनकर उतारा.

Rohit sharma
शॉट लगाते रोहित शर्मा

ऑस्ट्रेलिया का भारत दौरा

तारीख थी 2 नवंबर 2013, रोहित ने एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के हर एक कोण में गेंद पहुंचाई और सीमित ओवरों के खेल में भारतीय इतिहास के तीसरे दोहरे शतकवीर बने.

रोहित ने मात्र 158 गेंदों में 209 रन जड़े. ऑस्ट्रेलिया की टीम आज भी उस दिन को एक बुरे सपने की तरह भुलाना चाहती है.

इसके बाद हिटमैन को दूसरा दोहरा शतक लगाने के लिए एक साल ही लगा और एक बार फिर रोहित ने सबित किया कि वो यहां आए हैं इतिहास रचने के लिए.

इस बार रोहित ने ईडन गार्डन,कोलकाता को चुना और श्रीलंका के गेंदबाजों को उनकी हर गेंद पर मुह तोड़ जवाब दिया. रोहित ने नॉटआउट 264 रनों की पारी खेली. जो आज भी एकदिवसीय क्रिकेट में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर माना जाता है.

ये मौका रूकने का नहीं हैं ये मौका है भुनाने का, रोहित इसे बखुबी जानते थे. वो हर साल भारतीय टीम की ओर से वनडे के टॉप स्कोरर रहे. 2013 से लेकर हर साल रोहित के बल्ले से निकले रन उनको एक नई ऊँचाई कि ओर ले जा रहा था. 2017 में उन्होंने मोहाली में श्रीलंकाई गेंदबाजों को आड़े हाथ लेते हुए एक और दोहरा शतक लगाया. रोहित एक बार फिर 208 रन बनाकर नॉटआउट पवेलियन लौैटे.

ये सब उनके करियर के सुनहरे पल थे लेकिन साल 2019 हिटमैन से कुछ और ही चाहता था.

2019 विश्व कप

मौका था 2019 विश्व कप का, चूंकि 2011 विश्व कप में रोहित को टीम में जगह नहीं मिली थी इसलिए उनको इस बार कोई मौका गवाना नहीं था.

इस साल रोहित ने हर टीम के गेंदबाज और फील्डरर्स को रिमांड पर लिया. जहां उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 5 शतक लगाए.

इससे पहले एक विश्व कप में सबसे ज्यादा 4 शतक लगाने का रिकॉर्ड श्रीलंका के कुमार संगकारा के नाम था. लेकिन रोहित ने पूरी मेहनत के साथ बल्लेबाजी की और 5 शतक लगाकर रिकॉर्ड बनाया.

हालांकि भारतीय टीम चूंक गई और रोहित की पारियां फिकी ही रह गई. उन्होंने 9 मैचों में 648 रन बनाए और वे टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर रहे. इस 33 वर्षीय खिलाड़ी को उसी वर्ष का पहला आईसीसी वनडे प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड भी मिला.

आईपीएल के बादशाह बने रोहित

अपनी बल्लेबाजी के अलावा, रोहित ने कप्तानी की कला में भी महारत हासिल की है क्योंकि वो इंडियन प्रीमियर लीग के इतिहास में सबसे सफल कप्तान हैं.

33 वर्षीय रोहित ने मुंबई इंडियंस के कप्तान के रूप में 4 खिताब जीते.

अब तक, रोहित ने भारत के लिए 224 एकदिवसीय मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 29 शतकों और 43 अर्द्धशतकों के साथ 9115 रन बनाए हैं. इस प्रीमियम सलामी बल्लेबाज ने भी टी 20 में महारत हासिल की है क्योंकि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय चरण में खेल के सबसे छोटे प्रारूप में सबसे अधिक 4 शतक बनाए हैं. वो टी 20 क्रिकेट में 108 मैचों में 2773 रन के साथ दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं.

रोहित ने टेस्ट मैचों में 46.54 की औसत से 32 मैचों में 2141 रन के साथ एक शानदार रिकॉर्ड भी बनाया.

इस स्वर्णीम काल को आज 13 साल पूरे हो गए हैं. सभी रोहित फैंस और क्रिकेट लवर्स को इस बेहद खास दिन की हार्दिक बधाई.

हैदराबाद: मुम्बई के घरेलू सर्किट में उन दिनों एक टैलेंट की खास चर्चा चल रही थी. हर शक्स उनकी प्रतिभा का कायल था. सबको पता था कि एक दिन भारतीय क्रिकेट उनपर नाज करेगा और वो दिन करीब था.

मुंबई के घरेलू सर्किट के प्रतिभाशाली बल्लेबाज रोहित शर्मा को 2007 में पहली बार टीम इंडिया के लिए बुलावा आया था. मेन इन ब्लू को आयरलैंड दौरे के लिए रवाना होना था. इस दिन रोहित को पहली बार भारतीय टीम की जर्सी पहने ड्रेसिंग रूम में देखा गया. हालांकि अपने डेब्यू मैच में रोहित को बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला. सौरव गांगुली और गौतम गंभीर ने ही मैच जिताउ पारी खेलकर 9 विकेट से बाजी मार ली.

रोहित को शुरू से ही सलामी बल्लेबाज के तौर पर मौका नहीं मिला था, सच्चाई तो ये भी है कि रोहित खुद भी ओपनर बनने का सपना नहीं देख रहे थे, और टीम में उनकी एंट्री भी एक मध्यक्रम के बल्लेबाज के तौर पर हुई थी.

2007 टी-20 विश्व कप

आयरलैंड दौरे के बाद रोहित को 2007 टी-20 वर्ल्ड कप के लिए टीम में चुना गया. वो टीम, नए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में इतिहास रचने को पूरी तरह से तैयार थी. उस टूर्नामेंट में रोहित ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने बल्ले का कमाल दिखाया और 50 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली. रोहित की इस पारी के कारण भारत ग्रुप स्टेज से आगे बढ़ नॉक आउट का हिस्सा बना. अंत में भारत पहला टी-20 वर्ल्ड कप विजेयता बना.

Rohit sharma
शॉट लगाते रोहित शर्मा

उस टूर्नामेंट के बाद रोहित को 2008 सीबी सीरीज का हिस्सा बनाया गया जहां 66 रनों की पारी के साथ उन्होंने अपनी योग्यता साबित की और महान सचिन तेंदुलकर के साथ मैच में भारत की जीत के हीरो रहे जिन्होंने 117 रन बनाए. श्रृंखला के बाद, रोहित की चमक थोड़ी फिकी पड़ी. उनको ड्रोप कर दिया गया. लेकिन धोनी को रोहित से ज्यादा उनके टैलेंट पर भरोसा था.

2013 चैंपियंस ट्रॉफी

2013 चैंपियंस ट्रॉफी में रोहित को एक दिन पहले धोनी ने कहा वो कल ओपनिंग करने के लिए उतर रहे हैं.

रोहित के समझ में नहीं आया कि वो (धोनी) ऐसा क्यों कर रहे हैं?

एमएस धोनी ने रोहित को ओपनर के तौर पर शिखर धवन के साथ उतार कर एक जुआ खेला, एक ऐसा जुआ जिससे आज तक भारतीय टीम को दिन प्रतिदिन फायदा ही हो रहा है.

धोनी ने रोहित के पूरे करियर को जीवंत कर दिया और भारत को मिला उनका हिटमैन.

हालांकि रोहित एक ओपनर के तौर पर नए थे. एक बार फिर अपने आपको साबित करने का मौका मिला था और सामने थी दक्षिण अफ्रीका. उस दिन ओपनर रोहित ने 81 गेंदों पर 65 रन बनाए.

उस पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने प्रैक्टिस मैच से लेकर फाइनल तक एक चैंपियन टीम की तरह हर मैच जीता.

रोहित ने इस अभियान में 5 मैचों में 177 रन बनाए.

आज वनडे खेल के इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली ओपनिंग जोड़ी के तौर पर रोहित और शिखर चौथे स्थान पर हैं.

उसी साल 2013 में रोहित को धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ओपनर बनकर उतारा.

Rohit sharma
शॉट लगाते रोहित शर्मा

ऑस्ट्रेलिया का भारत दौरा

तारीख थी 2 नवंबर 2013, रोहित ने एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के हर एक कोण में गेंद पहुंचाई और सीमित ओवरों के खेल में भारतीय इतिहास के तीसरे दोहरे शतकवीर बने.

रोहित ने मात्र 158 गेंदों में 209 रन जड़े. ऑस्ट्रेलिया की टीम आज भी उस दिन को एक बुरे सपने की तरह भुलाना चाहती है.

इसके बाद हिटमैन को दूसरा दोहरा शतक लगाने के लिए एक साल ही लगा और एक बार फिर रोहित ने सबित किया कि वो यहां आए हैं इतिहास रचने के लिए.

इस बार रोहित ने ईडन गार्डन,कोलकाता को चुना और श्रीलंका के गेंदबाजों को उनकी हर गेंद पर मुह तोड़ जवाब दिया. रोहित ने नॉटआउट 264 रनों की पारी खेली. जो आज भी एकदिवसीय क्रिकेट में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर माना जाता है.

ये मौका रूकने का नहीं हैं ये मौका है भुनाने का, रोहित इसे बखुबी जानते थे. वो हर साल भारतीय टीम की ओर से वनडे के टॉप स्कोरर रहे. 2013 से लेकर हर साल रोहित के बल्ले से निकले रन उनको एक नई ऊँचाई कि ओर ले जा रहा था. 2017 में उन्होंने मोहाली में श्रीलंकाई गेंदबाजों को आड़े हाथ लेते हुए एक और दोहरा शतक लगाया. रोहित एक बार फिर 208 रन बनाकर नॉटआउट पवेलियन लौैटे.

ये सब उनके करियर के सुनहरे पल थे लेकिन साल 2019 हिटमैन से कुछ और ही चाहता था.

2019 विश्व कप

मौका था 2019 विश्व कप का, चूंकि 2011 विश्व कप में रोहित को टीम में जगह नहीं मिली थी इसलिए उनको इस बार कोई मौका गवाना नहीं था.

इस साल रोहित ने हर टीम के गेंदबाज और फील्डरर्स को रिमांड पर लिया. जहां उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 5 शतक लगाए.

इससे पहले एक विश्व कप में सबसे ज्यादा 4 शतक लगाने का रिकॉर्ड श्रीलंका के कुमार संगकारा के नाम था. लेकिन रोहित ने पूरी मेहनत के साथ बल्लेबाजी की और 5 शतक लगाकर रिकॉर्ड बनाया.

हालांकि भारतीय टीम चूंक गई और रोहित की पारियां फिकी ही रह गई. उन्होंने 9 मैचों में 648 रन बनाए और वे टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर रहे. इस 33 वर्षीय खिलाड़ी को उसी वर्ष का पहला आईसीसी वनडे प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड भी मिला.

आईपीएल के बादशाह बने रोहित

अपनी बल्लेबाजी के अलावा, रोहित ने कप्तानी की कला में भी महारत हासिल की है क्योंकि वो इंडियन प्रीमियर लीग के इतिहास में सबसे सफल कप्तान हैं.

33 वर्षीय रोहित ने मुंबई इंडियंस के कप्तान के रूप में 4 खिताब जीते.

अब तक, रोहित ने भारत के लिए 224 एकदिवसीय मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 29 शतकों और 43 अर्द्धशतकों के साथ 9115 रन बनाए हैं. इस प्रीमियम सलामी बल्लेबाज ने भी टी 20 में महारत हासिल की है क्योंकि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय चरण में खेल के सबसे छोटे प्रारूप में सबसे अधिक 4 शतक बनाए हैं. वो टी 20 क्रिकेट में 108 मैचों में 2773 रन के साथ दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं.

रोहित ने टेस्ट मैचों में 46.54 की औसत से 32 मैचों में 2141 रन के साथ एक शानदार रिकॉर्ड भी बनाया.

इस स्वर्णीम काल को आज 13 साल पूरे हो गए हैं. सभी रोहित फैंस और क्रिकेट लवर्स को इस बेहद खास दिन की हार्दिक बधाई.

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