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Tokyo Olympics 2020, Day 2: देश मुझसे मेडल की उम्मीद कर रहा था तो मैं दृढ़ थी - मीराबाई चानू

मेडल जीतने के बाद मीडिया से बातचीत में मीराबाई चानू ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं कि मैंने पदक जीता है. पूरा देश मुझे देख रहा था और उन्हें मेडल की उम्मीद थीं, मैं थोड़ा घबराई हुई थी लेकिन मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए दृढ़ थी. 2016 में, मेरा प्रदर्शन अच्छा नहीं था लेकिन ये मेरे लिए सीखने के लिहाज से जरूरी साबित हुआ और मुझे पता चला कि मुझे कहां सुधार करने की जरूरत है. मैंने इसके लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की."

Was determined to give my best, 2016 Olympics proved to be a learning curve: Mirabai Chanu
Was determined to give my best, 2016 Olympics proved to be a learning curve: Mirabai Chanu
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Published : Jul 24, 2021, 2:28 PM IST

टोक्यो: भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने टोक्यो इंटरनेशनल फोरम में महिलाओं की 49 किग्रा भारोत्तोलन में ऐतिहासिक रजत पदक हासिल किया है. इस सफलता पर देश से उन्हें बधाइयों का तांता लग गया है. दुनिया में तीसरे स्थान की वेटलिफ्टर मीराबाई ने स्नैच में 87 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 115 किग्रा के साथ कुल 202 किग्रा भार उठाया.

ये मुकाम हासिल करने के बाद मीडिया से बातचीत में मीराबाई चानू ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं कि मैंने पदक जीता है. पूरा देश मुझे देख रहा था और उन्हें मेडल की उम्मीद थीं, मैं थोड़ा घबराई हुई थी लेकिन मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए दृढ़ थी. 2016 में, मेरा प्रदर्शन अच्छा नहीं था लेकिन ये मेरे लिए सीखने के लिहाज से जरूरी साबित हुआ और मुझे पता चला कि मुझे कहां सुधार करने की जरूरत है. मैंने इसके लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की."

2000 सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी के 69 किग्रा वर्ग में कांस्य के बाद मीराबाई का ये मेडल इस खेल में भारत का दूसरा पदक है.

ओलंपिक में रजत पदक के साथ मीराबाई ने अब राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई चैंपियनशिप और विश्व चैंपियनशिप में पदक जीते हैं.

उन्होंने आगे कहा, "जब मैं भारत पहुंचूंगी, तो सीधे अपने घर जाऊंगा, बहुत समय हो गया है कि मैं घर नहीं गई हूं. 1-2 साल से ज्यादा हो गया है और अपने परिवार के साथ कुछ समय बिताना चाहती हूं. लेकिन मैं आज पार्टी करूंगी (हंसते हुए)."

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि वो स्वर्ण के लिए जा सकती थीं इसपर चानू ने कहा, "मैंने स्वर्ण पदक जीतने की पूरी कोशिश की, मैं स्वर्ण जीतने में सक्षम नहीं थी, लेकिन मैंने वास्तव में कोशिश की. जब मैंने दूसरी लिफ्ट की, तो मुझे समझ में आया कि मैं 'मेरे साथ एक मेडल जरूर आएगा".

ये भी पढ़ें- (Video)Tokyo Olympics 2020, Day 2: मीराबाई चानू ने रचा इतिहास, भारत ने जीता टोक्यो में पहला सिल्वर

मीराबाई ने स्नैच के अपने पहले प्रयास में 84 किग्रा भार उठाकर शुरूआत की. उसने अपने दूसरे प्रयास में 87 किग्रा भार उठाकर बेहतर प्रदर्शन किया. अंतिम प्रयास में, वह 89 किग्रा नहीं उठा सकी. लेकिन उसका दूसरा प्रयास, स्नैच में उसका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ भी, झिहुई के पीछे दूसरे स्थान पर रहने के लिए काफी अच्छा था.

26 वर्षीय मीराबाई को ओलंपिक में भारत के लिए पदक की संभावना के रूप में माना गया था, जो शुक्रवार को कोविड-19 महामारी के कारण एक साल की देरी के बाद शुरू हुआ. ओलंपिक की अगुवाई में, मीराबाई ने इस साल अप्रैल में ताशकंद में एशियाई चैंपियनशिप में 205 किग्रा के कांस्य पदक शो में क्लीन एंड जर्क (119 किग्रा) में एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया था.

मीराबाई ने अब एक सफर पूरा कर लिया है, जो 2016 के रियो ओलंपिक में निराशा से शुरू हुआ था. 48 किग्रा वर्ग में ओलंपिक में उनका पदार्पण एक हॉरर शो था, जो क्लीन एंड जर्क के तीनों प्रयासों में उठाने में असमर्थ था. प्रभाव इतना कठिन था कि मीराबाई को रियो की घटनाओं पर काबू पाने के लिए एक खेल मनोवैज्ञानिक की मदद लेनी पड़ी.

रियो से पांच साल, मानसिक रूप से मजबूत और अनुभव में समृद्ध, मीराबाई ने ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला और कुल मिलाकर पांचवीं व्यक्ति बनकर टोक्यो में टर्नअराउंड पूरा किया.

उनके गले में रजत पदक और नकाब के पीछे की मुस्कान ने टोक्यो में खुशी के साथ रियो के दर्द को मिटाते हुए, एक बदलाव के पूरा होने का संकेत दिया.

मीराबाई की इस सफलता पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी है.

चानू के पदक जीतते ही राष्ट्रपति ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा, "भारोत्तोलन में रजत पदक जीतकर टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के लिए पदक तालिका की शुरूआत करने के लिए मीराबाई चानू को हार्दिक बधाई."

प्रधानमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, "इससे सुखद शुरूआत के लिए आशा नहीं की जा सकती थी. भारत उत्साहित है. मीराबाई का शानदार प्रदर्शन. भारोत्तोलन में रजत पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई। उनकी सफलता हर भारतीय को प्रेरित करती है."

इसके अलावा केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी मीराबाई को बधाई दी है.

चीन के होउ झिहुई ने 210 किग्रा का नया ओलंपिक रिकॉर्ड स्थापित करते हुए स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने क्लीन एंड जर्क में 94 किग्रा और 116 किग्रा के साथ स्नैच में भी रिकॉर्ड बनाया. इंडोनेशिया की विंडी केंटिका आयशा ने कुल 194 किलोग्राम भार उठाकर रजत पदक अपने नाम किया.

टोक्यो: भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने टोक्यो इंटरनेशनल फोरम में महिलाओं की 49 किग्रा भारोत्तोलन में ऐतिहासिक रजत पदक हासिल किया है. इस सफलता पर देश से उन्हें बधाइयों का तांता लग गया है. दुनिया में तीसरे स्थान की वेटलिफ्टर मीराबाई ने स्नैच में 87 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 115 किग्रा के साथ कुल 202 किग्रा भार उठाया.

ये मुकाम हासिल करने के बाद मीडिया से बातचीत में मीराबाई चानू ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं कि मैंने पदक जीता है. पूरा देश मुझे देख रहा था और उन्हें मेडल की उम्मीद थीं, मैं थोड़ा घबराई हुई थी लेकिन मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए दृढ़ थी. 2016 में, मेरा प्रदर्शन अच्छा नहीं था लेकिन ये मेरे लिए सीखने के लिहाज से जरूरी साबित हुआ और मुझे पता चला कि मुझे कहां सुधार करने की जरूरत है. मैंने इसके लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की."

2000 सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी के 69 किग्रा वर्ग में कांस्य के बाद मीराबाई का ये मेडल इस खेल में भारत का दूसरा पदक है.

ओलंपिक में रजत पदक के साथ मीराबाई ने अब राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई चैंपियनशिप और विश्व चैंपियनशिप में पदक जीते हैं.

उन्होंने आगे कहा, "जब मैं भारत पहुंचूंगी, तो सीधे अपने घर जाऊंगा, बहुत समय हो गया है कि मैं घर नहीं गई हूं. 1-2 साल से ज्यादा हो गया है और अपने परिवार के साथ कुछ समय बिताना चाहती हूं. लेकिन मैं आज पार्टी करूंगी (हंसते हुए)."

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि वो स्वर्ण के लिए जा सकती थीं इसपर चानू ने कहा, "मैंने स्वर्ण पदक जीतने की पूरी कोशिश की, मैं स्वर्ण जीतने में सक्षम नहीं थी, लेकिन मैंने वास्तव में कोशिश की. जब मैंने दूसरी लिफ्ट की, तो मुझे समझ में आया कि मैं 'मेरे साथ एक मेडल जरूर आएगा".

ये भी पढ़ें- (Video)Tokyo Olympics 2020, Day 2: मीराबाई चानू ने रचा इतिहास, भारत ने जीता टोक्यो में पहला सिल्वर

मीराबाई ने स्नैच के अपने पहले प्रयास में 84 किग्रा भार उठाकर शुरूआत की. उसने अपने दूसरे प्रयास में 87 किग्रा भार उठाकर बेहतर प्रदर्शन किया. अंतिम प्रयास में, वह 89 किग्रा नहीं उठा सकी. लेकिन उसका दूसरा प्रयास, स्नैच में उसका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ भी, झिहुई के पीछे दूसरे स्थान पर रहने के लिए काफी अच्छा था.

26 वर्षीय मीराबाई को ओलंपिक में भारत के लिए पदक की संभावना के रूप में माना गया था, जो शुक्रवार को कोविड-19 महामारी के कारण एक साल की देरी के बाद शुरू हुआ. ओलंपिक की अगुवाई में, मीराबाई ने इस साल अप्रैल में ताशकंद में एशियाई चैंपियनशिप में 205 किग्रा के कांस्य पदक शो में क्लीन एंड जर्क (119 किग्रा) में एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया था.

मीराबाई ने अब एक सफर पूरा कर लिया है, जो 2016 के रियो ओलंपिक में निराशा से शुरू हुआ था. 48 किग्रा वर्ग में ओलंपिक में उनका पदार्पण एक हॉरर शो था, जो क्लीन एंड जर्क के तीनों प्रयासों में उठाने में असमर्थ था. प्रभाव इतना कठिन था कि मीराबाई को रियो की घटनाओं पर काबू पाने के लिए एक खेल मनोवैज्ञानिक की मदद लेनी पड़ी.

रियो से पांच साल, मानसिक रूप से मजबूत और अनुभव में समृद्ध, मीराबाई ने ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला और कुल मिलाकर पांचवीं व्यक्ति बनकर टोक्यो में टर्नअराउंड पूरा किया.

उनके गले में रजत पदक और नकाब के पीछे की मुस्कान ने टोक्यो में खुशी के साथ रियो के दर्द को मिटाते हुए, एक बदलाव के पूरा होने का संकेत दिया.

मीराबाई की इस सफलता पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी है.

चानू के पदक जीतते ही राष्ट्रपति ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा, "भारोत्तोलन में रजत पदक जीतकर टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के लिए पदक तालिका की शुरूआत करने के लिए मीराबाई चानू को हार्दिक बधाई."

प्रधानमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, "इससे सुखद शुरूआत के लिए आशा नहीं की जा सकती थी. भारत उत्साहित है. मीराबाई का शानदार प्रदर्शन. भारोत्तोलन में रजत पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई। उनकी सफलता हर भारतीय को प्रेरित करती है."

इसके अलावा केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी मीराबाई को बधाई दी है.

चीन के होउ झिहुई ने 210 किग्रा का नया ओलंपिक रिकॉर्ड स्थापित करते हुए स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने क्लीन एंड जर्क में 94 किग्रा और 116 किग्रा के साथ स्नैच में भी रिकॉर्ड बनाया. इंडोनेशिया की विंडी केंटिका आयशा ने कुल 194 किलोग्राम भार उठाकर रजत पदक अपने नाम किया.

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